ETV Bharat / state

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्रः नियोजन नीति समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र की शुरुआत आज से हो रही है(Winter session of Jharkhand Legislative Assembly). इसे लेकर सारी तैयारी कर ली गई है. पक्ष विपक्ष ने भी सत्र को लेकर पूरी तैयारी की है. सत्र तो शीतकालीन है लेकिन माहौल गर्म रहने की संभावना है. विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है. वहीं सरकार ने भी विपक्ष के सभी सवालों का जवाब देने की तैयारी कर ली है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Dec 19, 2022, 6:54 AM IST

रांची: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Winter session of Jharkhand Legislative Assembly) आज से शुरू हो रहा है, जो 23 दिसंबर तक चलेगा. इस सत्र में पहले दिन शपथ ग्रहण और शोक प्रकाश रखा जाना है. इसके अलावा राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों की प्रमाणित प्रति सदन के पटल पर रखी जाएगी. दूसरे दिन यानी 20 दिसंबर को प्रश्नकाल होगा इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2022-23 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सरकार की ओर से सदन में लाई जाएगी. 21 दिसंबर को दूसरे अनुपूरक व्यय विवरणी पर सदन में वाद विवाद के बाद सामान्य मतदान होगा. 22 दिसंबर को प्रश्नकाल के अलावा राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य सदन में होंगे. 23 दिसंबर को भी 22 दिसंबर की तरह सत्र का संचालन होगा.

ये भी पढ़ेंः 19 दिसंबर से झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र, जानिए क्या होगा खास

संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने सदन शांतिपूर्ण ढंग से चलाने की अपील करते हुए कहा है कि समय का सदुपयोग हो इसका प्रयास हर सदस्य को करना चाहिए. इधर, विपक्षी दल बीजेपी ने सरकार को शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है. पूर्व स्पीकर और रांची के बीजेपी विधायक सीपी सिंह (MLA CP Singh) ने कहा है कि सरकार जानबूझकर सत्र की कार्य अवधि बहुत ही कम दिनों का रखा है. ऐसे में सभी विधायक सदन में जनता की समस्या को कैसे रख पाएंगे इसे समझना होगा. उन्होंने कहा कि एक बार फिर सदन बगैर नेता प्रतिपक्ष का चलेगा.

बता दें कि झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर रविवार को यूपीए विधायक दल की बैठक हुई(UPA MLA Meeting at CM Hemant Soren residence). करीब 1 घंटे तक चली बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि विपक्ष किन किन मसलों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर सकती है. खासकर हाईकोर्ट में रद्द हुई नियोजन नीति से जुड़े मसले पर विशेष चर्चा हुई.

ये भी पढ़ेंः सदन में विपक्ष के सकारात्मक सवालों का जवाब देगी सरकार, सीएम आवास पर हुई यूपीए विधायकों की बैठक

बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार ने विपक्ष के सभी सकारात्मक सवालों का जवाब देने की तैयारी की है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने झारखंड के स्थानीय लोगों की जन भावनाओं को देखते हुए नियोजन नीति बनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट में यह नीति रद्द हो गई. जब एक दरवाजा बंद होता है तो दूसरा दरवाजा खुलता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मसले पर कुछ न कुछ रास्ता जरूर निकलेगा.

उन्होंने कहा कि सदन में कार्य मंत्रणा की बैठक के दौरान इस बात पर चर्चा होगी कि किन विषयों पर स्पेशल डिबेट कराया जा सकता है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि शीतकालीन सत्र की कार्यवाही 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक चलेगी. पहले दिन शोकप्रकाश होगा. इस सत्र के दौरान सरकार अनुपूरक बजट लाएगी. जिस पर वाद विवाद भी होगा. इसके अलावा सामान्य रूप से प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण की कार्यवाही भी होगी. कार्यवाही के अंतिम दिन गैर सरकारी संकल्प पर सरकार जवाब देगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से चले ताकि जन समस्याओं का निदान हो सके.

वहीं झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सत्ता पक्ष को कैसे घेरा जाए, इसको लेकर भाजपा विधायक दल की बैठक रविवार को हुई. इस दौरान सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पार्टी के मुख्य सचेतक विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि हेमंत सरकार ने खान, खनिज, बालू, पत्थर घोटाले की तरह 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति के नाम पर जनभावना घोटाला किया है.

इसे भी पढ़ेंः 1932 है जन भावना घोटाला, OBC आरक्षण भी खिलवाड़, भाजपा विधायक दल की बैठक में बनी रणनीति

मुख्य सचेतक विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि 2002 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने 1932 आधारित नियोजन नीति को लागू किया था, जिसे उच्च न्यायालय ने विस्तृत समीक्षोपरंत लागू करने के सुझाव दिए थे. आज हेमंत सरकार बिना कोई समीक्षा किए और सदन में चर्चा कराए, इसे लागू कराने का ढिंढोरा पीट रही है. उन्होंने कहा कि आज हेमंत सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डुबी है. जांच एजेंसियों की कारवाई से इस सरकार के रोज रोज नए कारनामे उजागर हो रहे हैं. साहिबगंज से सिमडेगा तक पूरे प्रदेश में राज्य के संसाधनों की लूट मची है. उन्होंने कहा कि इन सारी नाकामियों,अपने तीन साल की विफलताओं को छुपाने के लिए मुख्यमंत्री यात्रा कर रहे हैं लेकिन राज्य की जनता इन्हे पूरी तरह समझ चुकी है.

विधायक बिरंची नारायण ने कहा हेमंत सरकार के जनविरोधी और कानून विरोधी नीतियों का हश्र जनता देख रही है.जिस प्रकार से पिछले दिनों उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की नियोजन नीति को रद्द किया, वह सरकार की अदूरदर्शिता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले भी राज्य सरकार को आगाह किया था. लेकिन यह सरकार जल्दीबाजी में सस्ती लोकप्रियता केलिए विधि विरुद्ध फैसले कर रही है. यह सरकार जनभावनाओं से खेल रही है. बिरंची नारायण ने कहा कि इसी प्रकार हेमंत सरकार ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण के नाम पर भी केवल खिलवाड़ किया है.

बिरंची नारायण ने मुख्यमंत्री के गृह जिले साहिबगंज में एक पहाड़िया लड़की रबिता पहाड़िया की निर्मम हत्या पर सवाल उठाते हुए, इस घटना को राज्य के ऊपर कलंक बताया. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की तुष्टिकरण नीति से राज्य में समुदाय विशेष के अपराधियों का मनोबल बढ़ा है. उन्होंने कहा भाजपा विधायक दल की बैठक में आज राज्य के इन सभी पहलुओं पर विस्तार से गंभीर चर्चा हुई.

रांची: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Winter session of Jharkhand Legislative Assembly) आज से शुरू हो रहा है, जो 23 दिसंबर तक चलेगा. इस सत्र में पहले दिन शपथ ग्रहण और शोक प्रकाश रखा जाना है. इसके अलावा राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों की प्रमाणित प्रति सदन के पटल पर रखी जाएगी. दूसरे दिन यानी 20 दिसंबर को प्रश्नकाल होगा इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2022-23 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सरकार की ओर से सदन में लाई जाएगी. 21 दिसंबर को दूसरे अनुपूरक व्यय विवरणी पर सदन में वाद विवाद के बाद सामान्य मतदान होगा. 22 दिसंबर को प्रश्नकाल के अलावा राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य सदन में होंगे. 23 दिसंबर को भी 22 दिसंबर की तरह सत्र का संचालन होगा.

ये भी पढ़ेंः 19 दिसंबर से झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र, जानिए क्या होगा खास

संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने सदन शांतिपूर्ण ढंग से चलाने की अपील करते हुए कहा है कि समय का सदुपयोग हो इसका प्रयास हर सदस्य को करना चाहिए. इधर, विपक्षी दल बीजेपी ने सरकार को शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है. पूर्व स्पीकर और रांची के बीजेपी विधायक सीपी सिंह (MLA CP Singh) ने कहा है कि सरकार जानबूझकर सत्र की कार्य अवधि बहुत ही कम दिनों का रखा है. ऐसे में सभी विधायक सदन में जनता की समस्या को कैसे रख पाएंगे इसे समझना होगा. उन्होंने कहा कि एक बार फिर सदन बगैर नेता प्रतिपक्ष का चलेगा.

बता दें कि झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर रविवार को यूपीए विधायक दल की बैठक हुई(UPA MLA Meeting at CM Hemant Soren residence). करीब 1 घंटे तक चली बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि विपक्ष किन किन मसलों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर सकती है. खासकर हाईकोर्ट में रद्द हुई नियोजन नीति से जुड़े मसले पर विशेष चर्चा हुई.

ये भी पढ़ेंः सदन में विपक्ष के सकारात्मक सवालों का जवाब देगी सरकार, सीएम आवास पर हुई यूपीए विधायकों की बैठक

बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार ने विपक्ष के सभी सकारात्मक सवालों का जवाब देने की तैयारी की है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने झारखंड के स्थानीय लोगों की जन भावनाओं को देखते हुए नियोजन नीति बनाई थी, लेकिन हाईकोर्ट में यह नीति रद्द हो गई. जब एक दरवाजा बंद होता है तो दूसरा दरवाजा खुलता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस मसले पर कुछ न कुछ रास्ता जरूर निकलेगा.

उन्होंने कहा कि सदन में कार्य मंत्रणा की बैठक के दौरान इस बात पर चर्चा होगी कि किन विषयों पर स्पेशल डिबेट कराया जा सकता है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि शीतकालीन सत्र की कार्यवाही 19 दिसंबर से 23 दिसंबर तक चलेगी. पहले दिन शोकप्रकाश होगा. इस सत्र के दौरान सरकार अनुपूरक बजट लाएगी. जिस पर वाद विवाद भी होगा. इसके अलावा सामान्य रूप से प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण की कार्यवाही भी होगी. कार्यवाही के अंतिम दिन गैर सरकारी संकल्प पर सरकार जवाब देगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से चले ताकि जन समस्याओं का निदान हो सके.

वहीं झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सत्ता पक्ष को कैसे घेरा जाए, इसको लेकर भाजपा विधायक दल की बैठक रविवार को हुई. इस दौरान सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पार्टी के मुख्य सचेतक विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि हेमंत सरकार ने खान, खनिज, बालू, पत्थर घोटाले की तरह 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति के नाम पर जनभावना घोटाला किया है.

इसे भी पढ़ेंः 1932 है जन भावना घोटाला, OBC आरक्षण भी खिलवाड़, भाजपा विधायक दल की बैठक में बनी रणनीति

मुख्य सचेतक विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि 2002 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने 1932 आधारित नियोजन नीति को लागू किया था, जिसे उच्च न्यायालय ने विस्तृत समीक्षोपरंत लागू करने के सुझाव दिए थे. आज हेमंत सरकार बिना कोई समीक्षा किए और सदन में चर्चा कराए, इसे लागू कराने का ढिंढोरा पीट रही है. उन्होंने कहा कि आज हेमंत सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डुबी है. जांच एजेंसियों की कारवाई से इस सरकार के रोज रोज नए कारनामे उजागर हो रहे हैं. साहिबगंज से सिमडेगा तक पूरे प्रदेश में राज्य के संसाधनों की लूट मची है. उन्होंने कहा कि इन सारी नाकामियों,अपने तीन साल की विफलताओं को छुपाने के लिए मुख्यमंत्री यात्रा कर रहे हैं लेकिन राज्य की जनता इन्हे पूरी तरह समझ चुकी है.

विधायक बिरंची नारायण ने कहा हेमंत सरकार के जनविरोधी और कानून विरोधी नीतियों का हश्र जनता देख रही है.जिस प्रकार से पिछले दिनों उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की नियोजन नीति को रद्द किया, वह सरकार की अदूरदर्शिता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले भी राज्य सरकार को आगाह किया था. लेकिन यह सरकार जल्दीबाजी में सस्ती लोकप्रियता केलिए विधि विरुद्ध फैसले कर रही है. यह सरकार जनभावनाओं से खेल रही है. बिरंची नारायण ने कहा कि इसी प्रकार हेमंत सरकार ने पिछड़ा वर्ग आरक्षण के नाम पर भी केवल खिलवाड़ किया है.

बिरंची नारायण ने मुख्यमंत्री के गृह जिले साहिबगंज में एक पहाड़िया लड़की रबिता पहाड़िया की निर्मम हत्या पर सवाल उठाते हुए, इस घटना को राज्य के ऊपर कलंक बताया. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की तुष्टिकरण नीति से राज्य में समुदाय विशेष के अपराधियों का मनोबल बढ़ा है. उन्होंने कहा भाजपा विधायक दल की बैठक में आज राज्य के इन सभी पहलुओं पर विस्तार से गंभीर चर्चा हुई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.