रांचीः झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र अपने अंतिम पड़ाव पर है. गुरुवार को इस सत्र का अंतिम कार्य दिवस होने वाला है. इस दिन गैर-सरकारी संकल्प के साथ साथ सरकार सदन में अपना वक्तव्य देगी. हो-हंगामे के बीच गुजरा शीत सत्र के अंतिम दिन भी हंगामे के आसार हैं. पिछले कार्य दिवसों में भी विपक्ष ने अपने तेवर तल्ख करते हुए, सदन के अंदर और बाहर सरकार को घेरने का प्रयास किया.
इससे पहले झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन यानी बुधवार 20 दिसंबर को 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक को सदन में पारित कराया गया. भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिना संशोधन के बिल पारित करने का प्रस्ताव रखा. जिसके बाद 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक बिना संशोधन के सदन से पारित कराया गया.
बुधवार को इसी पाली में प्रज्ञान इंटरनेशनल विश्वविद्यालय (निरसन) विधेयक 2023 सदन में पेश किया गया. जिसे भी सदन में पारित करा लिया गया. वहीं झारखंड पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 को भी सदन से पारित कराया गया. इसके बाद स्थानीय नीति विधेयक को लेकर सदन में चर्चा की गयी. जिसमें सदस्यों ने अपनी वक्तव्य पेश किया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि संविधान में नियम बनाने का शक्ति विधानमंडल को है. वहीं नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि बिना संशोधन के बिल पास कराने के पीछ सरकार की मंशा ठीक नहीं है.
इससे पहले शीतकालीन सत्र के तीसरे कार्य दिवस मंगलवार को विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही बाधित रही. इसी हंगामे के बीच सदन में 8111.75 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पर चर्चा कर उसे पारित करा लिया गया. इस बीच विपक्ष के हंगामे को देखते हुए स्पीकर बीजेपी के तीन विधायकों को निलंबित कर दिया. वहीं सोमवार 18 दिसंबर को शीत सत्र के दूसरे कार्य दिवस में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन में 8111.75 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया. साथ ही महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी ने झारखंड राज्य दिव्यांगजन अधिकार नियमावली 2018, झारखंड राज्य माता-पिता भरण पोषण और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण नियम 2014 और झारखंड जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (केयर एंड प्रोटक्शन) रूल्स 2017 की प्रति को सभा पटल पर रखा. वहीं 15 दिसंबर को शीतकालीन सत्र की शुरुआत हुई और सदन में शोक प्रस्ताव पारित कर सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
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