रांची: झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Jharkhand Assembly) 19 दिसंबर से शुरू होगा जो 23 दिसंबर तक चलेगा. इस सत्र में पहले दिन शपथ ग्रहण या शोक प्रकाश रखा जाना है इसके अलावा राज्यपाल द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों की प्रमाणित प्रति सदन के पटल पर रखी जाएगी. दूसरे दिन यानी 20 दिसंबर को प्रश्नकाल होगा इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2022-23 के द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी सरकार की ओर से सदन में लाई जाएगी. 21 दिसंबर को दूसरे अनुपूरक व्यय विवरणी पर सदन में वाद विवाद के बाद सामान्य मतदान होगी. 22 दिसंबर को प्रश्नकाल के अलावा राजकीय विधेयक और अन्य राजकीय कार्य सदन में होंगे. 23 दिसंबर को भी 22 दिसंबर की तरह सत्र का संचालन होगा.
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संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम (Minister Alamgir Alam) ने सदन शांतिपूर्ण चलाने कि अपील करते हुए कहा है कि समय का सदुपयोग हो इसका प्रयास हर सदस्य को होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सदन में विधेयक कौन कौन से आयेंगे अभी तय नहीं हुआ है. इधर, विपक्षी दल बीजेपी ने सरकार को शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में घेरने की पूरी तैयारी कर रखी है. पूर्व स्पीकर और रांची के बीजेपी विधायक सीपी सिंह (MLA CP Singh) ने कहा है कि सरकार जानबूझकर सत्र की कार्य अवधि बहुत ही कम दिनों का रखा है. ऐसे में सभी विधायक सदन में जनता की समस्या को कैसे रख पाएंगे इसे समझना होगा. उन्होंने कहा कि एक बार फिर सदन वगैर नेता प्रतिपक्ष का चलेगा.
शीतकालीन सत्र से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष की बैठक: शीतकालीन सत्र से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष की अलग-अलग बैठक होगी. इस दौरान सदन की कार्यवाही को लेकर रणनीति बनाया जाएगा. सत्तारूढ़ दल ने विपक्ष की संभावित तैयारी को ध्यान में रखते हुए विभागीय सचिवों से सदन में आने वाले सवालों का समुचित जवाब तैयार करने के साथ ही सदन चलने के वक्त पदाधिकारियों को उपस्थित रहने को कहा है. शीतकालीन सत्र को लेकर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रे और राजद की संयुक्त बैठक मुख्यमंत्री आवास पर 18 दिसंबर को बुलाई गई है. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने विधायक दल की बैठक भी शीतकालीन सत्र को लेकर बुलाया है.
संवैधानिक व्यवस्था के तहत एक सत्र से दूसरे सत्र की अधिकतम अवधि 06 महीने का होना चाहिए. विधानसभा सत्र सामान्य तौर पर साल में तीन बार आहूत किए जाते हैं जो कि बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र के रुप में जाना जाता है.