रांची: झारखंड में साल 2022 की तरह इस साल भी मानसून ने किसानों को धोखा दे दिया है. जब राज्य के किसानों को खरीफ फसल के लिए पानी की जरूरत थी, तब बारिश नहीं हुई, लिहाजा खेतीबाड़ी पर खराब असर पड़ा है. राज्य के लगभग 28 लाख हेक्टेयर जमीन में से 10 लाख हेक्टेयर जमीन खाली रह गयी. वहीं जिन किसानों ने किसी तरह धान और अन्य खरीफ की फसल लगायी, उनकी उपज कैसी होगी, उस पर ग्रहण लगा हुआ है.
यह भी पढ़ें: खुशखबरी! झारखंड के किसानों को खरीफ फसल की क्षतिपूर्ति पर अब हर साल मिलेगी राशि, ऐसे ले सकते हैं लाभ
इस परिस्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने झारखंड फसल राहत योजना को इस वर्ष भी चालू रखा है. लेकिन हैरत की बात यह है कि बेहद खस्ताहाल स्थिति में होने के बावजूद किसान इस योजना के तहत निबंधन नहीं करा रहे हैं. राज्य में करीब 45 लाख से अधिक किसानों में से 13 लाख से कुछ ही ज्यादा किसानों ने निबंधन कराया है. ऐसे में कृषि विभाग ने इस योजना का लाभ लेने के लिए निबंधन की तिथि 30 नवंबर तक बढ़ा दी है.
किसानों में योजना के लिए क्यों नहीं दिख रहा उत्साह: अन्नदाताओं की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद किसानों में फसल राहत योजना के प्रति उत्साह नहीं दिखने की वजह जानने के लिए ईटीवी भारत ने किसानों से बात की. नगड़ी प्रखंड के युवा किसान मोहम्मद निसार ने बताया कि पिछले वर्ष भी वह और उनके जैसे गांव के कई किसानों ने फसल राहत योजना के लिए निबंधन कराया था, लेकिन मिला कुछ भी नहीं. इसलिए इस वर्ष उन्होंने निबंधन नहीं कराया.
पिछले वर्ष बड़ी संख्या में किसानों के आवेदन हुए रिजेक्ट: झारखंड राज्य सहकारिता विभाग के विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि राज्य में पिछले वर्ष बड़ी संख्या में किसानों ने आवेदन तो किया था लेकिन उनमें से 06 लाख 46 हजार आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए. वहीं 03 लाख 23 हजार आवेदन को कुछ अन्य डॉक्यूमेंट्स के अभाव के कारण वापस कर दिए गए. क्योकि नियमानुसार हल्का, सीआई या अंचलाधिकारी के वेरिफिकेशन में आवेदन में कुछ कमी पाई गई.
सभी अहर्ता पूरा करने वाले किसानों को मिलेगा लाभ: राज्य के सहकारिता निदेशक सूरज कुमार ने झारखंड राज्य फसल राहत योजना के लिए निबंधन की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 नवंबर करने की जानकारी देते हुए कहा कि कुछ तकनीकी कारणों से जिन योग्य किसानों को पिछले वर्ष की राहत राशि नहीं मिली है, जल्द उनके खाते में 35 सौ रुपये पहुंच जाएंगे. उन्होंने कहा कि इस वर्ष इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों में जल्द जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा. क्योंकि इस योजना में किसानों को प्रज्ञा केंद्र से निबंधन कराने पर सिर्फ 10 रुपया और EKYC कराने पर 40 रुपया खर्च होता है. ऐसे में किसानों को जल्द निबंधन करा लेना चाहिए.