रांची: कोरोना से जंग लड़ने में वेंटिलेटर एक अहम हथियार है. वेंटिलेटर सांस लेने में मदद करता है. वेंटिलेशन से कोरोना वायरस का इलाज नहीं होता है. यह मशीन बस सांस लेने में मदद करती है. आम इंसान खुली हवा से 21 से 22 प्रतिशत ऑक्सीजन प्राप्त करता है. वेंटिलेटर के जरिए मरीज को 21 से 100 प्रतिशत तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा सकती है. इसलिए कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में वेंटिलेटर की भूमिका अहम है. इस समय पूरे विश्य में वेंटिलेटर की कमी है.
झारखंड में 350 वेंटिलेटर
झारखंड में सरकारी और निजी अस्पताल मिलाकर कुल वेंटिलेटर की संख्या फिलहाल 350 है. राज्य की आवादी के हिसाब से देखें तो हर 93 हजार लोगों पर एक वेंटिलेटर है. इससे साफ है कि राज्य में वेंटिलेटर की उपलब्धता बेहद कम है.
![status of ventilator in Jharkhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/vlcsnap-2020-04-26-12h01m03s986_2604newsroom_1587883255_14.png)
रिम्स में कोविड-19 के लिए 19 वेंटिलेटर
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मात्र 50 वेंटिलेटर हैं, जिसमें कोविड-19 के लिए 30 वेंटिलेटर को रखा गया है. रांची के कुछ प्राइवेट अस्पताल को भी कोविड-19 के लिए आईसीयू तैयार रखने को कहा गया है. हालांकि रिम्स में कोरोना के किसी भी मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की अभी तक जरूरत नहीं हुई है.
![status of ventilator in Jharkhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/vlcsnap-2020-04-26-12h01m14s559_2604newsroom_1587883255_857.png)
पीएमसीएच में 12 वेंटिलेटर
ये तो बात हुई राज्य के राजधानी रांची की, अब अगर बत करें राज्य के दूसरे सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज पीएमसीएच की तो यहां पर 12 वेंटिलेटर है. वहीं, तीसरे सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज एमजीएम की बात करें तो यहां पर मात्र तीन वेंटिलेटर है, जिसमें से एक कोविड-19 के मरीज के लिए रिजर्व रखा गया है. वहीं धनबाद के सेंट्रल अस्पताल की बात करें तो वहां कोरोना के मरीज का इलाज होता है, जहां पर मात्र 3 वेंटिलेटर है.
![status of ventilator in Jharkhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/vlcsnap-2020-04-26-12h01m29s711_2604newsroom_1587883255_167.png)
जिला अस्पतालों में 1-2 वेंटिलेटर
अगर छोटे जिलों की बात करें तो किसी जिले के सदर अस्पताल में एक वेंटिलेटर है तो कहीं दो. इससे भी चौंकाने वाली बात ये है कि दुमका और साहिबगंज के साथ कई ऐसे जिले हैं जहां के सदर अस्पताल में वेंटिलेटर को संचालन करने वाले एक्कपर्ट डॉक्टर भी उपलब्ध नहीं हैं. कई जगहों पर इमरजेंसी के लिए प्राइवेट डॉक्टर को हायर करने की तैयारी है.
![status of ventilator in Jharkhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/vlcsnap-2020-04-26-12h01m45s144_2604newsroom_1587883255_211.png)
300 नए वेंटिलेटर खरीदने पर विचार
राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग भी कोविड-19 की गंभीरता को समझते है. सरकार की ओर से 300 नए वेंटिलेटर खरीदने की बात कही गई है, जिसे आने में वक्त लग सकता है, क्योंकि वेंटिलेटर विदेशों से मंगवाए जाते हैं और अभी इसकी डिमांड अधिक है.
![status of ventilator in Jharkhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/vlcsnap-2020-04-26-12h01m55s278_2604newsroom_1587883255_789.png)
पूरे झारखंड में 6 मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं, लेकिन अभी सभी मेडिकल कॉलेज को कोविड-19 के लिए तैयार नहीं किया गया है. सरकार को अभी और तैयारी करने की जरूरत है.