रांचीः पश्चिमी सिंहभूम के गोईलकेरा में जिस अर्जुन को पुलिस का मुखबिर बताकर मार डालने की बात कही जा रही थी वह पुलिस का मुखबिर नहीं, बल्कि नक्सल समर्थक था. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अर्जुन नक्सलियों से मिलकर लौट रहा था. इसी क्रम में वह नक्सलियों के द्वारा लगाए गए आईईडी बम का शिकार हो गया. पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर ने प्रेस रिलीज में इस बात का जिक्र किया है.
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जानिए क्या है पूरा मामलाः दरअसल, सोमवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के गोईलकेरा थाना क्षेत्र से अर्जुन सुरीन नाम के व्यक्ति का शव बरामद किया गया था. पहले आशंका जताई गई थी कि अर्जुन की हत्या मुखबिर करार देकर नक्सलियों के द्वारा की गई है. हालांकि अर्जुन के शव के पास से किसी तरह का नक्सल पर्चा बरामद नहीं हुआ था. जबकि गोईलकेरा में ही रविवार को एक 62 वर्षीय रणदो सुरीन की नक्सलियों ने मुखबिर बताकर हत्या कर दी थी. घटनास्थल से पुलिस ने नक्सली पर्चा बरामद किया था.
पुलिस की प्रेस रिलीज में अर्जुन को बताया गया नक्सल समर्थकः पुलिस का दावा है कि अर्जुन पूर्व से नक्सल समर्थक रहा है और वह नक्सलियों तक रसद भी पहुंचाया करता था. पश्चिमी सिंहभूम के एसपी आशुतोष शेखर के द्वारा जारी प्रेस रिलीज में यह बताया गया है कि कुछ मीडिया समूह और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से जानकारी मिली है कि गोईलकेरा थाना क्षेत्र में एक नक्सली घटना हुई है, जिसमें लोयाबेड़ा निवासी अर्जुन को नक्सलियों के द्वारा पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगाते हुए हत्या कर दी गई है. इस सूचना के संबंध में जब स्थानीय स्तर पर जांच कराई गई तो अब तक यह जानकारी मिली है कि इस प्रकार की कोई भी घटना उस क्षेत्र में नहीं हुई है. जो जानकारी मिली है उसके अनुसार अर्जुन स्वयं एक नक्सल समर्थक था जो वनग्राम में रहकर माओवादियों को विभिन्न प्रकार की सामग्री उपलब्ध कराता था. जानकारी के अनुसार अर्जुन हुसीपी में नक्सलियों से मुलाकात करने गया था और लौटने के क्रम में सुरक्षा बलों को क्षति पहुंचाने के लगाए गए आईईडी के चपेट में आने से उसकी मौत हो गई. अर्जुन के खिलाफ टोंटो थाना में दो मामले भी दर्ज हैं.