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रांचीः कल्याण मंत्री चंपई सोरेन के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई - चंपई सोरेन की चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई

झारखंड सरकार के कल्याण मंत्री चंपई सोरेन के चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने गवाहों की गवाही लेने से इंकार कर दी.

रांचीः कल्याण मंत्री चंपई सोरेन की चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में हुई सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Feb 19, 2020, 10:12 PM IST

रांचीः झारखंड सरकार के कल्याण मंत्री चंपई सोरेन की चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने गवाहों की गवाही लेने से इंकार कर दी. मंत्री की ओर से गवाह बहादुर मुर्मू ने अपनी लिखित गवाही कोर्ट में प्रस्तुत किए.

देखें पूरी खबर

और पढ़ें- यूथ कांग्रेस का 'यंग इंडिया के बोल' कार्यक्रम, बेरोजगारी के मुद्दे पर युवाओं को बोलने का मिलेगा मंच

इस दौरान अदालत ने पूछा इसमें क्या लिखा हुआ है. इसपर बहादुर मुर्मू ने कहा कि उसे नहीं मालूम कि इसमें क्या लिखा है. इस कागज पर उसने हस्ताक्षर किया है. उसे सिर्फ इतना ही मालूम है. गवाह की यह बात सुनते ही अदालत ने उसकी गवाही लेने से इनकार कर दिया. वहीं चंपई सोरेन की ओर से दूसरे गवाह शंकर सरदार ने अपनी लिखित गवाही अदालत में पेश की. गणेश महली के अधिवक्ता ने क्रॉस एग्जामिनेशन किया, जिस पर शंकर सरदार की ओर से बताया गया कि बात 2014 का है इसीलिए उसे अब कुछ याद नहीं है.

बता दें कि, मंत्री चंपई सोरेन के वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद गणेश महली ने उनके चुनाव को चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार को गवाहों की लिखित गवाही पेश की गई.

रांचीः झारखंड सरकार के कल्याण मंत्री चंपई सोरेन की चुनाव को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने गवाहों की गवाही लेने से इंकार कर दी. मंत्री की ओर से गवाह बहादुर मुर्मू ने अपनी लिखित गवाही कोर्ट में प्रस्तुत किए.

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इस दौरान अदालत ने पूछा इसमें क्या लिखा हुआ है. इसपर बहादुर मुर्मू ने कहा कि उसे नहीं मालूम कि इसमें क्या लिखा है. इस कागज पर उसने हस्ताक्षर किया है. उसे सिर्फ इतना ही मालूम है. गवाह की यह बात सुनते ही अदालत ने उसकी गवाही लेने से इनकार कर दिया. वहीं चंपई सोरेन की ओर से दूसरे गवाह शंकर सरदार ने अपनी लिखित गवाही अदालत में पेश की. गणेश महली के अधिवक्ता ने क्रॉस एग्जामिनेशन किया, जिस पर शंकर सरदार की ओर से बताया गया कि बात 2014 का है इसीलिए उसे अब कुछ याद नहीं है.

बता दें कि, मंत्री चंपई सोरेन के वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद गणेश महली ने उनके चुनाव को चुनौती दी है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान बुधवार को गवाहों की लिखित गवाही पेश की गई.

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