रांचीः राजधानी के कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी की नई टीम का स्वागत समारोह हुआ. कुछ हफ्तों तक अध्यक्ष विहीन रहे जेपीसीसी की नई टीम बनने के बाद पार्टी ने राहत की सांस ली है.
पार्टी के बड़े दिग्गज नदारद
लंबे समय तक तत्कालीन जेपीसीसी प्रमुख अजय कुमार का विरोध किया गया. प्रदेश की कमान हाथ में लेकर लौटी नई टीम के मुखिया का प्रदेश कार्यालय में जमकर स्वागत किया गया, लेकिन उसमें पार्टी के बड़े दिग्गज नदारद रहे. वैसे तो जेपीसीसी मुख्यालय में फूल और माला की कमी नहीं दिखी, लेकिन उन्हें पहनाने वाले पुराने हाथ नहीं दिखे जो खुलकर तत्कालीन नेतृत्व का विरोध करते नजर आ रहे. इस बारे में खुलकर कार्यकारी अध्यक्ष समेत नई टीम के अन्य सदस्यों ने कुछ नहीं कहा, लेकिन चेहरे पर उसकी टीस जरूर देखने को मिली. उन पुराने चेहरों में सुबोधकांत सहाय समेत पार्टी के वरिष्ठ विधायकों में ना तो मनोज कुमार यादव दिखे, ना ही विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और ना ही सुखदेव भगत. वही पार्टी सांसद गीता कोड़ा भी नजर नहीं आयीं.
कार्यकर्ताओं को पहचानने की जरूरत
हालांकि डॉ रामेश्वर उरांव के 10वें प्रदेश अध्यक्ष बनने के मौके पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू ने कहा कि वर्तमान में वैसे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पहचानने की जरूरत है, जिनके नींव पर कांग्रेस खड़ी है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जो स्थिति थी उसमें कई लोग पार्टी से निकाले गए, कई लोग नाराज हो गए. ऐसे लोगों को वापस लाने की जरूरत है, ताकि कांग्रेस पार्टी मजबूत हो सके और आगामी विधानसभा चुनाव में रघुवर सरकार को सत्ता से हटाकर पार्टी अपना संकल्प पूरा कर सके.
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कार्यकर्ताओं को अविलंब वापस बुलाया जाए
पूर्व मंत्री ददई दुबे ने मौके पर प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव से आग्रह किया कि जिस तरह से पिछले अध्यक्ष द्वारा वैसे पार्टी कार्यकर्ताओं को निकाला गया, जो कांग्रेस पार्टी के लिए खून पसीना बहाने को तैयार रहते थे और उनकी एक आवाज पर हजारों लोग खड़े होते थे. वैसे कार्यकर्ताओं को अविलंब वापस बुलाया जाए, ताकि पार्टी मजबूती के साथ आगे बढ़ सके.