ETV Bharat / state

जस्टिस इकबाल के निधन से कानून जगत में शोक की लहर, पढ़ें स्पेशल रिपोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट से किसी भी न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले पहले न्यायाधीश एम.वाई इकबाल के निधन से जज और अधिवक्ताओं में शोक की लहर छा गई है. झारखंड में सफल लोक अदालत की शुरुआत करने वाले वही थे. जस्टिस इकबाल का जन्म 13 फरवरी 1951 में हुआ था.

जस्टिस इकबाल
जस्टिस इकबाल
author img

By

Published : May 8, 2021, 7:10 AM IST

Updated : May 8, 2021, 3:40 PM IST

रांची: झारखंड हाई कोर्ट में एक्टिंग चीफ जस्टिस रह चुके जस्टिस इकबाल का शुक्रवार को निधन हो गया. उनके निधन से जज और अधिवक्ताओं में शोक की लहर छा गई है. राजधानी के अधिवक्ताओं ने कहा कि जस्टिस इकबाल एक मिलनसार और सभी को हमेशा प्रोत्साहित करने वाले व्यक्ति थे. झारखंड के कई अधिवक्ताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.

देखिए वीडियो

इसे भी पढ़ें- झारखंड के पूर्व एक्टिंग चीफ जस्टिस एमवाई इकबाल का निधन, दिल्ली में थे इलाजरत

जस्टिस इकबाल का सफर

साधारण परिवार में 13 फरवरी 1951 को जन्मे जस्टिस इकबाल ने रांची सिविल कोर्ट से देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट तक का सफर तय किया था. रांची सिविल कोर्ट से उन्होंने वर्ष 1975 में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की और उसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की. इसके बाद वो हाई कोर्ट में सरकारी वकील बने और पटना हाई कोर्ट में जज बने. बाद में झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रहे बनाए गए फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. धीरे-धीरे वे आगे बढ़ते गए. जस्टिस इकबाल ने रांची विश्वविद्यालय से 1970 में बीएससी की डिग्री ली थी और 1974 में एलएलबी की डिग्री (गोल्ड मेडलिस्ट) हासिल की थी.

लोक अदालत शुरू करने का श्रेय

जस्टिस इकबाल के जूनियर रहे चुके अधिवक्ता अरविंद कुमार लाल ने बताया कि वो जब झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश बने तो अपने किसी भी भाई को हाई कोर्ट में प्रैक्टिस नहीं करने दी. जब जस्टिस इकबाल झारखंड हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए, तो उन्होंने अपने सभी भाइयों को ये कहा कि वे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस ना करें, ताकि किसी को ये ना लगे कि उनके नाम का उनके भाई गलत फायदा उठा रहे हैं.

झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता आर.एस मजूमदार ने बताया कि जस्टिस इकबाल बहुत ही नेकदिल इंसान थे. वह न्यायाधीश होते हुए भी जब कभी रांची आते थे तो सभी से मिलते थे और हमेशा प्रोत्साहित करते रहते थे. आगे बढ़ने के लिए अपने अनुभव का किस तरह से फायदा उठाया जाए, किस तरह से मेहनत करके आगे बढ़ा जाए, इसके बारे में बताते थे.

वो हमेशा कहते थे कि, मेहनत से आगे बढ़ा जा सकता है. इसलिए इस क्षेत्र में हमेशा मेहनत करने की आवश्यकता है. रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता जस्टिस इकबाल के साथ बतौर अधिवक्ता कई सालों तक काम करने वाले गणेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि जस्टिस इकबाल के निधन से उन्हें व्यक्तिगत क्षति हुई है.

यह भी पढ़ेंः CM ने किया अमृत वाहिनी वेबसाइट, ऐप और चैटबोट का लोकार्पण, ऑनलाइन मिलेगी सरकारी मेडिकल सुविधा

उन्होंने बताया कि वह जस्टिस इकबाल के जूनियर अधिवक्ता के रूप में काम किया है. झारखंड हाई कोर्ट के अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने बताया कि जस्टिस इकबाल को वो कई वर्षों से जानते थे. वो बहुत ही अच्छे कानून के जानकार थे, अच्छे व्यक्तित्व के थे. उन्होंने कहा कि उनके साथ काम करते हुए उन्होंने एक इंश्योरेंस लोक अदालत में देखा कि कंपनियां अच्छे ढंग से सहयोग नहीं कर रहीं थी.

इस पर जस्टिस इकबाल ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी कंपनियों को चेतावनी दी और कहा कि जो भुक्तभोगी हैं, उन्हें कानूनी ढंग से जितनी जल्दी हो सके मुआवजा दिया जाना चाहिए. इस पर उन्होंने कई लोक अदालत करवाई. वे झारखंड में लोक अदालत की शुरुआत करने वालों में से हैं, उसके बाद भी कई लोक अदालत हुईं, जो सफल हुईं लेकिन ऐसा कहा जाता है कि झारखंड में सफल लोक अदालत की शुरुआत करने वाले वही थे.

रांची: झारखंड हाई कोर्ट में एक्टिंग चीफ जस्टिस रह चुके जस्टिस इकबाल का शुक्रवार को निधन हो गया. उनके निधन से जज और अधिवक्ताओं में शोक की लहर छा गई है. राजधानी के अधिवक्ताओं ने कहा कि जस्टिस इकबाल एक मिलनसार और सभी को हमेशा प्रोत्साहित करने वाले व्यक्ति थे. झारखंड के कई अधिवक्ताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.

देखिए वीडियो

इसे भी पढ़ें- झारखंड के पूर्व एक्टिंग चीफ जस्टिस एमवाई इकबाल का निधन, दिल्ली में थे इलाजरत

जस्टिस इकबाल का सफर

साधारण परिवार में 13 फरवरी 1951 को जन्मे जस्टिस इकबाल ने रांची सिविल कोर्ट से देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट तक का सफर तय किया था. रांची सिविल कोर्ट से उन्होंने वर्ष 1975 में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की और उसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की. इसके बाद वो हाई कोर्ट में सरकारी वकील बने और पटना हाई कोर्ट में जज बने. बाद में झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश रहे बनाए गए फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. धीरे-धीरे वे आगे बढ़ते गए. जस्टिस इकबाल ने रांची विश्वविद्यालय से 1970 में बीएससी की डिग्री ली थी और 1974 में एलएलबी की डिग्री (गोल्ड मेडलिस्ट) हासिल की थी.

लोक अदालत शुरू करने का श्रेय

जस्टिस इकबाल के जूनियर रहे चुके अधिवक्ता अरविंद कुमार लाल ने बताया कि वो जब झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश बने तो अपने किसी भी भाई को हाई कोर्ट में प्रैक्टिस नहीं करने दी. जब जस्टिस इकबाल झारखंड हाई कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए, तो उन्होंने अपने सभी भाइयों को ये कहा कि वे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस ना करें, ताकि किसी को ये ना लगे कि उनके नाम का उनके भाई गलत फायदा उठा रहे हैं.

झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता आर.एस मजूमदार ने बताया कि जस्टिस इकबाल बहुत ही नेकदिल इंसान थे. वह न्यायाधीश होते हुए भी जब कभी रांची आते थे तो सभी से मिलते थे और हमेशा प्रोत्साहित करते रहते थे. आगे बढ़ने के लिए अपने अनुभव का किस तरह से फायदा उठाया जाए, किस तरह से मेहनत करके आगे बढ़ा जाए, इसके बारे में बताते थे.

वो हमेशा कहते थे कि, मेहनत से आगे बढ़ा जा सकता है. इसलिए इस क्षेत्र में हमेशा मेहनत करने की आवश्यकता है. रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ता जस्टिस इकबाल के साथ बतौर अधिवक्ता कई सालों तक काम करने वाले गणेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि जस्टिस इकबाल के निधन से उन्हें व्यक्तिगत क्षति हुई है.

यह भी पढ़ेंः CM ने किया अमृत वाहिनी वेबसाइट, ऐप और चैटबोट का लोकार्पण, ऑनलाइन मिलेगी सरकारी मेडिकल सुविधा

उन्होंने बताया कि वह जस्टिस इकबाल के जूनियर अधिवक्ता के रूप में काम किया है. झारखंड हाई कोर्ट के अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने बताया कि जस्टिस इकबाल को वो कई वर्षों से जानते थे. वो बहुत ही अच्छे कानून के जानकार थे, अच्छे व्यक्तित्व के थे. उन्होंने कहा कि उनके साथ काम करते हुए उन्होंने एक इंश्योरेंस लोक अदालत में देखा कि कंपनियां अच्छे ढंग से सहयोग नहीं कर रहीं थी.

इस पर जस्टिस इकबाल ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी कंपनियों को चेतावनी दी और कहा कि जो भुक्तभोगी हैं, उन्हें कानूनी ढंग से जितनी जल्दी हो सके मुआवजा दिया जाना चाहिए. इस पर उन्होंने कई लोक अदालत करवाई. वे झारखंड में लोक अदालत की शुरुआत करने वालों में से हैं, उसके बाद भी कई लोक अदालत हुईं, जो सफल हुईं लेकिन ऐसा कहा जाता है कि झारखंड में सफल लोक अदालत की शुरुआत करने वाले वही थे.

Last Updated : May 8, 2021, 3:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.