रांची: कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर शहर के 53 वार्ड में सेनेटाइजेशन का काम रांची नगर निगम की ओर से कराया जा रहा है लेकिन भीषण गर्मी की वजह से पानी की समस्या भी लोगों को सता रही है. हालांकि रांची नगर निगम की ओर से टैंकर के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है लेकिन पानी की समस्या से निजात के लिए कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाए गए हैं, जिसकी वजह से पानी के टैंकर भी लोगों को पूरी तरह से पानी की सप्लाई करने में सफल नहीं हो पा रहे हैं.
कोरोना के साथ पानी की किल्लत
वर्तमान समय में राजधानी रांची के लोग जहां कोरोना से जंग लड़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ पानी की किल्लत ने भी लोगों का जीना मुहाल कर रखा है. लोग संक्रमण से बचने की जद्दोजहद में हैं, तो वहीं प्यास बुझाने के लिए पानी का जुगाड़ भी अहम है. खासकर वार्ड 26, 27 ,28 ,34 और 38 में पानी की सबसे ज्यादा किल्लत है. भीषण गर्मी की वजह से इन इलाकों में ज्यादातर चापानल सूख जाते हैं. ऐसे में लोगों को दिनचर्या के काम के लिए रांची नगर निगम के पानी के टैंकर पर निर्भर रहना पड़ रहा है.
इन इलाकों में है सबसे अधिक परेशानी
शहर में पानी की समस्या मुख्य रूप से कोकर, हरमू समेत पहाड़ी मंदिर के आसपास का इलाका, मोरहाबादी, कांके रोड, नामकुम, ओरमांझी, हटिया, तुपुदाना, पंडरा, कटहल मोड़ और पुंदाग में है. इन इलाकों में भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है, जिसकी वजह से लोगों को पानी मिलना मुश्किल हो गया है.
वर्तमान में 60 टैंकरों के माध्यम से रांची नगर निगम की ओर से शहर के 53 वार्डों में पानी पहुंचाने और सेनेटाइजेशन का काम किया जा रहा है, जिसमें लगभग 45 टैंकर चिन्हित स्थानों पर पानी सप्लाई कर रहे हैं, जबकि 15 टैंकरों के माध्यम से सेनेटाइजेशन का काम कराया जा रहा है.
वार्ड 34 में बोरिंग भी सूख गए
पानी की समस्या से जूझ रहे वार्ड 34 के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ सालों में जनप्रतिनिधि के माध्यम से 50 से ज्यादा बोरिंग कराए गए थे, जिसमें से आधे बोरिंग सूख चुके हैं और घरों के भी बोरिंग सूख चुके हैं, जिसकी वजह से लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. वार्ड 34 के पार्षद विनोद सिंह ने बताया कि प्रत्येक दिन 30 से 35 पानी टैंकर उनके वार्ड में आते हैं. बावजूद इसके लोगों को पूरी तरह से पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में टैंकर बढ़ाने की भी मांग उन्होंने की है.
क्या कहते हैं वार्ड पार्षद
वहीं वार्ड 26 के पार्षद अरुण झा ने बताया कि वर्तमान कोरोना काल में स्थिति दयनीय हो गई है. पानी की समस्या से तो लोग जूझ ही रहे हैं. साथ ही कोरोना ने पूरे सिस्टम को ध्वस्त कर दिया है. जनप्रतिनिधियों की भी सुनने वाला वर्तमान में कोई नहीं है. ऐसे में जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने में पूरी तरह से असहाय हो गए हैं. वहीं वार्ड 27 के पार्षद ओमप्रकाश ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से आम जनजीवन पूरी तरह से चरमरा गया है. पानी के टैंकरों से लोगों की प्यास बुझाने का प्रयास जारी है लेकिन उन्होंने भी पानी टैंकर बढ़ाने की मांग की है.
पिछले साल कम हुई थी परेशानी
बता दें कि पिछले साल कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से पानी की किल्लत नहीं हुई थी. क्योंकि कई होटल, रेस्टोरेंट, बड़े भवन, कार्यालय बंद थे लेकिन इस बार सभी खुले हुए हैं, जिसकी वजह से पानी की समस्या हो रही है. इस समस्या को दूर करने के लिए रांची नगर निगम के उच्च अधिकारियों को निर्णय लेना होगा, लेकिन वर्तमान कोरोना काल में ज्यादातर पदाधिकारी कोरोना से संक्रमित हैं, जिसकी वजह से रांची नगर निगम की सेवाओं पर भी प्रभाव पड़ रहा है. हालांकि स्थानीय जनप्रतिनिधि अपना दायित्व निभा रहे हैं और लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं.