रांची: भारत की आन, बान और शान कहे जाने वाले एचईसी में रविवार को धूमधाम से विश्वकर्मा पूजा मनाया गया. देश में कई कीर्तिमान रच चुकी एचईसी के तीनों प्लांट में भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित की गया. पूजा करने आए कर्मचारियों ने भगवान विश्वकर्मा से यह प्रार्थना की कि एचईसी जैसे देश और दुनिया में अपना नाम स्थापित कर चुका है. उसी प्रकार आगे भी यह संस्थान दिन दोगुनी रात चौगुनी आगे बढ़ती रहे.
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विश्वकर्मा पूजा के मौके पर एचईसी घूमने आए लोगों ने कहा कि आज कहीं ना कहीं एचईसी में होने वाले विश्वकर्मा पूजा का उत्साह कम होता दिख रहा है. क्योंकि एचईसी में काम करने वाले कर्मचारियों को पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिला है. इसलिए कर्मचारी उस उत्साह के साथ आज विश्वकर्मा पूजा नहीं मना पा रहे हैं. एचईसी के कर्मचारियों ने कहा कि 18 महीने से किसी को भी वेतन नहीं मिला है. कई लोग अपने हुनर को भूल कर दूसरा काम करने को मजबूर हो गए हैं.
एचईसी को छोड़ने को मजबूर लोग: एचईसी में वर्षों से काम कर रहे कर्मचारी रमाशंकर बताते हैं कि विश्वकर्मा पूजा की धूम अब धीरे-धीरे घट रही है. क्योंकि जो लोग एचईसी में काम कर रहे थे, वह अब एचईसी को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं. उन्होंने कहा कि भगवान विश्वकर्मा से सभी कर्मचारी प्रार्थना कर रहे हैं कि एक बार फिर से एचईसी के दिन बहुरे ताकि आने वाले दिनों में एचईसी के कर्मचारियों का भी एक बार फिर अच्छा समय वापस लौट सके.
बता दें कि वर्ष 1962 में झारखंड की राजधानी रांची में एचईसी की स्थापना की गई थी. ताकि संस्थान बड़े-बड़े उपकरण बनाकर देश का नाम रौशन कर सके. पिछले 6 दशक में एचईसी ने कई ऐसे उपकरण भी बनाए, जिसने पूरी दुनिया में झारखंड और भारत का नाम रौशन किया है. पिछले दिनों चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग में भी एचईसी का अहम योगदान रहा है. लेकिन इसके बावजूद भी पिछले कई महीनों से एचईसी के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है. जिस वजह से एचईसी के कर्मचारी एक-एक रुपए के लिए मोहताज हो रहे हैं.
दिल्ली जाकर करेंगे विरोध प्रदर्शन: विश्वकर्मा पूजा के मौके पर एचईसी में घूमने आए कर्मचारियों ने कहा कि यदि जल्द से जल्द यहां के कर्मचारियों को बेहतर संसाधन और उनका बकाया वेतन नहीं दिया जाता है तो सभी कर्मचारी दिल्ली में जाकर विरोध प्रदर्शन करेंगे और भारत सरकार से एचईसी के जिर्णोद्धार का आग्रह करेंगे.