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तालाब साफ रखने के लिए ग्रामीण शिफ्ट में देते हैं पहरा, जलसंचयन के लिए भी की अनोखी पहल - Villagers of Ranchi

रांची में आम लोगों की समाजसेवी मधु साहू टोली के सदस्यों ने सुमार पिठोरिया के नया तालाब को बचाने की मुहिम छेड़ी है. उनकी इस मुहिम का ही असर है कि नया तालाब में जलस्तर बढ़ गया है. तो वहीं, आज स्वच्छता के लिए भी यह तालाब क्षेत्र में मशहूर हो गया है.

तालाब पर पहरेदारी करते हैं ग्रामीण
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Published : Nov 3, 2019, 2:47 PM IST

रांची: सरकार स्वच्छ भारत बनाने और जल संचयन के लिए कई प्रयास कर रही है. सरकार के इन प्रयासों को रांची के लोगों ने भी साकार करने की कोशिश की है. दरअसल, रांची के ग्रामीण इलाके में सुमार पिठोरिया के मधु साहू की टोली के कुछ ग्रामीण जल संचयन और स्वच्छता अभियान की मिसाल पेश कर रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी


भूमिगत होते तालाब को देख ग्रामीणों ने उठाया यह कदम
रांची के सुमार पिठोरिया में समय के साथ जैसे-जैसे विकास कार्यों में इजाफा हुआ, वैसे-वैसे सड़क और कॉन्क्रीट के जंगल बढ़ते गए. पानी की कमी से इलाके का नया तालाब भूमीगत होने लगा. गर्मी के मौसम में तालाब सूखने की कगार पर पहुंच गया. इसे देखते हुए कुछ ग्रामीण इस तालाब को बचाने के लिए आगे आए और अपनी कोशिशों से तालाब की तकदीर ही बदलकर रख दी.

ये भी पढ़ें: ETV BHARAT IMPACT: पारटांड में खराब चापाकल की हुई मरम्मत, ग्रामीणों को मिला साफ पीने का पानी


तालाब में कैसे भरा पानी
नया तालाब में पानी कम होता देख इस टोली के सदस्यों ने बरसात के दौरान सड़क के बगल से बहने वाले पानी को तालाब की ओर मोड़ दिया. जेसीबी से गड्ढा बनाकर बारिश के पानी को एक जगह रोका और उस पानी को मोटर पंप के सहारे तालाब तक पहुंचाया. आज आलम यह है कि जो तालाब कभी पानी की कमी झेल रहा था वो अब लबालब भर चुका है.


तालाब को स्वच्छ बनाने की भी कर रहे कोशिश
ग्रमीणों की इस टोली ने न सिर्फ यहां के एक सूखे तालाब को पानी से लबालब भर दिया है बल्कि तालाब को गंदा करने की कोशिश करने वालों को आगाह भी करते रहते हैं. इसके लिए टोली के सदस्य 12 टीमों में बंटकर काम करते हैं. साल के सभी दिन चौबीसों घंटे ये टीम नया तालाब और उसके आस-पास पहरेदारी करते हैं, ताकि कोई यहां गंदगी न फैलाये. दरअसल, इस गांव के करीब हर घर में शौचालय है फिर भी कुछ लोग आदत से लाचार होकर शौच के लिए बाहर निकलते हैं और तालाब के पानी को गंदा करने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोगों से निपटने के लिए ग्रामीणों ने यह मुहिम चलाई है.

ये भी पढ़ें: दिव्यांग और 80 साल से ऊपर के बुजुर्ग घर बैठ कर सकते हैं मतदान, जानें कैसे


लोगों का मिल रहा है भरपूर सहयोग
बुजुर्गों की सामाजिक संगठन के इन लोगों के टोली के किये जा रहे कार्य का लोगों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. धीरे-धीरे इन लोगों का कारवां बढ़ता जा रहा है और लोग जल संचयन के साथ साथ पिठोरिया में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के प्रयास में लग गए हैं.


पिठोरिया में है पानी की किल्लत
रांची से 16 किलोमीटर दूर पिठोरिया में पानी की भारी किल्लत है. गर्मी का मौसम शुरू होते ही यहां के तमाम चापाकल ठप हो जाते हैं. यहां कई तालाब भी हैं जो सूख जाते हैं. अभाव का जब दौर शुरू होता है तब लोग प्रशासन को कोसते हैं लेकिन अपने स्तर से जल संचयन की कोशिश नहीं करते. लेकिन अब पिठोरिया के ग्रामीण अपने स्तर से जल संचयन कर अन्य लोगों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं.

रांची: सरकार स्वच्छ भारत बनाने और जल संचयन के लिए कई प्रयास कर रही है. सरकार के इन प्रयासों को रांची के लोगों ने भी साकार करने की कोशिश की है. दरअसल, रांची के ग्रामीण इलाके में सुमार पिठोरिया के मधु साहू की टोली के कुछ ग्रामीण जल संचयन और स्वच्छता अभियान की मिसाल पेश कर रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी


भूमिगत होते तालाब को देख ग्रामीणों ने उठाया यह कदम
रांची के सुमार पिठोरिया में समय के साथ जैसे-जैसे विकास कार्यों में इजाफा हुआ, वैसे-वैसे सड़क और कॉन्क्रीट के जंगल बढ़ते गए. पानी की कमी से इलाके का नया तालाब भूमीगत होने लगा. गर्मी के मौसम में तालाब सूखने की कगार पर पहुंच गया. इसे देखते हुए कुछ ग्रामीण इस तालाब को बचाने के लिए आगे आए और अपनी कोशिशों से तालाब की तकदीर ही बदलकर रख दी.

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तालाब में कैसे भरा पानी
नया तालाब में पानी कम होता देख इस टोली के सदस्यों ने बरसात के दौरान सड़क के बगल से बहने वाले पानी को तालाब की ओर मोड़ दिया. जेसीबी से गड्ढा बनाकर बारिश के पानी को एक जगह रोका और उस पानी को मोटर पंप के सहारे तालाब तक पहुंचाया. आज आलम यह है कि जो तालाब कभी पानी की कमी झेल रहा था वो अब लबालब भर चुका है.


तालाब को स्वच्छ बनाने की भी कर रहे कोशिश
ग्रमीणों की इस टोली ने न सिर्फ यहां के एक सूखे तालाब को पानी से लबालब भर दिया है बल्कि तालाब को गंदा करने की कोशिश करने वालों को आगाह भी करते रहते हैं. इसके लिए टोली के सदस्य 12 टीमों में बंटकर काम करते हैं. साल के सभी दिन चौबीसों घंटे ये टीम नया तालाब और उसके आस-पास पहरेदारी करते हैं, ताकि कोई यहां गंदगी न फैलाये. दरअसल, इस गांव के करीब हर घर में शौचालय है फिर भी कुछ लोग आदत से लाचार होकर शौच के लिए बाहर निकलते हैं और तालाब के पानी को गंदा करने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोगों से निपटने के लिए ग्रामीणों ने यह मुहिम चलाई है.

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लोगों का मिल रहा है भरपूर सहयोग
बुजुर्गों की सामाजिक संगठन के इन लोगों के टोली के किये जा रहे कार्य का लोगों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है. धीरे-धीरे इन लोगों का कारवां बढ़ता जा रहा है और लोग जल संचयन के साथ साथ पिठोरिया में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के प्रयास में लग गए हैं.


पिठोरिया में है पानी की किल्लत
रांची से 16 किलोमीटर दूर पिठोरिया में पानी की भारी किल्लत है. गर्मी का मौसम शुरू होते ही यहां के तमाम चापाकल ठप हो जाते हैं. यहां कई तालाब भी हैं जो सूख जाते हैं. अभाव का जब दौर शुरू होता है तब लोग प्रशासन को कोसते हैं लेकिन अपने स्तर से जल संचयन की कोशिश नहीं करते. लेकिन अब पिठोरिया के ग्रामीण अपने स्तर से जल संचयन कर अन्य लोगों के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं.

Intro:रांची
डे प्लान की ऑफबीट स्टोरी.......

बाइट---मधु साहू //समाजसेवी(काला जैकेट)
बाइट--प्रकाश केशरी //समाजसेवी(पिंक टी शर्ट)
बाइट--सहदेव राम //समाजसेवी (सिटी बजते हुए)
बाइट--पुरान गोप//स्थानिए


राजधानी रांची के ग्रामीण इलाके में सुमार पिठोरिया के कुछ ग्रामीण जल संचयन और स्वच्छता अभियान की मिसाल पेश कर रहे हैं। ग्रामीणों की इस टोली ने न सिर्फ यहां के एक सूखे तालाब को पानी से लबालब भर दिया है बल्कि गाहे-बगाहे तालाब को गंदा करने की कोशिश करने वालों को आगाह भी करते रहते हैं। इसी साल गर्मी महीने में इस तालाब में सिर्फ नाम का पानी था लेकिन ग्रामीणों की टोली ने बरसात के दौरान सड़क के बगल से बहने वाले पानी को इस तालाब की ओर मोड़ दिया। जेसीबी से गड्ढा बनाकर बरसा के पानी को एक जगह रोका और उस पानी को मोटर पंप के सहारे तालाब तक पहुंचाया। ग्रामीणों के इस पहल की खूब प्रशंसा हो रही है। इस सराहनीय काम के बाद ग्रामीणों की यह टोली इस मुहिम में जुटी रहती है कि कोई भी इस तालाब के पानी को गंदा न कर सके। दरअसल इस गांव के करीब हर घर में शौचालय है फिर भी कुछ लोग आदत से लाचार होकर शौच के लिए बाहर निकलते हैं और तालाब के पानी को गंदा करने की कोशिश करते हैं। जिन से निपटने के लिए ग्रामीणों की काफी मशक्कत करनी पड़ती है। छठ पर्व के मद्देनजर यह टोली विशेष चौकसी बरत रही है।


Body:रांची से 16 किलोमीटर दूर पिठोरिया में पानी की भारी किल्लत है। गर्मी का मौसम शुरू होते ही यहां के तमाम चापाकल ठप हो जाते हैं। यह कई तालाब भी है जो सूख जाते हैं। अभाव का जब दौर शुरू होता है तब लोग प्रशासन को कोसते हैं लेकिन अपने स्तर से जल संचयन की कोशिश नहीं करते। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लोगों से जल संचयन में भागीदारी निभाने के लिए आह्वान किया था। कई जगह इसका असर भी देखने को मिला है। लेकिन पिठोरिया के ग्रामीणों की यह बुजुर्गों की टोली अपने स्तर से जल संचयन कर रही है।


Conclusion:बुजुर्गों की सामाजिक संगठन के इन लोगों के टोली के द्वारा किये जा रहे कार्य का लोगों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है धीरे-धीरे इन लोगों का कारवां बढ़ता जा रहा है और लोग जल संचयन के साथ साथ पिठोरिया में स्वच्छता अभियान की भी मिसाल पेश कर रहे हैं स्थानीय लोगों की मानें तो 365 दिन इस तालाब में स्वच्छता अभियान चलाया जाता है आप खुद ही देख सकते हैं कि चारों तरफ तालाब में कितना स्वच्छ वातावरण है ।

सरकार के द्वारा जल संचयन अभियान और खुले में शौच मुक्त यानी ओडीएफ घोषित करने को लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक कई योजनाएं चलाई जा रहे हैं लेकिन वह योजना कितना काम कर रहा है यह तो अलग बात है लेकिन इतना तो जरूर है कि सही मायने में इस गांव के कुछ सुनंदे लोगों के द्वारा जल संचयन और स्वच्छता अभियान का मिसाल पेश किया जा रहा है
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