रांचीः बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओंकार नाथ सिंह ने शनिवार को एग्रीकल्चर ग्रुप, टुडे ग्रुप द्वारा आयोजित पैनल चर्चा में वेबिनार के माध्यम से भाग लिया. राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस पैनल चर्चा में आईसीएआर नई दिल्ली के उपमहानिदेशक (कृषि शिक्षा) के साथ-साथ देश के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के 50 कुलपति भी शामिल हुए. इस चर्चा का मुख्य उद्देश्य देश के स्कूली छात्रों में कृषि शिक्षा के प्रति आकर्षण तथा जागरुकता को बढ़ावा देना था. कार्यक्रम में सीबीएसई पाठ्यक्रम के देशभर के 11 वीं एवं 12 वीं कक्षाओं के छात्राओं ने भी भाग लिया.
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चर्चा में कुलपति डॉ. ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी युवाओं में कृषि शिक्षा के प्रति आकर्षण कम होता जा रहा है. जिसे समुचित प्रयासों से आकर्षित किया जा सकता है. इस बात को प्रचारित करने की आवश्यकता है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की तरह ही कृषि के पाठ्यक्रम जैसे एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री, वेटनरी, डेयरी, फिशरीज, हॉर्टिकल्चर, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, एग्री बिजनेस मैनेजमेंट आदि प्रोफेशनल कोर्स है. इन क्षेत्रों में रोजगार के अनेकों अवसर हैं. विद्यार्थी सरकारी विभागों में पदाधिकारी के रूप में नियुक्त किए जाते हैं. इसके आलावा कॉर्पोरेट सेक्टर, बैंकिंग सिस्टम एवं गैर-सरकारी संगठनों में भी रोजगार के व्यापक अवसर हैं. हाल के वर्षो में विद्यार्थी उद्यमिता के क्षेत्र में एग्री स्टार्टअप को स्थापित करने की ओर अग्रसर हैं.
जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे
कुलपति ने कहा कि झारखण्ड राज्य में बिरसा कृषि विश्वविद्यालयों के महाविद्यालयों के साथ–साथ जिले में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से भी कृषि शिक्षा में मौजूद संभावनाओं एवं अवसर के बारे में जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाएगा. आगामी पूर्वी क्षेत्र प्रादेशिक किसान मेला एवं एग्रोटेक किसान मेला -2021 में कृषि शिक्षा के सबंध में जागरुकता कार्यक्रम चलाया जाएगा. उन्होंने प्रदेश में कृषि शिक्षा के विस्तार में कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एवं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के अभूतपूर्व सहयोग का जिक्र करते हुए आभार भी व्यक्त किया.