ETV Bharat / state

Ranchi News: राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी में सरकारी पशु चिकित्सक, सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप - jharkhand news

झारखंड के पशु चिकित्सक अपनी कई मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी में हैं. इसके लिए जल्द ही वे कृषि एवं पशुपालन सचिव अबु बकर सिद्दिकी को ज्ञापन सौंपेंगे.

Veterinary doctor of jharkhand
Veterinary doctor of jharkhand
author img

By

Published : May 4, 2023, 10:12 AM IST

रांची: झारखंड में पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले राज्यभर के 498 पशु चिकित्सक राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी में हैं. जल्द ही पशु चिकित्सक राज्य के कृषि एवं पशुपालन सचिव अबु बकर सिद्दिकी को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे. सरकारी पशु चिकित्सकों का आरोप है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद झारखंड में पशु चिकित्सकों के साथ भेदभाव किया जाता है. पशु चिकित्सकों को मानव चिकित्सकों के समान डीएसीपी नहीं मिल रहा है. राज्य में अंग्रेजी और आयुष पद्धतियों के डॉक्टर्स की रिटायरमेंट का उम्र 65 वर्ष कर दी गई है, लेकिन पशु चिकित्सक अभी भी 60 वर्ष में रिटायर होते हैं.

यह भी पढ़ें: Ranchi News: शूटर तारा शाहदेव यौन उत्पीड़न मामला, सीएम हेमंत सोरेन को सीबीआई कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश

झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ सेमसन संजय टोप्पो ने कहा कि जल्द ही संघ पशुपालन सचिव को अपनी मांगों से अवगत कराएगा. संघ के अध्यक्ष डॉ सेमसन संजय टोप्पो ने कहा कि पशु चिकित्सकों को मानव चिकित्सक के समान डीएसीपी, 65 वर्ष में सेवानिवृति, एनपीए और अन्य लाभ दें नहीं तो आंदोलन के लिए पशु चिकित्सक मजबूर हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि 6th और 7th वेतन आयोग की अनुशंसा और उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्देश के तहत पशुचिकित्सक को मानव चिकित्सकों को एक समान माना जाना है, लेकिन राज्य में ऐसा नहीं हो रहा है.

पशु चिकित्सकों को मिले 05 प्रोमोशन: झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के सचिव डॉ शिवा काशी ने कहा कि राज्य में सरकारी पशु चिकित्सकों को पूरे सेवाकाल में सिर्फ दो पदोन्नति मिलती है, जबकि सामान्य स्वास्थ्य सेवा के डॉक्टरों को पांच प्रमोशन मिलता है. पशु चिकित्सा पदाधिकारी जिस पद पर बहाल होते हैं, उनमें 91% उसी पद पर ही रिटायर हो जाते हैं. सिर्फ 09% पशु चिकित्सकों को ही पदोन्नति मिल पाती है. उन्होंने कहा कि राज्य में पशु चिकित्सकों की बहुप्रतीक्षित मांग है कि पशु चिकित्सा सेवा के पदों का पुनर्गठन कर पांच पदोन्नति की जाए. मूल पद पर बहाल होने वाले पशु चिकित्सकों में से प्रोन्नत पद 50 प्रतिशत होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पशु चिकित्सकों की मात्र दो पदोन्नति और 9 प्रतिशत प्रोन्नत पद हैं. इस वजह से 91% पशु चिकित्सक शरुआती के पद से रिटायर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल कमीशन ऑन एग्रीकल्चर रिपोर्ट 1976 में अनुशंसित 5000 कैटल यूनिट पर एक पशु चिकित्सक की आवश्यकता है, जिसके अनुसार, झारखंड मे 2800 पशु चिकित्सक होने चाहिए, लेकिन इसके विपरीत 798 पद ही स्वीकृत हैं. इन 798 पदों के बदले में सिर्फ 475 डॉक्टर्स मौजूद हैं. 323 पद खाली पड़े हुए हैं. ऐसे में पशु चिकित्सक एक बार फिर आंदोलन के मूड में हैं.

रांची: झारखंड में पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले राज्यभर के 498 पशु चिकित्सक राज्यव्यापी आंदोलन की तैयारी में हैं. जल्द ही पशु चिकित्सक राज्य के कृषि एवं पशुपालन सचिव अबु बकर सिद्दिकी को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे. सरकारी पशु चिकित्सकों का आरोप है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बावजूद झारखंड में पशु चिकित्सकों के साथ भेदभाव किया जाता है. पशु चिकित्सकों को मानव चिकित्सकों के समान डीएसीपी नहीं मिल रहा है. राज्य में अंग्रेजी और आयुष पद्धतियों के डॉक्टर्स की रिटायरमेंट का उम्र 65 वर्ष कर दी गई है, लेकिन पशु चिकित्सक अभी भी 60 वर्ष में रिटायर होते हैं.

यह भी पढ़ें: Ranchi News: शूटर तारा शाहदेव यौन उत्पीड़न मामला, सीएम हेमंत सोरेन को सीबीआई कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश

झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डॉ सेमसन संजय टोप्पो ने कहा कि जल्द ही संघ पशुपालन सचिव को अपनी मांगों से अवगत कराएगा. संघ के अध्यक्ष डॉ सेमसन संजय टोप्पो ने कहा कि पशु चिकित्सकों को मानव चिकित्सक के समान डीएसीपी, 65 वर्ष में सेवानिवृति, एनपीए और अन्य लाभ दें नहीं तो आंदोलन के लिए पशु चिकित्सक मजबूर हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि 6th और 7th वेतन आयोग की अनुशंसा और उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के निर्देश के तहत पशुचिकित्सक को मानव चिकित्सकों को एक समान माना जाना है, लेकिन राज्य में ऐसा नहीं हो रहा है.

पशु चिकित्सकों को मिले 05 प्रोमोशन: झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के सचिव डॉ शिवा काशी ने कहा कि राज्य में सरकारी पशु चिकित्सकों को पूरे सेवाकाल में सिर्फ दो पदोन्नति मिलती है, जबकि सामान्य स्वास्थ्य सेवा के डॉक्टरों को पांच प्रमोशन मिलता है. पशु चिकित्सा पदाधिकारी जिस पद पर बहाल होते हैं, उनमें 91% उसी पद पर ही रिटायर हो जाते हैं. सिर्फ 09% पशु चिकित्सकों को ही पदोन्नति मिल पाती है. उन्होंने कहा कि राज्य में पशु चिकित्सकों की बहुप्रतीक्षित मांग है कि पशु चिकित्सा सेवा के पदों का पुनर्गठन कर पांच पदोन्नति की जाए. मूल पद पर बहाल होने वाले पशु चिकित्सकों में से प्रोन्नत पद 50 प्रतिशत होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान में पशु चिकित्सकों की मात्र दो पदोन्नति और 9 प्रतिशत प्रोन्नत पद हैं. इस वजह से 91% पशु चिकित्सक शरुआती के पद से रिटायर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेशनल कमीशन ऑन एग्रीकल्चर रिपोर्ट 1976 में अनुशंसित 5000 कैटल यूनिट पर एक पशु चिकित्सक की आवश्यकता है, जिसके अनुसार, झारखंड मे 2800 पशु चिकित्सक होने चाहिए, लेकिन इसके विपरीत 798 पद ही स्वीकृत हैं. इन 798 पदों के बदले में सिर्फ 475 डॉक्टर्स मौजूद हैं. 323 पद खाली पड़े हुए हैं. ऐसे में पशु चिकित्सक एक बार फिर आंदोलन के मूड में हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.