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पशु चिकित्सकों को भी मिले मानव चिकित्सक के समान सुविधा, कृषि मंत्री से मिलकर संघ के प्रतिनिधि ने की मांग - नेशनल कमिशन ऑन एग्रीकल्चर

पशु चिकित्सा सेवा संघ का एक शिष्टमंडल कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से मिला. शिष्टमंडल ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से पशु चिकित्सा सेवा के पदों के पुनर्गठन की मांग की.

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Published : Mar 28, 2023, 8:05 PM IST

रांची: मंगलवार को झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के एक शिष्टमंडल ने राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान कृषि मंत्री से पशु चिकित्सकों ने पशु चिकित्सा सेवा के पदों के पुनर्गठन के साथ-साथ प्रोन्नत पद 50% सहित अन्य सुविधा देने की मांग की. जिस पर कृषि मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है.

यह भी पढ़ें: झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ की आमसभा, लंबित मांगों को जोरदार ढंग से उठाने की घोषणा

2800 की जगह 798 पद ही पशु चिकित्सकों के लिए स्वीकृत: पशु चिकित्सकों की कमी को देखते हुए पशु चिकित्सा संघ ने कृषि मंत्री से मांग की है कि यदि उन्हें मानव चिकित्सकों के समान सुविधा और वेतन दिया जाएगा तो उनके कार्य क्षमता में सुधार होगी. साथ ही उनके प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद पशु चिकित्सकों की कार्यकुशलता में भी वृद्धि होगी. पशु चिकित्सक संघ ने जानकारी देते हुए बताया कि नेशनल कमिशन ऑन एग्रीकल्चर के रिपोर्ट के अनुसार, 5000 कैटल यूनिट पर एक पशु चिकित्सा की आवश्यकता है, जिसके अनुसार झारखंड में 2800 पशु चिकित्सक होने चाहिए. लेकिन, वर्तमान में मात्र 798 पद ही पशु चिकित्सकों के लिए स्वीकृत हैं.

पशु चिकित्सा संघ के द्वारा दिए गए प्रस्ताव में एनिमल हेल्प सेंटर बनाने की बात भी कही गई. साथ ही पशु चिकित्सालय को सुदृढ़ करना, मानव संसाधन युक्त बनाना, अत्याधुनिक उपकरण के साथ सुसज्जित किये जाने की बात रखी गई. संघ के द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि पशु चिकित्सकों की मांग उचित है. इस पर शीघ्र ही विभाग के सचिव से विमर्श कर आवश्यक पहल की जाएगी, जिससे झारखंड में रोजगार सृजन के साथ-साथ पशुपालक आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगे और उनका पलायन भी रुकेगा. शिष्टमंडल में डॉक्टर सैमसन संजय टोप्पो, डॉ शिवानंद कांशी, डॉ जमालूउद्दीन सहित कई पशु चिकित्सक मौजूद रहे.

रांची: मंगलवार को झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के एक शिष्टमंडल ने राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान कृषि मंत्री से पशु चिकित्सकों ने पशु चिकित्सा सेवा के पदों के पुनर्गठन के साथ-साथ प्रोन्नत पद 50% सहित अन्य सुविधा देने की मांग की. जिस पर कृषि मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है.

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2800 की जगह 798 पद ही पशु चिकित्सकों के लिए स्वीकृत: पशु चिकित्सकों की कमी को देखते हुए पशु चिकित्सा संघ ने कृषि मंत्री से मांग की है कि यदि उन्हें मानव चिकित्सकों के समान सुविधा और वेतन दिया जाएगा तो उनके कार्य क्षमता में सुधार होगी. साथ ही उनके प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद पशु चिकित्सकों की कार्यकुशलता में भी वृद्धि होगी. पशु चिकित्सक संघ ने जानकारी देते हुए बताया कि नेशनल कमिशन ऑन एग्रीकल्चर के रिपोर्ट के अनुसार, 5000 कैटल यूनिट पर एक पशु चिकित्सा की आवश्यकता है, जिसके अनुसार झारखंड में 2800 पशु चिकित्सक होने चाहिए. लेकिन, वर्तमान में मात्र 798 पद ही पशु चिकित्सकों के लिए स्वीकृत हैं.

पशु चिकित्सा संघ के द्वारा दिए गए प्रस्ताव में एनिमल हेल्प सेंटर बनाने की बात भी कही गई. साथ ही पशु चिकित्सालय को सुदृढ़ करना, मानव संसाधन युक्त बनाना, अत्याधुनिक उपकरण के साथ सुसज्जित किये जाने की बात रखी गई. संघ के द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर राज्य के कृषि मंत्री ने कहा कि पशु चिकित्सकों की मांग उचित है. इस पर शीघ्र ही विभाग के सचिव से विमर्श कर आवश्यक पहल की जाएगी, जिससे झारखंड में रोजगार सृजन के साथ-साथ पशुपालक आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होंगे और उनका पलायन भी रुकेगा. शिष्टमंडल में डॉक्टर सैमसन संजय टोप्पो, डॉ शिवानंद कांशी, डॉ जमालूउद्दीन सहित कई पशु चिकित्सक मौजूद रहे.

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