रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने मंगलवार को बायोकंट्रोल यूनिट और गृह विज्ञान विभाग के भवन का जायजा लिया. इस दौरान वहां की समस्याओं की जानकारी ली. मौके पर प्रभारी डॉ विनय कुमार ने बताया कि बायो कंट्रोल यूनिट की दो हजार प्रतिदिन ट्रायकोकार्ड उत्पादन की क्षमता है, जो धान और मक्का फसल में समेकित नाशीजीव प्रबंधन में काफी लाभदायक है. कुछ वर्षों तक कृषि विभाग की ओर से क्रय कर इसे किसानों के बीच वितरित किया गया. उन्होंने कहा कि इस तकनीक को सरकार के माध्यम से किसानों के हित में व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत है.
कृषि कार्यों से जुड़ी है प्रदेश की महिलाएं
गृह विज्ञान विभाग के भ्रमण के दौरान विभागाध्यक्ष डॉ रेखा सिन्हा ने बताया कि यह ईकाई आधुनिक उपकरणों से लैस है. यहां यूजीसी मान्यता प्राप्त वोकेशनल डिग्री कोर्स में तीन बैच के छात्र अध्ययनरत हैं. ईकाई की ओर से महिला सशक्तिकरण के लिए प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन पर छमाही सर्टिफिकेट कोर्स और ट्रेनिंग, जबकि गृह वाटिका पर ट्रेनिंग का आयोजन किया जाता है. मडुआ, सोयाबीन, सब्जी और फलों के मूल्यवर्धन से अनेकों प्रकार के उत्पाद बनाये जाते हैं. इन कार्यक्रमों से प्रदेश की हजारों महिलाएं लाभान्वित हुई हैं. प्रदेश की बहुतायत महिलाएं कृषि कार्यों से जुड़ी हुई हैं. महिला सशक्तिकरण के लिए विश्वविद्यालय में गृह विज्ञान विभाग का उन्नयन कर सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय खोले जाने की जरूरत है.
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तीनों यूनिट को सुदृढ़ करने पर जोर
कुलपति ओंकार नाथ सिंह ने तकनीकी मानव बल की व्यवस्था करने का भरोसा दिलाया. प्रदेश में सामुदायिक विज्ञान तकनीकी के क्षेत्र को बढ़ावा देने सबंधी प्रयास करने और प्रस्ताव देने की बात कही. कुलपति ने कहा कि बायो कंट्रोल यूनिट, गृह विज्ञान विभाग और मशरूम उत्पादन यूनिट के भवनों की स्थिति दयनीय है. आधुनिक कृषि से जुड़े इन तीनों अवयवों के यूनिट को सुदृढ़ करने पर जोर दिया जायेगा. मौके पर वैज्ञानिकी सलाहकार डॉ पीके सिंह ने तीनों अवयवों के तकनीकी पहलुओं से कुलपति को अवगत कराया.