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रांची में महिलाओं ने परंपरागत रूप से की वट सावित्री पूजा, कोविड गाइडलाइन का नहीं हुआ पालन

रांची में महिलाओं ने धूमधाम से वट सावित्री की पूजा की. हालांकि वट वृक्ष के पास पहुंची सैकड़ों महिलाएं रीति रीवाज से बरगद के पेड़ की पूजा की. इस दौरान महिलाओं ने न मास्क पहना था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखी.

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वट वृक्ष के पास पहुंची सैकड़ों महिलाएं
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Published : Jun 10, 2021, 7:21 PM IST

रांची: राजधानी रांची के साथ साथ झारखंड में वट सावित्रि (vat savitri in Jharkhand) की पूजा धूमधाम से महिलाएं करती नजर आईं. वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ के समीप महिलाओं ने रीति-रिवाज के साथ पूजा की और सुहाग के लंबी उम्र की प्रार्थना की. हालांकि पूजा के दौरान महिलाओं ने कोरोना गाइडलाइन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया.

यह भी पढ़ेंःVat Savitri Puja 2021: वट सावित्री व्रत रख कर महिलाओं ने की अखंड सौभाग्य की कामना, वट वृक्ष का किया पूजन

वट वृक्ष के पास पूजा करने पहुंची सविता देवी कहती है कि आज का दिन हम महिलाओं के लिए बेहद खास हैं. इस दिन पति की लंबी आयु के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं.

रांची में वट सावित्री पूजा

राजधानी के सदर थाना क्षेत्र के बांध गारी के समीप भारी संख्या में महिलाएं बरगद के पेड़ के पास पूजा करने पहुंची, जहां रीति रिवाज से पूजा की और मौली धागा पेड़ में बांधा लेकिन इस दौरान महिलाओं ने न तो मास्क पहना था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया.

विधि विधान से मनाई गई वट सावित्री पूजा
घरों में भी किया गया सांकेतिक पूजाकोरोना संक्रमण से खुद और लोगों को बचाने के लिए वट सावित्री की पूजा कुछ महिलाओं ने अपने घर में ही की. बरियातू स्थित न्यू नगर में दर्जनों महिलाओं ने अपने घर में ही सांकेतिक रूप से बरगद के पेड़ की पूजा की. रेनू सिन्हा कहती हैं कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए खुद और अपने परिवार को बचाने के लिए घर में ही वट सावित्री की पूजा की.

नहीं किया गया कोविड प्रोटोकॉल का पालन
स्थानीय संजय कुमार कहते है कि संक्रमण के दौर में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को अपने घरों में ही पूजा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने भी ध्यान नहीं दिया जिससे कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ.

पति और सास से लेती हैं आशीर्वाद
पंडित बालकृष्ण शास्त्री कहते हैं कि वट सावित्री पूजा हिंदुओं के लिए बेहद खास त्योहार है. इस दिन महिलाएं वट वृक्ष पर जल पुष्प और मौली धागा से पूजा करती है. इसके साथ ही अपने पति और सास के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं ताकि उनके जीवन में खुशियां बनी रहें.

रांची: राजधानी रांची के साथ साथ झारखंड में वट सावित्रि (vat savitri in Jharkhand) की पूजा धूमधाम से महिलाएं करती नजर आईं. वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ के समीप महिलाओं ने रीति-रिवाज के साथ पूजा की और सुहाग के लंबी उम्र की प्रार्थना की. हालांकि पूजा के दौरान महिलाओं ने कोरोना गाइडलाइन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया.

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वट वृक्ष के पास पूजा करने पहुंची सविता देवी कहती है कि आज का दिन हम महिलाओं के लिए बेहद खास हैं. इस दिन पति की लंबी आयु के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं.

रांची में वट सावित्री पूजा

राजधानी के सदर थाना क्षेत्र के बांध गारी के समीप भारी संख्या में महिलाएं बरगद के पेड़ के पास पूजा करने पहुंची, जहां रीति रिवाज से पूजा की और मौली धागा पेड़ में बांधा लेकिन इस दौरान महिलाओं ने न तो मास्क पहना था और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया.

विधि विधान से मनाई गई वट सावित्री पूजा
घरों में भी किया गया सांकेतिक पूजाकोरोना संक्रमण से खुद और लोगों को बचाने के लिए वट सावित्री की पूजा कुछ महिलाओं ने अपने घर में ही की. बरियातू स्थित न्यू नगर में दर्जनों महिलाओं ने अपने घर में ही सांकेतिक रूप से बरगद के पेड़ की पूजा की. रेनू सिन्हा कहती हैं कि पिछले 2 वर्षों से कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए खुद और अपने परिवार को बचाने के लिए घर में ही वट सावित्री की पूजा की.

नहीं किया गया कोविड प्रोटोकॉल का पालन
स्थानीय संजय कुमार कहते है कि संक्रमण के दौर में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को अपने घरों में ही पूजा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने भी ध्यान नहीं दिया जिससे कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ.

पति और सास से लेती हैं आशीर्वाद
पंडित बालकृष्ण शास्त्री कहते हैं कि वट सावित्री पूजा हिंदुओं के लिए बेहद खास त्योहार है. इस दिन महिलाएं वट वृक्ष पर जल पुष्प और मौली धागा से पूजा करती है. इसके साथ ही अपने पति और सास के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं ताकि उनके जीवन में खुशियां बनी रहें.

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