रांची: वरिष्ठ भाजपा नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के शिक्षा मंत्री सह आबकारी मंत्री जगरनाथ महतो के बीमार होने पर ट्वीट कर कहा कि छत्तीसगढ़ कंपनी के शराब घोटाले के कारनामे के दबाव में रहने के कारण शिक्षा मंत्री बीमार पड़ गए हैं. जिस तरह से दिल्ली में शराब घोटाले के बाद स्थिति बनी है. उस प्रभाव को जगन्नाथ महतो झेल नहीं पाए और वह बीमार पड़ गए.
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बाबूलाल मरांडी के इस ट्वीट के बाद बाद झारखंड की राजनीति में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस ने जहां इस पूरे मामले को संवेदनहीनता की पराकाष्ठा बताया है. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने इसे बाबूलाल मरांडी का नया स्क्रिप्ट कहा है.
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि बाबूलाल संवेदनहीन नेता है. इसलिए उनकी बातों को ज्यादा सीरियसली नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर कोई बीमार चल रहा है तो उस पर इस तरह की टिप्पणी राजनीतिक मर्यादा के तहत ठीक नहीं है. जगन्नाथ महतो जी बेहतर इलाज के लिए चेन्नई गए हैं और वह ठीक हो करके लौटेंगे, लेकिन इस तरह की बातों को कहना निश्चित तौर पर राजनीति की मर्यादा के बाहर की बात है.
बाबूलाल मरांडी के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि क्योंकि बाबूलाल मरांडी की हर स्क्रिप्ट फ्लॉप ही रहती है, इसलिए उन्हें हर बार कोई न कोई नई स्क्रिप्ट लिखनी होती है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके का ट्वीट बाबूलाल मरांडी ने किया है वह उनकी नई स्क्रिप्ट है. लेकिन यह जगजाहिर है कि जीत हमेशा सत्य की होती है और सत्य ही जीतेगा.
छत्तीसगढ़ की कंपनी को झारखंड में शराब बेचने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन 3 महीने पहले ही झारखंड सरकार ने उस कंपनी का अनुबंध रद्द कर दिया. बताया गया कि राजस्व की उगाही कम हुई थी. कंपनी ने 3500 करोड़ रुपए की कम उगाही की जिसके बाद से झारखंड की राजनीति में आबकारी का मुद्दा उठा हुआ है.