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केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री ने झारखंड में ऑर्गेनिक खेती पर दिया जोर, किसानों को किया सम्मानित

केंद्रीय कृषि और कृषक कल्याण राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने झारखंड को सिक्किम की तरह शीघ्र ऑर्गेनिक राज्य बनाने का आह्वान किसानों और कृषि वैज्ञानिकों से किया है. उन्होंने कहा कि झारखंड में अन्य राज्यों की तुलना में रसायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की खपत काफी कम है. इसलिए इस राज्य को पूरी तरह जैविक बनाना अन्य राज्यों की तुलना से आसान है.

केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला
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Published : Sep 13, 2019, 10:06 AM IST

रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसको संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि और कृषक कल्याण राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि जैविक कृषि उत्पादों की मांग देश और दुनिया के विभिन्न भागों में तेजी से बढ़ रही है.

देखें पूरी खबर

सरकार करेगी मदद
जैविक कृषि उत्पादों की पूर्ति करने की क्षमता केवल भारत के पास है. अन्य अधिकांश देशों में या तो जमीन बंजर है, बर्फ से ढकी है, ज्यादा रसायनों के कारण वहां की मिट्टी की प्रकृति बिगड़ चुकी है या वहां तकनीकी ज्ञान की कमी है. दुनिया के लिए ऑर्गेनिक के मामले में उम्मीदें सिर्फ भारत से हैं. झारखंड इसमें अग्रणी भूमिका निभा सकता है. इस राज्य को ऑर्गेनिक उत्पाद के मामले में अपनी ब्रांडिंग करनी चाहिए. राज्य सरकार झारखंड को ऑर्गेनिक स्टेट बनाने के बारे में कोई प्रस्ताव देती है तो केंद्र पूरी मदद देगा. वर्तमान में कोई किसान जैविक खेती शुरू करना चाहता है तो केंद्रीय योजना के तहत उसे तीन सालों तक 50,000 रूपये प्रति साल अनुदान दिया जाता है.

ये भी देखें- झारखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगाई सौगातों की झड़ी, कहा- पांच साल के लिए झारखंड फिर लगाएगा विकास का डबल इंजन

सिक्किम की सब्जियों की है अलग पहचान
उन्होंने कहा कि दिल्ली की फल-सब्जी की दुकानों में लोग सिक्किम का उत्पाद बताकर कई चीजें महंगे दाम पर बेचते हैं. वहीं जबतक वह समाप्त नहीं हो जाता उपभोक्ता दूसरी दुकानों में नहीं जाते हैं. देश के बाजारों में झारखंड की भी यही पहचान बननी चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि पदाधिकारियों और वैज्ञानिकों को अपना अधिकांश समय फील्ड में देना चाहिए न कि कार्यालय और फाइलों में. कृषि के छात्र भी जबतक अपने घर और पास-पड़ोस में अपने गमलों और बालकनी में लगाये गए फल-सब्जी से लदे पौधों का फोटोग्राफ टैग नहीं करें, तब तक उन्हें पास नहीं करना चाहिए. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को भी लोगों को फल-सब्जी के अच्छे पौधे गिफ्ट करना चाहिए.


उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब कृषि कार्य पहले की तरह पुनः सबसे उत्तम व्यवसाय के रूप में प्रतिष्ठित होगा और नौकरी, व्यापार से ज्यादा लाभकारी और आकर्षक बनेगा. मोदी सरकार इस दिशा में सुनियोजित ठोस प्रयास कर रही है. इजराइल और अमेरिका में बड़ी-बड़ी मशीनों से जुताई, बोआई, कटाई, कीटनाशक छिटाई आदि काम हो रहे हैं, लेकिन मशीनें हमारे काम की नहीं, क्योंकि भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा खेत दो हेक्टेयर से कम आकार के हैं.

किसानों को किया सम्मानित

केंद्रीय कृषि और कृषक कल्याण राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने राज्य के विभिन्न भागों से आये 11 प्रगतिशील किसानों को कृषि क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित भी किया. राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम के सदस्य धन्नजय सिंह ने किसान परिवारों को समृद्ध-शक्तिशाली बनाने हेतु हर संभव प्रयास करने का आह्वान वैज्ञानिकों से किया. वहीं बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर एस कुरील ने झारखंड में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 10 लाख हेक्टेयर बेकार पड़ी भूमि और 14 लाख हेक्टेयर राइस फैलो भूमि को उपयोग में लाने, हाईटेक हॉर्टिकल्चर, जल संरक्षण और पुनर्चक्रण, पशु नस्ल सुधार पर जोर दिया.

रांची: बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसको संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि और कृषक कल्याण राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा कि जैविक कृषि उत्पादों की मांग देश और दुनिया के विभिन्न भागों में तेजी से बढ़ रही है.

देखें पूरी खबर

सरकार करेगी मदद
जैविक कृषि उत्पादों की पूर्ति करने की क्षमता केवल भारत के पास है. अन्य अधिकांश देशों में या तो जमीन बंजर है, बर्फ से ढकी है, ज्यादा रसायनों के कारण वहां की मिट्टी की प्रकृति बिगड़ चुकी है या वहां तकनीकी ज्ञान की कमी है. दुनिया के लिए ऑर्गेनिक के मामले में उम्मीदें सिर्फ भारत से हैं. झारखंड इसमें अग्रणी भूमिका निभा सकता है. इस राज्य को ऑर्गेनिक उत्पाद के मामले में अपनी ब्रांडिंग करनी चाहिए. राज्य सरकार झारखंड को ऑर्गेनिक स्टेट बनाने के बारे में कोई प्रस्ताव देती है तो केंद्र पूरी मदद देगा. वर्तमान में कोई किसान जैविक खेती शुरू करना चाहता है तो केंद्रीय योजना के तहत उसे तीन सालों तक 50,000 रूपये प्रति साल अनुदान दिया जाता है.

ये भी देखें- झारखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगाई सौगातों की झड़ी, कहा- पांच साल के लिए झारखंड फिर लगाएगा विकास का डबल इंजन

सिक्किम की सब्जियों की है अलग पहचान
उन्होंने कहा कि दिल्ली की फल-सब्जी की दुकानों में लोग सिक्किम का उत्पाद बताकर कई चीजें महंगे दाम पर बेचते हैं. वहीं जबतक वह समाप्त नहीं हो जाता उपभोक्ता दूसरी दुकानों में नहीं जाते हैं. देश के बाजारों में झारखंड की भी यही पहचान बननी चाहिए. उन्होंने कहा कि कृषि पदाधिकारियों और वैज्ञानिकों को अपना अधिकांश समय फील्ड में देना चाहिए न कि कार्यालय और फाइलों में. कृषि के छात्र भी जबतक अपने घर और पास-पड़ोस में अपने गमलों और बालकनी में लगाये गए फल-सब्जी से लदे पौधों का फोटोग्राफ टैग नहीं करें, तब तक उन्हें पास नहीं करना चाहिए. बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को भी लोगों को फल-सब्जी के अच्छे पौधे गिफ्ट करना चाहिए.


उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब कृषि कार्य पहले की तरह पुनः सबसे उत्तम व्यवसाय के रूप में प्रतिष्ठित होगा और नौकरी, व्यापार से ज्यादा लाभकारी और आकर्षक बनेगा. मोदी सरकार इस दिशा में सुनियोजित ठोस प्रयास कर रही है. इजराइल और अमेरिका में बड़ी-बड़ी मशीनों से जुताई, बोआई, कटाई, कीटनाशक छिटाई आदि काम हो रहे हैं, लेकिन मशीनें हमारे काम की नहीं, क्योंकि भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा खेत दो हेक्टेयर से कम आकार के हैं.

किसानों को किया सम्मानित

केंद्रीय कृषि और कृषक कल्याण राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने राज्य के विभिन्न भागों से आये 11 प्रगतिशील किसानों को कृषि क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित भी किया. राष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम के सदस्य धन्नजय सिंह ने किसान परिवारों को समृद्ध-शक्तिशाली बनाने हेतु हर संभव प्रयास करने का आह्वान वैज्ञानिकों से किया. वहीं बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर एस कुरील ने झारखंड में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए 10 लाख हेक्टेयर बेकार पड़ी भूमि और 14 लाख हेक्टेयर राइस फैलो भूमि को उपयोग में लाने, हाईटेक हॉर्टिकल्चर, जल संरक्षण और पुनर्चक्रण, पशु नस्ल सुधार पर जोर दिया.

Intro:बाइट---केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रुपाला
बाइट--कुलपति आर एस कुराल



केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने झारखण्ड को सिक्किम की तरह शीघ्र आर्गेनिक राज्य बनाने का आह्वान किसानों और कृषि वैज्ञानिकों से किया है I उन्होंने कहा की झारखण्ड में अन्य राज्यों की तुलना में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की खपत काफी कम है, इसलिए इस प्रान्त को पूरी तरह जैविक बनाना अन्य राज्यों की तुलना में आसान है I

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में ‘झारखण्ड में किसानों की आय दुगुनी करने के लिए जलवायु लचीली कृषि’ विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा जैविक कृषि उत्पादों की मांग देश और दुनिया के विभिन्न भागों में तेजी से बढ़ रही है जिसकी पूर्ति करने की क्षमता केवल भारत के पास है I अन्य अधिकांश देशों में या तो जमीन बंजर-बलुआही है, बर्फ से ढकी है, ज्यादा रसायनों के कारण वहां की मिटटी की प्रकृति बिगड़ चुकी है या वहां तकनीकी ज्ञान की कमी है I दुनिया के लिए आर्गेनिक के मामले में उम्मीदें सिर्फ भारत से हैं और झारखण्ड इसमें अग्रणी भूमिका निभा सकता है I इस राज्य को आर्गेनिक उत्पाद के मामले में अपनी ब्रांडिंग करनी चाहिए I राज्य सरकार झारखण्ड को आर्गेनिक स्टेट बनाने के बारे में कोई प्रस्ताव देती है तो केंद्र मुक्त हस्त से मदद देगा I वर्तमान में कोई किसान जैविक खेती शुरू करना चाहता है तो केन्द्रीय योजना के तहत उसे तीन वर्षों तक 50,000 रूपये प्रति वर्ष तक अनुदान दिया जाता है I

Body:उन्होंने कहा की दिल्ली की फल-सब्जी की दुकानों में लोग सिक्किम का उत्पाद बताकर कई चीजें महँगी बेचते हैं और जबतक वह समाप्त नहीं हो जाता उपभोक्ता दूसरी दुकानों में नहीं जाते I देश के बाजारों में झारखण्ड की भी यही पहचान बननी चाहिए Iउन्होंने कहा कि कृषि पदाधिकारियों और वैज्ञानिकों को अपना अधिकांश समय फील्ड में देना चाहिए न कि कार्यालय और फाइलों में I कृषि के छात्र भी जबतक अपने घर और पास-पड़ोस में अपने द्वारा गमलों और बालकनी में लगाये गए फल-सब्जी से लदे पौधों का फोटोग्राफ टैग नहीं करें तबतक उन्हें पास नहीं करना चाहिए I बिरसा कृषि विश्वविद्यालय को भी लोगों को फल-सब्जी के अच्छे पौधे गिफ्ट करना चाहिए I
उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब कृषि कार्य पहले की तरह पुनः सबसे उत्तम व्यवसाय के रूप में प्रतिष्ठित होगा तथा नौकरी और व्यापार से ज्यादा लाभकारी और आकर्षक बनेगा I मोदी सरकार इस दिशा में सुनियोजित ठोस प्रयास कर रही है I इजराइल और अमेरिका में बड़ी-बड़ी मशीनों से जुताई, बोआई, कटाई, कीटनाशक छिटाई आदि काम हो रहे हैं किन्तु वे मशीनें हमारे काम की नहीं, क्योंकि भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा खेत दो हेक्टेयर से कम आकार के हैं I


केन्द्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण राज्य मंत्री परषोत्तम रुपाला ने राज्य के विभिन्न भागों से आये 11 प्रगतिशील किसानों को कृषि क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित भी किया Iराष्ट्रीय सहकारिता विकास निगम के सदस्य धनञ्जय सिंह ने किसान परिवारों को समृद्ध-शक्तिशाली बनाने हेतु हर संभव प्रयास करने का आःवान वैज्ञानिकों से किया I

Conclusion:बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर एस कुरील ने झारखण्ड में किसानों की आय दुगुनी करने के लिए 10 लाख हेक्टेयर बेकार पड़ी भूमि तथा 14 लाख हेक्टेयर राइस फैलो भूमि को उपयोग में लाने, हाईटेक हॉर्टिकल्चर, जल संरक्षण एवं पुनर्चक्रण, पशु नस्ल सुधार पर जोर दिया तथा इसके लिए आवश्यक मदद की मांग की I
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