रांची: रिम्स में इलाज के दौरान हजारीबाग केंद्रीय कारा के दो कैदियों की मौत शनिवार को हो गई है. मृतक कैदियों में बालकिशुन महतो और अरुण ठाकुर शामिल हैं. रिम्स के कैदी वार्ड में दोनों कैदियों को भर्ती कराया गया था. जिसमें एक कैदी को 10 जनवरी 2024 को भर्ती कराया गया था, जबकि दूसरे कैदी को 12 जनवरी 2024 को भर्ती कराया गया था. दोनों ही कैदियों को हजारीबाग जेल प्रशासन के द्वारा रिम्स में भर्ती कराया गया था.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सात जनवरी 2024 को 78 वर्षीय बाल किशुन महतो को अचानक पेट में दर्द और उल्टी होने लगी. जिसके बाद उसे जेल में तैनात डॉक्टर राहुल कुमार के सुझाव पर शेख बिहारी मेडिकल कॉलेज हजारीबाग में भर्ती कराया गया. 7 जनवरी 2024 से 8 जनवरी 2024 तक हजारीबाग के शेख बिहार मेडिकल कॉलेज में कैदी बालकिशुन महतो की तबीयत में सुधार नहीं होता देख डॉक्टरों ने उसे 9 जनवरी 2024 को बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया, लेकिन जेल प्रबंधन के प्रक्रिया में देरी होने की वजह से कैदी को 10 जनवरी को रिम्स में भर्ती कराया गया, लेकिन लगातार इलाज चलने के बावजूद भी 12 जनवरी 2024 की देर रात सजायाफ्ता कैदी बालकिशुन महतो ने अपना दम तोड़ दिया.
हजारीबाग मेडिकल कॉलेज से कैदियों को रिम्स रेफर किया गया थाः वहीं अरुण ठाकुर नाम के कैदी की भी हजारीबाग केंद्रीय कारा में ही तबीयत खराब हुई थी. तबीयत खराब होने के बाद कैदी को 9 जनवरी 2024 को हजारीबाग केंद्रीय कारा के चिकत्सक डॉ राहुल कुमार ने उसे बेहतर इलाज के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया. जहां दो दिनों के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के लिए रांची के रिम्स रेफर कर दिया. 12 जनवरी को कैदी अरुण को रिम्स में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ और इलाज के दौरान मौत हो गई. अरुण ठाकुर मूल रूप से कोडरमा जिले के मरकच्चो थाना क्षेत्र का निवासी था, जबकि बालकिशुन महतो हजारीबाग का ही रहने वाला था.
दोनों कैदी हजारीबाग जेल में काट रहे थे उम्रकैद की सजाः बताते चलें कि बालकिशुन महतो और अरुण ठाकुर दोनों ही कैदी उम्रकैद की सजा काट रहे थे. दोनों कैदियों की मौत होने के बाद अब आगे की प्रक्रिया जारी है. जानकारी के अनुसार पोस्टमार्टम के बाद दोनों कैदियों के शवों को उनके परिवार वालों को सौंप दिया जाएगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही दोनों कैदियों की मौत की असली वजह स्पष्ट हो पाएगी. बता दें कि पिछले दिनों कोर्ट की तरफ से भी झारखंड के जेलों में तैनात पदाधिकारियों को जेल की व्यवस्था सुधारने के लिए फटकार लगाई गई थी.
ये भी पढ़ें-
रिम्स में इलाजरत साहिबगंज की महिला कैदी की मौत, खूंटी की महिला कैदी के नवजात ने भी तोड़ा दम
कुपोषण से महिला कैदी की हुई मौत, पिछले 10 दिनों से रिम्स में चल रहा था इलाज
गिरिडीहः इलाज के दौरान विचाराधीन कैदी की मौत, परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप