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फर्जी मार्कशीट मामला: किस बोर्ड के सर्टिफिकेट हैं फर्जी! जानें यहां कैसे हुआ खुलासा

कोरोना महामारी के कारण रद्द की गई बोर्ड की परीक्षा के रिजल्ट को निकालने की तैयारी के दौरान राज्य में बड़े फर्जीवाड़े का पता चला है. साक्षरता विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में झारखंड एकेडमिक काउंसिल के नाम से मिलते जुलते 2 अन्य बोर्ड, झारखंड स्टेट ओपन स्कूल और झारखंड एकेडमिक ओपन बोर्ड संचालित किये जा रहे हैं. जिसकी मार्कशीट के आधार पर सीबीएसई के कई स्कूलों में छात्रों को एडमिशन दिया गया है. पूरे मामले में शिक्षा सचिव ने जांच की बात कही है.

Jharkhand Academic Board
फर्जी मार्कशीट मामला
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Published : Jul 14, 2021, 12:14 PM IST

रांची: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं और उसके बाद रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया जारी है. झारखंड बोर्ड के अलावे सीबीएसई (CBSE) और आईसीएसई (ICSE) बोर्ड भी अपने-अपने आधार पर रिजल्ट तैयार कर रही है. रिजल्ट तैयारी के दौरान कई गड़बड़ियां सामने आई हैं. स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड एकेडमिक काउंसिल के नाम से मिलता जुलता 2 अन्य बोर्ड भी संचालित हो रहे हैं जो फर्जी हैं.


ये भी पढ़ें- 10वीं और 12वीं के 7 लाख से अधिक परीक्षार्थियों को नतीजे का इंतजार, शिक्षाविदों ने कहा- रिजल्ट बनाने में बरतें ये सावधानी

छात्रों के पास फर्जी बोर्ड के मार्कशीट

दरअसल रिजल्ट की तैयारी के दौरान कई सीबीएसई स्कूलों को झारखंड स्टेट ओपन स्कूल और झारखंड एकेडमिक ओपन बोर्ड से जारी किए गए मार्कशीट छात्रों के पास से मिले हैं. गौरतलब है कि सीबीएसई (CBSE) की ओर से 12वीं के रिजल्ट तैयार करने को लेकर बनाए गए फार्मूला के अनुसार कक्षा 10वीं और 12वीं के रिजल्ट को भी आधार बनाया गया है और लगातार मार्कशीट का सत्यापन भी हो रहा है. सत्यापन के दौरान ही ये पता चला कि झारखंड में वैसे दो बोर्ड के अंकपत्र से कई विद्यार्थियों ने सीबीएसई स्कूलों में एडमिशन लिया है, जिनको सरकारी मान्यता प्राप्त नहीं है. दोनों बोर्ड को 2019 में ही फर्जी घोषित कर दिया गया था. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सीबीएसई को जानकारी देते हुए कहा है कि झारखंड स्टेट ओपन स्कूल और झारखंड एकेडमिक ओपन बोर्ड झारखंड में मान्य नहीं हैं. वर्ष 2019 में ही विभाग की ओर से यह जानकारी सार्वजनिक किया गया है. इसके बावजूद राज्य के कुछ सीबीएसई स्कूलों ने इस बोर्ड के प्रमाण पत्रों के आधार पर बच्चों का नामांकन लिया है, जिसका रिजल्ट की तैयारी के दौरान खुलासा हो रहा है.

फर्जी बोर्ड के विद्यार्थी कैसे करा रहे हैं रजिस्ट्रेशन

फर्जी बोर्ड के फर्जी अंकपत्र के खुलासे के बाद ये सवाल उठ रहा है कि अगर राज्य में इन दोनों बोर्ड को मान्यता नहीं है तो फिर इसके विद्यार्थी रजिस्ट्रेशन कैसे करा रहे हैं और कैसे उनका नामांकन अन्य बोर्ड के अधीन हो जाता है. पूरे मामले में राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के सचिव से मिली जानकारी के अनुसार पूरे फर्जीवाड़े की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा.

जैक से भी मांगी गई जानकारी

हालांकि सीबीएसई की ओर से रिजल्ट तैयार करने को लेकर जैक ( Jharkhand Academic Council) से मैट्रिक परीक्षा पास कर सीबीएसई स्कूलों में 11वीं में नामांकन लेने वाले विद्यार्थियों के परिणाम की भी जानकारी मांगी गई है. जैक की ओर से भी पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी गई है. परीक्षा परिणाम तैयार करने में भी जैक को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. सीबीएसई बोर्ड का आधार और फार्मूला पहले से तय था, ऐसे में सीबीएसई बोर्ड को रिजल्ट प्रकाशित करने में कम कठिनाई होगी. हालांकि जैक ने भी निर्धारित तिथि पर रिजल्ट प्रकाशित करने की पूरी तैयारी कर ली है. ऐसे में झारखंड एकेडमिक काउंसिल, सीबीएसई ओर आईसीएसई बोर्ड के 10वीं 12वीं के परिणाम इसी महीने के अंत तक जारी कर दिये जाएंगे.

जैक के अलावे दूसरे बोर्ड को मान्यता नहीं

झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद सिंह ने बताया कि झारखंड में केवल झारखंड एकेडमिक काउंसिल ही संचालित हो रही है और राज्य सरकार की तरफ से किसी अन्य बोर्ड को फिलहाल मान्यता नहीं दी गई है.

रांची: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं और उसके बाद रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया जारी है. झारखंड बोर्ड के अलावे सीबीएसई (CBSE) और आईसीएसई (ICSE) बोर्ड भी अपने-अपने आधार पर रिजल्ट तैयार कर रही है. रिजल्ट तैयारी के दौरान कई गड़बड़ियां सामने आई हैं. स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड एकेडमिक काउंसिल के नाम से मिलता जुलता 2 अन्य बोर्ड भी संचालित हो रहे हैं जो फर्जी हैं.


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छात्रों के पास फर्जी बोर्ड के मार्कशीट

दरअसल रिजल्ट की तैयारी के दौरान कई सीबीएसई स्कूलों को झारखंड स्टेट ओपन स्कूल और झारखंड एकेडमिक ओपन बोर्ड से जारी किए गए मार्कशीट छात्रों के पास से मिले हैं. गौरतलब है कि सीबीएसई (CBSE) की ओर से 12वीं के रिजल्ट तैयार करने को लेकर बनाए गए फार्मूला के अनुसार कक्षा 10वीं और 12वीं के रिजल्ट को भी आधार बनाया गया है और लगातार मार्कशीट का सत्यापन भी हो रहा है. सत्यापन के दौरान ही ये पता चला कि झारखंड में वैसे दो बोर्ड के अंकपत्र से कई विद्यार्थियों ने सीबीएसई स्कूलों में एडमिशन लिया है, जिनको सरकारी मान्यता प्राप्त नहीं है. दोनों बोर्ड को 2019 में ही फर्जी घोषित कर दिया गया था. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सीबीएसई को जानकारी देते हुए कहा है कि झारखंड स्टेट ओपन स्कूल और झारखंड एकेडमिक ओपन बोर्ड झारखंड में मान्य नहीं हैं. वर्ष 2019 में ही विभाग की ओर से यह जानकारी सार्वजनिक किया गया है. इसके बावजूद राज्य के कुछ सीबीएसई स्कूलों ने इस बोर्ड के प्रमाण पत्रों के आधार पर बच्चों का नामांकन लिया है, जिसका रिजल्ट की तैयारी के दौरान खुलासा हो रहा है.

फर्जी बोर्ड के विद्यार्थी कैसे करा रहे हैं रजिस्ट्रेशन

फर्जी बोर्ड के फर्जी अंकपत्र के खुलासे के बाद ये सवाल उठ रहा है कि अगर राज्य में इन दोनों बोर्ड को मान्यता नहीं है तो फिर इसके विद्यार्थी रजिस्ट्रेशन कैसे करा रहे हैं और कैसे उनका नामांकन अन्य बोर्ड के अधीन हो जाता है. पूरे मामले में राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग के सचिव से मिली जानकारी के अनुसार पूरे फर्जीवाड़े की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा.

जैक से भी मांगी गई जानकारी

हालांकि सीबीएसई की ओर से रिजल्ट तैयार करने को लेकर जैक ( Jharkhand Academic Council) से मैट्रिक परीक्षा पास कर सीबीएसई स्कूलों में 11वीं में नामांकन लेने वाले विद्यार्थियों के परिणाम की भी जानकारी मांगी गई है. जैक की ओर से भी पूरी जानकारी उपलब्ध करा दी गई है. परीक्षा परिणाम तैयार करने में भी जैक को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. सीबीएसई बोर्ड का आधार और फार्मूला पहले से तय था, ऐसे में सीबीएसई बोर्ड को रिजल्ट प्रकाशित करने में कम कठिनाई होगी. हालांकि जैक ने भी निर्धारित तिथि पर रिजल्ट प्रकाशित करने की पूरी तैयारी कर ली है. ऐसे में झारखंड एकेडमिक काउंसिल, सीबीएसई ओर आईसीएसई बोर्ड के 10वीं 12वीं के परिणाम इसी महीने के अंत तक जारी कर दिये जाएंगे.

जैक के अलावे दूसरे बोर्ड को मान्यता नहीं

झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद सिंह ने बताया कि झारखंड में केवल झारखंड एकेडमिक काउंसिल ही संचालित हो रही है और राज्य सरकार की तरफ से किसी अन्य बोर्ड को फिलहाल मान्यता नहीं दी गई है.

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