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रांचीः JTU में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी प्रारंभ, गांवों को विकसित करने पर दिया गया जोर

झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी की ओर से जनजातीय विकास एवं उद्यमिता विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रिय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी सिद्धेश्वरी ने कहा कि गांवों को विकसित करना होगा. नदियों को सुंदर बनाने के साथ साथ जल संचय की व्यवस्था करनी होगी.

रांची
JTU में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
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Published : Mar 22, 2021, 5:58 PM IST

Updated : Mar 22, 2021, 6:20 PM IST

रांचीः झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी की ओर से जनजातीय विकास एवं उद्यमिता विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रिय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी के पहले दिन सोमवार को स्वामी सिद्धेश्वरी ने दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ेंःआरयू अनुबंध कर्मचारियों को स्थायी करने के प्रयास तेज, कॉलेज प्रबंधनों को दिए गए निर्देश

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी सिद्धेश्वरी ने कहा कि गांवों को विकसित करना होगा. नदियों को सुंदर बनाने के साथ साथ जल संचय की व्यवस्था करनी होगी. यह तभी संभव होगा, जब लोग जागरूक होंगे. उन्होंने कहा कि मिट्टी का संचयन करने के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा वृक्षा लगाने की जरूरत है. वर्तमान समय में पर्यावरण काफी दूषित हो गया है. पर्यावरण को बचाने के लिए पौधा लगाना जरूरी है.

इस दो दिवसीय संगोष्ठी में देश भर के जैविक पर्यावरण को बचाने वाले लोग शामिल हुए हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि झारखंड में पर्याप्त जंगल होने के बावजूद प्रदूषण अधिक है. इसका वजह है कि बेतरतीब तरीके से जंगल काटे जा रहे हैं. झारखंड को बचाने के लिए पेड़ों को कटने पर रोक लगानी होगी. किसानों को आधुनिक खेती के लिए प्रेरित करना होगा और सरकार को ग्रामीणों को ध्यान में रख कर योजनाएं बनानी होंगी, तभी शहर की ओर पलायन रुकेगा.

रांचीः झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी की ओर से जनजातीय विकास एवं उद्यमिता विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रिय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी के पहले दिन सोमवार को स्वामी सिद्धेश्वरी ने दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया.

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उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए स्वामी सिद्धेश्वरी ने कहा कि गांवों को विकसित करना होगा. नदियों को सुंदर बनाने के साथ साथ जल संचय की व्यवस्था करनी होगी. यह तभी संभव होगा, जब लोग जागरूक होंगे. उन्होंने कहा कि मिट्टी का संचयन करने के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा वृक्षा लगाने की जरूरत है. वर्तमान समय में पर्यावरण काफी दूषित हो गया है. पर्यावरण को बचाने के लिए पौधा लगाना जरूरी है.

इस दो दिवसीय संगोष्ठी में देश भर के जैविक पर्यावरण को बचाने वाले लोग शामिल हुए हैं. विशेषज्ञों ने कहा कि झारखंड में पर्याप्त जंगल होने के बावजूद प्रदूषण अधिक है. इसका वजह है कि बेतरतीब तरीके से जंगल काटे जा रहे हैं. झारखंड को बचाने के लिए पेड़ों को कटने पर रोक लगानी होगी. किसानों को आधुनिक खेती के लिए प्रेरित करना होगा और सरकार को ग्रामीणों को ध्यान में रख कर योजनाएं बनानी होंगी, तभी शहर की ओर पलायन रुकेगा.

Last Updated : Mar 22, 2021, 6:20 PM IST
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