गढ़वाः कोरोना की दूसरी लहर ने गढ़वा को पूरी तरह से अपने गिरफ्त में ले लिया है. कोरोना से मौत की डर से लोग सिहर जा रहे हैं. गढ़वा कोविड हॉस्पिटल में इलाज के लिए तड़प रहे एक मरीज ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं एक अन्य मरीज की मौत हो गई. परिजनों ने मौत का कारण ऑक्सीजन की कमी बताया है.
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कोविड अस्पताल में दो मरीजों की मौत
18 अप्रैल को मझिआंव प्रखंड के केरकेट्टा गांव के 39 वर्षीय नीरज उपाध्याय को कोविड हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था. अस्पताल में भर्ती होने के बाद वह चिल्ला रहा था. सोमवार को कोविड हॉस्पिटल में उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं उसी हॉस्पिटल में भर्ती मेराल प्रखंड के देवगाना गांव के 46 वर्षीय शिवचंद विश्वकर्मा की मौत हो गई. परिजनों के अनुसार उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. काफी आग्रह के बाद भी ऑक्सीजन नहीं लगाया गया था.
कस्तूरबा विद्यालय की 10 छात्राएं पॉजिटिव
रंका कस्तूरबा आवासीय स्कूल की 10 छात्राएं कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं. स्कूल के 55 छात्राओं का कोरोना टेस्ट कराया गया था. जिसमें 10 पॉजिटिव पाई गई है. सभी पॉजिटिव छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज शुरू कर दिया गया है.
इलाज करने वालों पर कोरोना का अटैक
कोविड हॉस्पिटल में इलाज करने वाले और कोविड से संबंधित कार्य में लगे कई डॉक्टर, कर्मचारी और नर्स कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं. डॉ वीरेंद्र कुमार, डॉ अमित कुमार, डॉ दीपक सिन्हा, कर्मी संतोष मिश्रा, अरविंद द्विवेदी सहित कई स्वास्थ्य कर्मचारी और नर्स कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. कोविड पॉजिटिव डीपीएम प्रवीण सिंह का इलाज रांची में चल रहा है.
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परिजनों का हंगामा
गढ़वा कोविड हॉस्पिटल की व्यवस्था से खिन्न परिजन आए दिन हंगामा कर रहे हैं. एक दिन पूर्व अस्पताल के एक कर्मचारी के परिजन की मौत कोरोना से हो गई थी. इसे लेकर मृतक के परिजनों ने जमकर बवाल काटा और स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ मारपीट की. चिकित्सकों को भद्दी-भद्दी गालियां दी. उनका आरोप था कि उनके परिजन को कोरोना नहीं था, फिर भी कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया, जिससे उनकी मौत हो गई.
कोविड पॉजिटिव का आंकड़ा 400 पार
गढ़वा जिले में कोरोना की दूसरे लहर की चपेट में 400 से अधिक लोग आ चुके हैं. जबकि कोरोना से अब तक जिले में 19 लोगों की मौत हो चुकी है. जिला मुख्यालय सहित सारे कोविड हॉस्पिटल के बेड मरीजों से भरे पड़े हैं. ऑक्सीजन और मानव संसाधन की कमी एक अलग समस्या बन चुकी है.
नहीं है जांच की समुचित व्यवस्था
कोरोना जांच के लिए सरकारी अस्पतालों में भीड़ उमड़ रही है. लेकिन जांच की समुचित व्यवस्था का अभाव है. जांच की सबसे सटीक व्यवस्था आरटीपीसीआर (रांची) के लिए सर्वाधिक कलेक्शन लिए जा रहे हैं. लेकिन उसकी रिपोर्ट समय से प्राप्त नहीं हो पा रही है. सदर अस्पताल में ट्रूनेट लैब की क्षमता कम है. जबकि एंटीजन टेस्ट के लिए किट कम पड़ रहे हैं.