रांची: राजधानी में फर्जी दस्तावेज के सहारे फाइनेंस करवा कर मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक दुकानदारों को चूना लगाने वाले दो शातिर अपराधियों को पुलिस ने धर दबोचा है. दोनों मिलकर अब तक अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक दुकानदारों से लाखों की ठगी को अंजाम दे चुके हैं.
क्या है मामला
फर्जी दस्तावेज के सहारे टीवी, मोबाइल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फाइनेंस कराने वाले दो अपराधियों को पुलिस ने दबोचा है. इनमें से एक नाबालिग है. जानकारी के अनुसार कचहरी रोड स्थित तिरूपति बालाजी मोबाइल डॉट कॉम में लक्ष्मण गुप्ता उर्फ विक्रम गुप्ता मोबाइल को फाइनेंस कराने पहुंचा था. उसे देखकर फाइनांस कंपनी के कर्मी और मोबाइल दुकान के कर्मियों ने पहचान लिया. क्योंकि वे अलग-अलग आइडी से पहले भी फाइनांस करवा चुके थे. उन्हें पहचान कर दुकानदारों ने उन्हें धर दबोचा. इसके बाद उन्हें कोतवाली थाने की पुलिस को सौंप दिया. दोनों के खिलाफ फाइनांस कंपनी आइडीएफसी फ्रुट बैंक के सेल्स ऑफिसर अमर कुमार ने कोतवाली थाने में एफआइआर दर्ज कराई है.
जाली आधार-पैन कार्ड बना करते थे ठगी
गिरफ्तार दोनों अपराधी इतने शातिर हैं कि वे दूसरे लोगो के आधार और पैन कार्ड का डुप्लीकेट बनाकर उसमें अपनी तस्वीर लगा लेते और कीमती सामानों को फाइनेंस करवा लेते थे. जब फाइनेंस कंपनियां पैसे नहीं मिलने पर उस पते पर पहुंचती तब उन्हें यह पता चलता कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं.
1.30 लाख का करा चुके हैं फाइनेंस
पकड़े गए आरोपित अलग-अलग नामों से 1.30 लाख रुपये का फाइनेंस करा चुके हैं. उन्होंने अनिल महली नाम के दो अलग-अलग दस्तावेजों से 47990, 37990 रुपये, विजय कुमार के नाम से 43087 रुपये और 15,490 रुपये का फाइनेंस कराया है. वे कभी मोबाइल, कभी एलइडी टीवी लेते थे. इसके बाद उसे बेच डालते थे.
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अलग-अलग नामों का मिला दस्तावेज
पकड़े गए आरोपितों के पास से लक्षमण कुमार गुप्ता, जगन्नाथ स्वर्णकार, अनिल महली सहित कई नामों का फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड मिला. पुलिस संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन कर रही है. पुलिस का मानना है कि दोनों ने मिलकर रांची के कई दुकानों से इस तरह की जालसाजी की है. पुलिस अन्य जगहों पर हुई ठगी का भी पता लगा रही है.