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जाली आधार-पैन बनाकर फाइनेंस कंपनी को लगाते थे चूना, पुलिस ने किया दो लोगों को गिरफ्तार

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Published : Aug 27, 2019, 9:07 AM IST

दुकानदारों की मदद से रांची पुलिस ने फर्जी दस्तावेज के सहारे फाइनेंस करवा कर मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक दुकानदारों को चूना लगाने वाले दो शातिर अपराधियों को धर दबोचा है. पुलिस का मानना है कि दोनों ने मिलकर रांची के कई दुकानों से इस तरह की जालसाजी की है.

कोतवाली थाना

रांची: राजधानी में फर्जी दस्तावेज के सहारे फाइनेंस करवा कर मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक दुकानदारों को चूना लगाने वाले दो शातिर अपराधियों को पुलिस ने धर दबोचा है. दोनों मिलकर अब तक अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक दुकानदारों से लाखों की ठगी को अंजाम दे चुके हैं.

देखें पूरी खबर


क्या है मामला
फर्जी दस्तावेज के सहारे टीवी, मोबाइल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फाइनेंस कराने वाले दो अपराधियों को पुलिस ने दबोचा है. इनमें से एक नाबालिग है. जानकारी के अनुसार कचहरी रोड स्थित तिरूपति बालाजी मोबाइल डॉट कॉम में लक्ष्मण गुप्ता उर्फ विक्रम गुप्ता मोबाइल को फाइनेंस कराने पहुंचा था. उसे देखकर फाइनांस कंपनी के कर्मी और मोबाइल दुकान के कर्मियों ने पहचान लिया. क्योंकि वे अलग-अलग आइडी से पहले भी फाइनांस करवा चुके थे. उन्हें पहचान कर दुकानदारों ने उन्हें धर दबोचा. इसके बाद उन्हें कोतवाली थाने की पुलिस को सौंप दिया. दोनों के खिलाफ फाइनांस कंपनी आइडीएफसी फ्रुट बैंक के सेल्स ऑफिसर अमर कुमार ने कोतवाली थाने में एफआइआर दर्ज कराई है.


जाली आधार-पैन कार्ड बना करते थे ठगी
गिरफ्तार दोनों अपराधी इतने शातिर हैं कि वे दूसरे लोगो के आधार और पैन कार्ड का डुप्लीकेट बनाकर उसमें अपनी तस्वीर लगा लेते और कीमती सामानों को फाइनेंस करवा लेते थे. जब फाइनेंस कंपनियां पैसे नहीं मिलने पर उस पते पर पहुंचती तब उन्हें यह पता चलता कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं.


1.30 लाख का करा चुके हैं फाइनेंस
पकड़े गए आरोपित अलग-अलग नामों से 1.30 लाख रुपये का फाइनेंस करा चुके हैं. उन्होंने अनिल महली नाम के दो अलग-अलग दस्तावेजों से 47990, 37990 रुपये, विजय कुमार के नाम से 43087 रुपये और 15,490 रुपये का फाइनेंस कराया है. वे कभी मोबाइल, कभी एलइडी टीवी लेते थे. इसके बाद उसे बेच डालते थे.

यह भी पढ़ें- फाइनेंस कर्मीयों को लूटने वाले गिरोह का पर्दाफाश, हथियार समेत 4 लूटेरे गिरफ्तार


अलग-अलग नामों का मिला दस्तावेज
पकड़े गए आरोपितों के पास से लक्षमण कुमार गुप्ता, जगन्नाथ स्वर्णकार, अनिल महली सहित कई नामों का फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड मिला. पुलिस संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन कर रही है. पुलिस का मानना है कि दोनों ने मिलकर रांची के कई दुकानों से इस तरह की जालसाजी की है. पुलिस अन्य जगहों पर हुई ठगी का भी पता लगा रही है.

रांची: राजधानी में फर्जी दस्तावेज के सहारे फाइनेंस करवा कर मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक दुकानदारों को चूना लगाने वाले दो शातिर अपराधियों को पुलिस ने धर दबोचा है. दोनों मिलकर अब तक अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक दुकानदारों से लाखों की ठगी को अंजाम दे चुके हैं.

देखें पूरी खबर


क्या है मामला
फर्जी दस्तावेज के सहारे टीवी, मोबाइल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फाइनेंस कराने वाले दो अपराधियों को पुलिस ने दबोचा है. इनमें से एक नाबालिग है. जानकारी के अनुसार कचहरी रोड स्थित तिरूपति बालाजी मोबाइल डॉट कॉम में लक्ष्मण गुप्ता उर्फ विक्रम गुप्ता मोबाइल को फाइनेंस कराने पहुंचा था. उसे देखकर फाइनांस कंपनी के कर्मी और मोबाइल दुकान के कर्मियों ने पहचान लिया. क्योंकि वे अलग-अलग आइडी से पहले भी फाइनांस करवा चुके थे. उन्हें पहचान कर दुकानदारों ने उन्हें धर दबोचा. इसके बाद उन्हें कोतवाली थाने की पुलिस को सौंप दिया. दोनों के खिलाफ फाइनांस कंपनी आइडीएफसी फ्रुट बैंक के सेल्स ऑफिसर अमर कुमार ने कोतवाली थाने में एफआइआर दर्ज कराई है.


जाली आधार-पैन कार्ड बना करते थे ठगी
गिरफ्तार दोनों अपराधी इतने शातिर हैं कि वे दूसरे लोगो के आधार और पैन कार्ड का डुप्लीकेट बनाकर उसमें अपनी तस्वीर लगा लेते और कीमती सामानों को फाइनेंस करवा लेते थे. जब फाइनेंस कंपनियां पैसे नहीं मिलने पर उस पते पर पहुंचती तब उन्हें यह पता चलता कि वे ठगी का शिकार हो चुके हैं.


1.30 लाख का करा चुके हैं फाइनेंस
पकड़े गए आरोपित अलग-अलग नामों से 1.30 लाख रुपये का फाइनेंस करा चुके हैं. उन्होंने अनिल महली नाम के दो अलग-अलग दस्तावेजों से 47990, 37990 रुपये, विजय कुमार के नाम से 43087 रुपये और 15,490 रुपये का फाइनेंस कराया है. वे कभी मोबाइल, कभी एलइडी टीवी लेते थे. इसके बाद उसे बेच डालते थे.

यह भी पढ़ें- फाइनेंस कर्मीयों को लूटने वाले गिरोह का पर्दाफाश, हथियार समेत 4 लूटेरे गिरफ्तार


अलग-अलग नामों का मिला दस्तावेज
पकड़े गए आरोपितों के पास से लक्षमण कुमार गुप्ता, जगन्नाथ स्वर्णकार, अनिल महली सहित कई नामों का फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड मिला. पुलिस संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन कर रही है. पुलिस का मानना है कि दोनों ने मिलकर रांची के कई दुकानों से इस तरह की जालसाजी की है. पुलिस अन्य जगहों पर हुई ठगी का भी पता लगा रही है.

Intro:
राजधानी रांची में फर्जी दस्तावेज के सहारे फाइनेंस करवा कर मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक दुकानदारों को चूना लगाने वाले दो शातिर अपराधी। दोनों ने मिलकर राजधानी के अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक दुकानदारों से लाखों की ठगी को अंजाम दिया है।

क्या है मामला

फर्जी दस्तावेज के सहारे टीवी, मोबाइल सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फाइनांस कराने वाले दो को दबोचा गया है। इनमें एक नाबालिग हैं। जानकारी के अनुसार कचहरी रोड स्थित तिरूपति बालाजी मोबाइल डॉट कॉम में लक्ष्मण गुप्ता उर्फ विक्रम गुप्ता मोबाइल की फाइनांस कराने पहुंचा था। उसे देखकर फाइनांस कंपनी के कर्मी और मोबाइल दुकान के कर्मियों ने पहचान लिया। चूंकि वे अलग-अलग आइडी से पहले भी फाइनांस करवा चुके थे। उन्हें पहचान कर दबोचा। नाबालिग और लक्ष्मण उर्फ विक्रम की धुनाई की गई। इसके बाद कोतवाली थाने की पुलिस बुलवाकर सौंप दिया। दोनों के खिलाफ फाइनांस कंपनी आइडीएफसी फस्र्ट बैंक के सेल्स ऑफिसर अमर कुमार ने कोतवाली थाने में एफआइआर दर्ज कराई है।

आधार कार्ड - पैन कार्ड का डब्लिकेट बना करते थे ठगी

गिरफ्तार दोनों इतने शातिर हैं कि वे दूसरे लोगो के आधार और पैन कार्ड का डुप्लीकेट बनाकर उसमें अपनी तस्वीर लगा कर कीमती सामानों को फाइनेंस करवा लेते थे जब फाइनेंस कंपनियां पैसे नहीं मिलने पर उस पते पर पहुंचती तब उन्हें यह पता चलता कि वह ठगी का शिकार हो चुके हैं।

1.30 लाख करा चुका है फाइनांस

पकड़े गए आरोपितों ने अलग-अलग नामों से 1.30 लाख रुपये का फाइनांस करा चुका है। अनिल महली नाम के दो अलग-अलग दस्तावेजों से 47990, 37990 रुपये, विजय कुमार के नाम से 43087 रुपये और 15,490 रुपये का फाइनांस कराया है। कभी मोबाइल, कभी एलइडी टीवी लेता था। इसके बाद दोनों को बेच डालता था। फर्जी दस्तावेज की वजह से कभी फाइनांस की लोन को चुकता नहीं करता था। इस तरह के फर्जीवाड़े की जानकारी मिलने के बाद फाइनांसकर्मी और मोबाइल दुकान के स्टाफ उनका इंतजार कर रहे थे। इसबीच दोनों पकड़े गए। 


अलग-अलग नामों का मिला दस्तावेज

पकड़े गए आरोपितों के पास से लक्षमण कुमार गुप्ता, जगन्नाथ स्वर्णकार, अनिल महली सहित कई नामों का फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड मिला है। पुलिस संबंधित दस्तावेजों का सत्यापन कर रही है। पुलिस का मानना है कि दोनों ने मिलकर रांची के कई दुकानों से इस तरह की जालसाजी की होगी। पुलिस अन्य जगहों पर हुई ठगी का भी पता लगा रही है। 

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