रांचीः पश्चिम बंगाल के चर्चित कारोबारी अमित अग्रवाल को ईडी ने शुक्रवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया. अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी के बाद से ही लगातार कुछ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के लेकर ट्विटर वार छिड़ा (Twitter war over Amit Agarwal arresting) हुआ है. विधायक सरयू राय ने ट्वीट कर यह कहा है कि रांची के कुछ आईपीएस और आईएएस अधिकारी के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के भी कुछ अधिकारी अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी को रोकने का प्रयास कर रहे थे. कुछ इसी तरह का ट्वीट सांसद निशिकांत ने भी किया (MP and MLA targeted IAS IPS officers) है.
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चर्चा में ट्वीटः सवाल यह है कि आखिर सरयू राय और निशिकांत दुबे किन आईएएस और आईपीएस अधिकारियों पर निशाना लगा रहे हैं. सरयू राय ने जो ट्वीट किया है उसमें उन्होंने किसी भी अधिकारी के नाम का जिक्र नहीं किया है. लेकिन यह जरूर लिखा है कि कुछ आईपीएस और आईएएस अधिकारी अमित अग्रवाल को बचाने का प्रयास कर रहे थे. सरयू राय ने लिखा है कि 'झारखंड सीएमओ के निदेशक की भूमिका निभा रहा कोलकाता का शातिर व्यवसाई अमित अग्रवाल ईडी के हत्थे चढ़ गया है. कुछ देर में इसकी गिरफ्तारी की अधिकारिक घोषणा संभावित है. रांची, कोलकाता के कुछ आईपीएस अमित अग्रवाल की गिरफ्तारी रुकवाने के लिए दिनभर तिकड़म लगाते रहे ईडी का अगला शिकार कौन? कयास लगाए!'.
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वहीं दूसरी तरफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे जो अक्सर ट्विटर बम फोड़ा करते हैं. इसको लेकर उन्होंने भी अपने ट्विटर हैंडल से यह ट्वीट किया है कि 'डायरेक्टर आईडी के राडार पर बंगाल और झारखंड के कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी भी हैं जो अमित अग्रवाल को बचाने में और उनके भ्रष्टाचार में शामिल है.'
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ईडी के जांच में आएगी बाते सामनेः बहरहाल अमित अग्रवाल के गिरफ्तारी के बाद झारखंड में चर्चाओं का बाजार (Amit Agarwal accused of terror funding) गर्म है. सोशल मीडिया पर यह लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर अमित अग्रवाल के मददगार कौन-कौन आईएएस और आईपीएस हैं, क्या उन पर भी कार्रवाई होगी. हालांकि यह सब ईडी की जांच पर निर्भर करता है. जैसे जैसे ही ईडी की जांच आगे बढ़ेगी अमित अग्रवाल मामले को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे भी सामने आएंगे.