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झारखंड में डायन बिसाही का सच, ज्यादा शिकायतें दर्ज होने पर घट जाता है मौत का आंकड़ा - झारखंड समाचार

झारखंड में हर साल कई लोगों की हत्या डायन बिसाही के नाम पर कर दी जाती है. जो रिपोर्ट सामने आई है वह ये है कि जहां पर डायन बिसाही को लेकर पुलिस के पास ज्यादा मामले दर्ज होते हैं, वहां हत्याएं कम होतीं हैं. जबकि जहां पुलिस के पास शिकायतें कम दर्ज होती हैं वहां हत्या का आंकड़ा बढ़ जाता है.

Truth of Witchcraft in Jharkhand
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Published : Jun 16, 2023, 4:27 PM IST

Updated : Jun 16, 2023, 5:05 PM IST

रांची: झारखंड में डायन बिसाही के नाम पर हत्याओं का दौर अभी भी जारी है. औसतन हर साल 35 महिलाओं पुरुषों की हत्या डायन करार देकर कर दी जाती है. साल 2023 के 6 महीने गुजर चुके हैं. इस दौरान भी एक दर्जन लोगों की हत्या डायन के नाम पर हो चुकी है. सबसे हैरानी की बात तो यह है कि झारखंड के जिन जिलों में डायन बिसाही को लेकर मामले ज्यादा दर्ज होते हैं, वहां हत्या का ग्राफ बहुत कम है. लेकिन जिन जिलों में डायन बिसाही को लेकर कम रिपोर्टिंग होती है, वहां हत्याएं ज्यादा होतीं हैं. झारखंड पुलिस के 5 साल के आंकड़े बताते हैं कि लगातार जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद हर महीने औसतन तीन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है.

ये भी पढ़ें: Jharkhand News: डायन बता कर किया डबल मर्डर! गुमला में वृद्ध दंपति की पीट-पीटकर हत्या

गढ़वा में सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट, पर हत्या नहीं: झारखंड पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार साल 2018 में डायन बिसाही के सबसे ज्यादा मामले झारखंड के गढ़वा में दर्ज किए गए. पूरे प्रदेश में साल 2018 में 592 मामले डायन बिसाही को लेकर थाने में रिपोर्ट किए गए, जिनमें से अकेले गढ़वा में ही 140 मामले दर्ज किए गए, लेकिन एक भी मामला गढ़वा में ऐसा नहीं है जिसमें डायन को लेकर किसी की हत्या की गई हो. साल 2019 में गढ़वा में 298 डायन बिसाही के मामले रिपोर्ट किए गए, हत्या का ग्राफ इस बार भी जीरो ही रहा. वहीं साल 2000 बीच में गढ़वा में 164, साल 2021 में 170, साल 2022 में 110 मामले रिपोर्ट हुए, लेकिन इन 5 सालों में गढ़वा में डायन बिसाही को लेकर किसी को भी मार डालने की रिपोर्ट थानों में दर्ज नहीं है.

पलामू ,गिरिडीह ,हजारीबाग जैसे शहरों में भी रिपोर्टिंग ज्यादा: झारखंड के हजारीबाग जिले में भी डायन बिसाही को लेकर रिपोर्टिंग काफी ज्यादा है. लेकिन डायन बिसाही के नाम पर हत्या का ग्राफ बेहद कम है. साल 2018 में हजारीबाग में 48 मामले रिपोर्ट किए गए, साल 2019 में हजारीबाग में 86 मामले रिपोर्ट हुए, जिसमें एक हत्या का भी है. साल 2020 में भी हजारीबाग में 101 मामले रिपोर्ट किए गए जिसमें मात्र एक मामला हत्या का आया. साल 2021 में भी हजारीबाग में कुल 102 मामले रिपोर्ट में जिसमें 2 हत्या का मामला भी था. वहीं साल 2022 में भी हजारीबाग में 88 मामले दर्ज हुए जिनमें से एक हत्या का था. इसी तरह गिरिडीह में भी 5 सालों में डायन बिसाही को लेकर 300 से ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए. जिसमें मात्र तीन ही हत्या के थे. झारखंड के पलामू में भी 2018 से लेकर 2023 के जून महीने तक 350 से ज्यादा मामले थानों में रिपोर्ट किए गए. यहां 5 सालों में डायन बिसाही के नाम पर 14 लोगों की हत्या की गई है.

राजधानी रांची, खूंटी, गुमला, लातेहार, लोहरदगा जैसे जिले में ज्यादा प्रभावित: झारखंड में डायन बिसाही के मामले को लेकर रेड अलर्ट वाले शहर में राजधानी रांची भी शामिल है. राजधानी रांची में मामले तो कम रिपोर्ट होते हैं लेकिन यहां हत्या का ग्राफ ज्यादा है. कुछ ऐसे ही हालात खूंटी, चाईबासा, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और सिमडेगा जैसे जिलों का है.

चाईबासा में सबसे ज्यादा हत्या: झारखंड का चाईबासा जिला डायन बिसाही को लेकर हो रहे हत्याओं में सबसे ऊपर है. साल 2018 से लेकर 15 जून 2023 तक चाईबासा में 58 डायन बिसाही के मामले थानों में रिपोर्ट किए गए. लेकिन 58 में से 28 मामले हत्या के थे. सबसे ज्यादा 28 लोगों की हत्या डायन बिसाही के नाम पर चाईबासा में की गई है.

रांची के क्या है ग्राफ: डायन बिसाही को लेकर राजधानी रांची भी अलर्ट जोन में है. राजधानी रांची में साल 2018 से लेकर 15 जून 2023 तक डायन बिसाही को लेकर कुल 121 मामले रिपोर्ट हुए. लेकिन राजधानी रांची में पिछले 5 सालों में 17 लोगों की जान डायन बिसाही के नाम पर ले ली गई.

गुमला का क्या है ग्राफ: राजधानी रांची की तरह झारखंड के गुमला जिले में पिछले 5 सालों के दौरान डायन बिसाही को लेकर कुल 125 मामले थानों में रिपोर्ट किए गए. लेकिन यहां भी पिछले 5 सालों के दौरान 16 लोगों की हत्या डायन के नाम पर कर दी गई.

सिमडेगा का क्या है ग्राफ: झारखंड के सिमडेगा जिले में भी पिछले 5 सालों में मात्र 33 मामले डायन बिसाही को लेकर थानों में दर्ज किए गए, लेकिन 8 लोगों की हत्या डायन बिसाही के नाम पर कर दी गई.

खूंटी का क्या है ग्राफ: झारखंड के खूंटी जिले में भी डायन बिसाही को लेकर मामले बेहद कम रिपोर्ट होते हैं, लेकिन यहां भी हत्या का ग्राफ ज्यादा है. साल 2018 से लेकर 15 जून 2023 तक खूंटी में मात्र 41 मामले डायन बिसाही को लेकर रिपोर्ट किए गए, लेकिन इन 5 सालों में 15 लोगों की निर्मम हत्या डायन के नाम पर कर दी गई.

झारखंड के जिले जहां हर साल हत्या का ग्राफ रहता है जीरो: झारखंड का कोडरमा भी एक ऐसा जिला है जहां 200 से अधिक डायन बिसाही के मामले थाने में दर्ज तो हुए हैं, लेकिन हत्या का एक भी मामला नहीं है. झारखंड में दुमका, गोड्डा, जामताड़ा, देवघर, पाकुड़ साहिबगंज, रामगढ़ ऐसे जिले हैं जहां डायन बिसाही के मामले बेहद कम आते हैं. हालांकि यहां भी इक्का-दुक्का हत्या के मामले साल भर में जरूर दर्ज होते हैं.

अन्य शहरों का क्या है ग्राफ: झारखंड के जमशेदपुर, सरायकेला, धनबाद, चतरा, रामगढ़ और जामताड़ा ऐसे शहर है जहां डायन बिसाही को लेकर रिपोर्टिंग बेहद कम है. लेकिन यहां भी अक्सर हत्या का ग्राफ ही ऊपर रहता है. झारखंड के देवघर और जामताड़ा जैसे शहरों में पिछले 5 सालों में डायन बिसाही को लेकर मामले 100 से ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए हैं. जिनमें से मात्र तीन हत्या के है.

2018 से लेकर 2023 तक 189 हत्याएं: झारखंड पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि साल 2018 से लेकर 12 जून 2023 तक 189 महिला और पुरुष को डायन बिसाही के नाम पर मार डाला गया. साल 2018 में डायन के नाम पर 25 लोगों को मार डाला गया. साल 2019 में 27 लोग डायन बिसाही के नाम पर मार डाले गए. साल 2020 में 30 लोग डायन बिसाही के नाम पर अकारण ही अपनी जान से हाथ धो बैठे. साल 2021 में 32 लोगों की हत्या डायन बिसाही की वजह से कर दी गई. वहीं साल 2022 में 33 लोगों की हत्या डायन बिसाही के नाम पर की गई जबकि साल 2023 मैं अब तक 12 लोग डांडिसाही के नाम पर मौत के घाट उतार दिए गए हैं.

साल 2023 के प्रमुख वारदात: साल 2023 में भी डायन के नाम पर प्रताड़ना और हत्या के मामले कम नहीं हुए हैं. 10 जून 2023 को झारखंड के लातेहार जिले में एक बेटे ने अपने ही पिता को डायन होने के संदेह में मार डाला. 7 जून 2023 को झारखंड के चाईबासा में डायन होने के संदेह में एक महिला की गला रेत कर हत्या कर दी गई. 3 मई 2023 को झारखंड के लातेहार जिले में ही एक बुजुर्ग दंपति की हत्या डायन बिसाही के नाम पर कर दी गई. 18 मई 2023 को झारखंड के खूंटी जिले में एक बुजुर्ग महिला की डायन बिसाही के नाम पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. 8 जून 2023 को राजधानी रांची में भी डायन के नाम पर एक महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.

रेड जोन को लेकर रिसर्च कर रही है पुलिस: ऐसा नहीं है कि पूरे झारखंड में डायन बिसाही को लेकर हालात बेहद खराब है. झारखंड के 6 से 7 जिले ही ऐसे हैं जहां डायन बिसाही को लेकर मामले हत्या तक पहुंच जाते हैं. झारखंड पुलिस अब उन जिलों को रेड जोन में रखकर बाकायदा हत्या की वजह पर सर्च कर रही है ताकि रेड जोन में शामिल जिलों में उसी रिसर्च के आधार पर डायन बिसाही जैसे मामलों पर ब्रेक लगाया जा सके. पुलिस मुख्यालय ने झारखंड की राजधानी रांची, खूंटी, चाईबासा, लोहरदगा, गुमला सिमडेगा और लातेहार जैसे जिलों को रेड जोन में रखा है. इन शहरों में डायन बिसाही को लेकर विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिसमें सीआईडी के साथ-साथ कई सामाजिक संस्थाएं भी हिस्सा लेंगी.

रांची: झारखंड में डायन बिसाही के नाम पर हत्याओं का दौर अभी भी जारी है. औसतन हर साल 35 महिलाओं पुरुषों की हत्या डायन करार देकर कर दी जाती है. साल 2023 के 6 महीने गुजर चुके हैं. इस दौरान भी एक दर्जन लोगों की हत्या डायन के नाम पर हो चुकी है. सबसे हैरानी की बात तो यह है कि झारखंड के जिन जिलों में डायन बिसाही को लेकर मामले ज्यादा दर्ज होते हैं, वहां हत्या का ग्राफ बहुत कम है. लेकिन जिन जिलों में डायन बिसाही को लेकर कम रिपोर्टिंग होती है, वहां हत्याएं ज्यादा होतीं हैं. झारखंड पुलिस के 5 साल के आंकड़े बताते हैं कि लगातार जागरूकता अभियान चलाए जाने के बावजूद हर महीने औसतन तीन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है.

ये भी पढ़ें: Jharkhand News: डायन बता कर किया डबल मर्डर! गुमला में वृद्ध दंपति की पीट-पीटकर हत्या

गढ़वा में सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट, पर हत्या नहीं: झारखंड पुलिस से मिले आंकड़ों के अनुसार साल 2018 में डायन बिसाही के सबसे ज्यादा मामले झारखंड के गढ़वा में दर्ज किए गए. पूरे प्रदेश में साल 2018 में 592 मामले डायन बिसाही को लेकर थाने में रिपोर्ट किए गए, जिनमें से अकेले गढ़वा में ही 140 मामले दर्ज किए गए, लेकिन एक भी मामला गढ़वा में ऐसा नहीं है जिसमें डायन को लेकर किसी की हत्या की गई हो. साल 2019 में गढ़वा में 298 डायन बिसाही के मामले रिपोर्ट किए गए, हत्या का ग्राफ इस बार भी जीरो ही रहा. वहीं साल 2000 बीच में गढ़वा में 164, साल 2021 में 170, साल 2022 में 110 मामले रिपोर्ट हुए, लेकिन इन 5 सालों में गढ़वा में डायन बिसाही को लेकर किसी को भी मार डालने की रिपोर्ट थानों में दर्ज नहीं है.

पलामू ,गिरिडीह ,हजारीबाग जैसे शहरों में भी रिपोर्टिंग ज्यादा: झारखंड के हजारीबाग जिले में भी डायन बिसाही को लेकर रिपोर्टिंग काफी ज्यादा है. लेकिन डायन बिसाही के नाम पर हत्या का ग्राफ बेहद कम है. साल 2018 में हजारीबाग में 48 मामले रिपोर्ट किए गए, साल 2019 में हजारीबाग में 86 मामले रिपोर्ट हुए, जिसमें एक हत्या का भी है. साल 2020 में भी हजारीबाग में 101 मामले रिपोर्ट किए गए जिसमें मात्र एक मामला हत्या का आया. साल 2021 में भी हजारीबाग में कुल 102 मामले रिपोर्ट में जिसमें 2 हत्या का मामला भी था. वहीं साल 2022 में भी हजारीबाग में 88 मामले दर्ज हुए जिनमें से एक हत्या का था. इसी तरह गिरिडीह में भी 5 सालों में डायन बिसाही को लेकर 300 से ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए. जिसमें मात्र तीन ही हत्या के थे. झारखंड के पलामू में भी 2018 से लेकर 2023 के जून महीने तक 350 से ज्यादा मामले थानों में रिपोर्ट किए गए. यहां 5 सालों में डायन बिसाही के नाम पर 14 लोगों की हत्या की गई है.

राजधानी रांची, खूंटी, गुमला, लातेहार, लोहरदगा जैसे जिले में ज्यादा प्रभावित: झारखंड में डायन बिसाही के मामले को लेकर रेड अलर्ट वाले शहर में राजधानी रांची भी शामिल है. राजधानी रांची में मामले तो कम रिपोर्ट होते हैं लेकिन यहां हत्या का ग्राफ ज्यादा है. कुछ ऐसे ही हालात खूंटी, चाईबासा, गुमला, लातेहार, लोहरदगा और सिमडेगा जैसे जिलों का है.

चाईबासा में सबसे ज्यादा हत्या: झारखंड का चाईबासा जिला डायन बिसाही को लेकर हो रहे हत्याओं में सबसे ऊपर है. साल 2018 से लेकर 15 जून 2023 तक चाईबासा में 58 डायन बिसाही के मामले थानों में रिपोर्ट किए गए. लेकिन 58 में से 28 मामले हत्या के थे. सबसे ज्यादा 28 लोगों की हत्या डायन बिसाही के नाम पर चाईबासा में की गई है.

रांची के क्या है ग्राफ: डायन बिसाही को लेकर राजधानी रांची भी अलर्ट जोन में है. राजधानी रांची में साल 2018 से लेकर 15 जून 2023 तक डायन बिसाही को लेकर कुल 121 मामले रिपोर्ट हुए. लेकिन राजधानी रांची में पिछले 5 सालों में 17 लोगों की जान डायन बिसाही के नाम पर ले ली गई.

गुमला का क्या है ग्राफ: राजधानी रांची की तरह झारखंड के गुमला जिले में पिछले 5 सालों के दौरान डायन बिसाही को लेकर कुल 125 मामले थानों में रिपोर्ट किए गए. लेकिन यहां भी पिछले 5 सालों के दौरान 16 लोगों की हत्या डायन के नाम पर कर दी गई.

सिमडेगा का क्या है ग्राफ: झारखंड के सिमडेगा जिले में भी पिछले 5 सालों में मात्र 33 मामले डायन बिसाही को लेकर थानों में दर्ज किए गए, लेकिन 8 लोगों की हत्या डायन बिसाही के नाम पर कर दी गई.

खूंटी का क्या है ग्राफ: झारखंड के खूंटी जिले में भी डायन बिसाही को लेकर मामले बेहद कम रिपोर्ट होते हैं, लेकिन यहां भी हत्या का ग्राफ ज्यादा है. साल 2018 से लेकर 15 जून 2023 तक खूंटी में मात्र 41 मामले डायन बिसाही को लेकर रिपोर्ट किए गए, लेकिन इन 5 सालों में 15 लोगों की निर्मम हत्या डायन के नाम पर कर दी गई.

झारखंड के जिले जहां हर साल हत्या का ग्राफ रहता है जीरो: झारखंड का कोडरमा भी एक ऐसा जिला है जहां 200 से अधिक डायन बिसाही के मामले थाने में दर्ज तो हुए हैं, लेकिन हत्या का एक भी मामला नहीं है. झारखंड में दुमका, गोड्डा, जामताड़ा, देवघर, पाकुड़ साहिबगंज, रामगढ़ ऐसे जिले हैं जहां डायन बिसाही के मामले बेहद कम आते हैं. हालांकि यहां भी इक्का-दुक्का हत्या के मामले साल भर में जरूर दर्ज होते हैं.

अन्य शहरों का क्या है ग्राफ: झारखंड के जमशेदपुर, सरायकेला, धनबाद, चतरा, रामगढ़ और जामताड़ा ऐसे शहर है जहां डायन बिसाही को लेकर रिपोर्टिंग बेहद कम है. लेकिन यहां भी अक्सर हत्या का ग्राफ ही ऊपर रहता है. झारखंड के देवघर और जामताड़ा जैसे शहरों में पिछले 5 सालों में डायन बिसाही को लेकर मामले 100 से ज्यादा मामले रिपोर्ट किए गए हैं. जिनमें से मात्र तीन हत्या के है.

2018 से लेकर 2023 तक 189 हत्याएं: झारखंड पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि साल 2018 से लेकर 12 जून 2023 तक 189 महिला और पुरुष को डायन बिसाही के नाम पर मार डाला गया. साल 2018 में डायन के नाम पर 25 लोगों को मार डाला गया. साल 2019 में 27 लोग डायन बिसाही के नाम पर मार डाले गए. साल 2020 में 30 लोग डायन बिसाही के नाम पर अकारण ही अपनी जान से हाथ धो बैठे. साल 2021 में 32 लोगों की हत्या डायन बिसाही की वजह से कर दी गई. वहीं साल 2022 में 33 लोगों की हत्या डायन बिसाही के नाम पर की गई जबकि साल 2023 मैं अब तक 12 लोग डांडिसाही के नाम पर मौत के घाट उतार दिए गए हैं.

साल 2023 के प्रमुख वारदात: साल 2023 में भी डायन के नाम पर प्रताड़ना और हत्या के मामले कम नहीं हुए हैं. 10 जून 2023 को झारखंड के लातेहार जिले में एक बेटे ने अपने ही पिता को डायन होने के संदेह में मार डाला. 7 जून 2023 को झारखंड के चाईबासा में डायन होने के संदेह में एक महिला की गला रेत कर हत्या कर दी गई. 3 मई 2023 को झारखंड के लातेहार जिले में ही एक बुजुर्ग दंपति की हत्या डायन बिसाही के नाम पर कर दी गई. 18 मई 2023 को झारखंड के खूंटी जिले में एक बुजुर्ग महिला की डायन बिसाही के नाम पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. 8 जून 2023 को राजधानी रांची में भी डायन के नाम पर एक महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.

रेड जोन को लेकर रिसर्च कर रही है पुलिस: ऐसा नहीं है कि पूरे झारखंड में डायन बिसाही को लेकर हालात बेहद खराब है. झारखंड के 6 से 7 जिले ही ऐसे हैं जहां डायन बिसाही को लेकर मामले हत्या तक पहुंच जाते हैं. झारखंड पुलिस अब उन जिलों को रेड जोन में रखकर बाकायदा हत्या की वजह पर सर्च कर रही है ताकि रेड जोन में शामिल जिलों में उसी रिसर्च के आधार पर डायन बिसाही जैसे मामलों पर ब्रेक लगाया जा सके. पुलिस मुख्यालय ने झारखंड की राजधानी रांची, खूंटी, चाईबासा, लोहरदगा, गुमला सिमडेगा और लातेहार जैसे जिलों को रेड जोन में रखा है. इन शहरों में डायन बिसाही को लेकर विशेष जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिसमें सीआईडी के साथ-साथ कई सामाजिक संस्थाएं भी हिस्सा लेंगी.

Last Updated : Jun 16, 2023, 5:05 PM IST
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