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सरना धर्म कोड की मांग को लेकर दिल्ली में जुटे झारखंड के आदिवासी, जंतर मंतर पर किया प्रदर्शन - रांची खबर

सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासियों का दिल्ली में प्रदर्शन देखने को मिला. झारखंड के कई जिलों से आए आदिवासी समुदाय के लोगों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया.

tribals protest in Delhi
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Published : Dec 7, 2021, 4:43 PM IST

Updated : Dec 7, 2021, 8:19 PM IST

नई दिल्ली: वर्ष 2021 की जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड कॉलम की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के बैनर तले विभिन्न आदिवासी संगठन ने प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें- केंद्र से कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा की मांग, सरना धर्म कोड करें लागू, दिल्ली में आदिवासी समुदाय के प्रदर्शन का भी किया समर्थन

ये लोग सरना धर्म कोड लागू करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं. झारखंड समेत 18 राज्यों के आदिवासी संगठन इस प्रदर्शन में शामिल हुए. यह लोग राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री एवं महारजिस्टार जनरल ऑफ इंडिया को स्मार पत्र सौंपना चाहते हैं. वहीं, झारखंड विधानसभा से एक साल पहले सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक इसको स्वीकार नहीं किया है. आदिवासी संगठनों का मानना है कि यह लागू हो जाएगा तो उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. मुख्यधारा से जुड़ने में मदद मिलेगी.

देखें वीडियो

झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार में आदिवासी समुदाय का बड़ा तबका अपने आपको सरना धर्म के अनुयाई के तौर पर मानता है. वह प्रकृति की प्रार्थना करते हैं और उनका विश्वास जल, जंगल और जमीन है. यह वन क्षेत्रों की रक्षा करने में विश्वास करते हुए पेड़ और पहाड़ियों की प्रार्थना करते हैं. झारखंड में 32 जनजातीय समूह हैं जिसमें 8 विशेष रुप से कमजोर जनजातीय समूहों में हैं. इनमें से कुछ हिंदू धर्म का पालन भी करते हैं तो कुछ ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए हैं. माना जाता है कि आदिवासी समुदाय के ईसाई समुदाय में परिवर्तित होने के बाद वह ST आरक्षण से वंचित हो जाते हैं. ऐसे में वह सरना धर्म कोड की मांग करके अपने आप को आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं होने देना चाहते हैं.

नई दिल्ली: वर्ष 2021 की जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड कॉलम की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के बैनर तले विभिन्न आदिवासी संगठन ने प्रदर्शन किया.

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ये लोग सरना धर्म कोड लागू करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं. झारखंड समेत 18 राज्यों के आदिवासी संगठन इस प्रदर्शन में शामिल हुए. यह लोग राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री एवं महारजिस्टार जनरल ऑफ इंडिया को स्मार पत्र सौंपना चाहते हैं. वहीं, झारखंड विधानसभा से एक साल पहले सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर सर्वसम्मति से प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक इसको स्वीकार नहीं किया है. आदिवासी संगठनों का मानना है कि यह लागू हो जाएगा तो उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा. मुख्यधारा से जुड़ने में मदद मिलेगी.

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झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार में आदिवासी समुदाय का बड़ा तबका अपने आपको सरना धर्म के अनुयाई के तौर पर मानता है. वह प्रकृति की प्रार्थना करते हैं और उनका विश्वास जल, जंगल और जमीन है. यह वन क्षेत्रों की रक्षा करने में विश्वास करते हुए पेड़ और पहाड़ियों की प्रार्थना करते हैं. झारखंड में 32 जनजातीय समूह हैं जिसमें 8 विशेष रुप से कमजोर जनजातीय समूहों में हैं. इनमें से कुछ हिंदू धर्म का पालन भी करते हैं तो कुछ ईसाई धर्म में परिवर्तित हो गए हैं. माना जाता है कि आदिवासी समुदाय के ईसाई समुदाय में परिवर्तित होने के बाद वह ST आरक्षण से वंचित हो जाते हैं. ऐसे में वह सरना धर्म कोड की मांग करके अपने आप को आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं होने देना चाहते हैं.

Last Updated : Dec 7, 2021, 8:19 PM IST
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