रांची: लैंड स्कैम मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सहमति के बाद 20 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय की टीम उनके आवास पर बयान दर्ज करने के लिए जाने वाली है. इससे पहले ही दबाव वाली राजनीति शुरु हो गई है. कई आदिवासी संगठनों ने ऐलान कर दिया है कि अगर सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ एजेंसी कोई एक्शन लेती है तो विद्रोह का बिगुल फूंक दिया जाएगा. अलर गलत हुआ तो पूरे झारखंड में आग लगेगी उसकी आंच में सिर्फ वैसे लोग जलेंगे जो ईडी का समर्थन करते हैं.
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने राजधानी के धुमकुड़िया भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि केंद्र के इशारे पर ईडी एक आदिवासी मुख्यमंत्री को परेशान कर रही है. ईडी सिर्फ गैर भाजपा शासित राज्यों में कार्रवाई कर रही है. इसके पीछे हेमंत सरकार को अस्थिर करने की साजिश है. इसकी वजह से लोगों में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि समन की आड़ में मुख्यमंत्री को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. इतने दिनों तक ईडी ने जो जांच किया है, उसका क्या हुआ. अबतक किसी तरह का खुलासा क्यों नहीं हुआ.
ईडी की कार्रवाई के खिलाफ 19 जनवरी को राजभवन के सामने कई आदिवासी संगठनों के बैनर तले पारंपरिक हथियार के साथ प्रदर्शन किया जाएगा. अजय तिर्की का कहना है कि इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लोहरदगा, गुमला, खूंटी, तमाड़, रामगढ़, हजारीबाग, रांची के अलावा अलग-अलग शहरों से भी लोग आ रहे हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय सरना समिति, राजी पड़हा प्रार्थना सभा, आदिवासी सेना, अखिल भारतीय विकास परिषद के अलावा कई संगठनों के बैनर तले प्रदर्शन किया जाएगा. अजय तिर्की ने कहा कि आदिवासियों ने कभी भी अग्रेंजों के खिलाफ घुटने नहीं टेके. बिरसा मुंडा, सिदो-कान्हू, चांद-भैरव, तिलका मांझी ने जिस तरह की अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, उसी तरह का विद्रोह शुरू होगा. अजय तिर्की ने कहा कि हम हर परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं.
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