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सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी संगठन करेंगे चक्का जाम, सरकार को दी चेतावनी

झारखंड विधानसभा में सरना धर्म कोड की मांग पारित करने की मांग लगातार तेज हो रही है. आदिवासी संगठन ने इस संबंध में 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम करने की चेतावनी दी है.

सरना धर्म कोड
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Published : Sep 25, 2020, 4:16 PM IST

रांचीः विधानसभा में सरना धर्म कोड की मांग पारित नहीं होने से नाराज विभिन्न आदिवासी धार्मिक संगठन द्वारा आगामी 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम करने का आवाहन किया गया है. आदिवासी समाज को मानसून सत्र में एक उम्मीद बंधी थी कि सरकार द्वारा सदन के अंदर सरना धर्म कोड पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

देखें पूरी खबर.

हालांकि विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठनों द्वारा सरना धर्म कोड की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने को लेकर पिछले दिनों लगातार चरणबद्ध आंदोलन किया गया.

इसके साथ ही तमाम आदिवासी विधायकों से मिलकर सदन के अंदर सरना धर्म कोड की मांग उठाने का आग्रह किया गया था, लेकिन किसी भी विधायक द्वारा सदन के अंदर सरना धर्म कोड की मांग की आवाज नहीं उठाई गई जिसको लेकर आदिवासी धार्मिक संगठन के लोग नाराज हैं.

अपनी सदियों पुरानी मांग को लेकर विभिन्न आदिवासी संगठन द्वारा सरकार का ध्यान आकर्षित कराने का काम किया जा रहा है और यह आंदोलन धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है लेकिन इसके बावजूद सरकार द्वारा सरना धर्म कोड की मांग को पारित कर केंद्र में नहीं भेजा गया.

यह भी पढ़ेंः रांचीः भाजपा कार्यालय में मनाई गई पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती, श्रद्धा सुमन अर्पित

हालांकि एक उम्मीद अभी भी बची है कि शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा सरना कोड पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा क्योंकि 2021 की जनगणना से पहले झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र होना है.

आदिवसी समाज के लोग हर हाल में चाहते है कि 2021 जनगणना प्रपत्र में सरना धर्म कोड का कॉलम अंकित हो यही वजह है कि आदिवसी समाज इसको लेकर लगातार मुखर हो रहा है.

रांचीः विधानसभा में सरना धर्म कोड की मांग पारित नहीं होने से नाराज विभिन्न आदिवासी धार्मिक संगठन द्वारा आगामी 15 अक्टूबर को राज्यव्यापी चक्का जाम करने का आवाहन किया गया है. आदिवासी समाज को मानसून सत्र में एक उम्मीद बंधी थी कि सरकार द्वारा सदन के अंदर सरना धर्म कोड पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

देखें पूरी खबर.

हालांकि विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठनों द्वारा सरना धर्म कोड की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने को लेकर पिछले दिनों लगातार चरणबद्ध आंदोलन किया गया.

इसके साथ ही तमाम आदिवासी विधायकों से मिलकर सदन के अंदर सरना धर्म कोड की मांग उठाने का आग्रह किया गया था, लेकिन किसी भी विधायक द्वारा सदन के अंदर सरना धर्म कोड की मांग की आवाज नहीं उठाई गई जिसको लेकर आदिवासी धार्मिक संगठन के लोग नाराज हैं.

अपनी सदियों पुरानी मांग को लेकर विभिन्न आदिवासी संगठन द्वारा सरकार का ध्यान आकर्षित कराने का काम किया जा रहा है और यह आंदोलन धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है लेकिन इसके बावजूद सरकार द्वारा सरना धर्म कोड की मांग को पारित कर केंद्र में नहीं भेजा गया.

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हालांकि एक उम्मीद अभी भी बची है कि शीतकालीन सत्र में सरकार द्वारा सरना कोड पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा क्योंकि 2021 की जनगणना से पहले झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र होना है.

आदिवसी समाज के लोग हर हाल में चाहते है कि 2021 जनगणना प्रपत्र में सरना धर्म कोड का कॉलम अंकित हो यही वजह है कि आदिवसी समाज इसको लेकर लगातार मुखर हो रहा है.

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