रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले में हुए हमले के खिलाफ आदिवासी मूलवासी सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है. इसके खिलाफ 7 फरवरी को आक्रोश महारैली निकाली जाएगी. आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि का आरोप है कि आरएसएस और भाजपा के लोगों ने साजिश के तहत मुख्यमंत्री पर हमला कराया है.
संगठन का कहना है कि झारखंड राज्य बने 20 साल हो गए और इस दौरान भाजपा ही सबसे ज्यादा दिनों तक सत्ता में रही है. भाजपा ने आदिवासियों को हित में कोई काम नहीं किया. जब हाथ से सत्ता चली गई तो आदिवासी मुख्यमंत्री पर हमला करा दिया. देशभर के किसान अपने अधिकार के लिए आंदोलन कर रहे हैं और झारखंड भाजपा के नेता तमाशा देख रहे हैं. आक्रोश महारैली के जरिये भाजपा और संघ का चरित्र उजागर किया जाएगा.
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बता दें कि तीन जनवरी को रांची के ओरमांझी ने एक युवती की सिरकटी लाश बरामद हुई थी. इसके विरोध में विरोध में चार जनवरी को किशोरगंज चौक के पास कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे. सीएम का काफिला भी उधर से गुजर रहा था. उपद्रवियों ने मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला कर दिया था. पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए सीएम के काफिले को डायवर्ट किया था. इस मामले में 72 नामजद और 50 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता समेत दर्जनों लोगो जेल में हैं.