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हेमंत सोरेन के काफिले पर हमले के विरोध में 7 फरवरी को आक्रोश महारैली, भाजपा और संघ पर हमला कराने का आरोप

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Published : Feb 4, 2021, 7:06 PM IST

चार जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले पर हुए हमले के विरोध में आदिवासी मूलवासी सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है. इसके खिलाफ 7 फरवरी को आक्रोश महारैली निकाली जाएगी.

akrosh maharally on 7 feb in ranchi
7 फरवरी को आक्रोश महारैली

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले में हुए हमले के खिलाफ आदिवासी मूलवासी सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है. इसके खिलाफ 7 फरवरी को आक्रोश महारैली निकाली जाएगी. आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि का आरोप है कि आरएसएस और भाजपा के लोगों ने साजिश के तहत मुख्यमंत्री पर हमला कराया है.

देखिये पूरी खबर

संगठन का कहना है कि झारखंड राज्य बने 20 साल हो गए और इस दौरान भाजपा ही सबसे ज्यादा दिनों तक सत्ता में रही है. भाजपा ने आदिवासियों को हित में कोई काम नहीं किया. जब हाथ से सत्ता चली गई तो आदिवासी मुख्यमंत्री पर हमला करा दिया. देशभर के किसान अपने अधिकार के लिए आंदोलन कर रहे हैं और झारखंड भाजपा के नेता तमाशा देख रहे हैं. आक्रोश महारैली के जरिये भाजपा और संघ का चरित्र उजागर किया जाएगा.

यह भी पढ़ें: आदिवासी बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहा है एकलव्य आवासीय विद्यालय, द्रोणाचार्य की भूमिका में केंद्र सरकार

बता दें कि तीन जनवरी को रांची के ओरमांझी ने एक युवती की सिरकटी लाश बरामद हुई थी. इसके विरोध में विरोध में चार जनवरी को किशोरगंज चौक के पास कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे. सीएम का काफिला भी उधर से गुजर रहा था. उपद्रवियों ने मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला कर दिया था. पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए सीएम के काफिले को डायवर्ट किया था. इस मामले में 72 नामजद और 50 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता समेत दर्जनों लोगो जेल में हैं.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले में हुए हमले के खिलाफ आदिवासी मूलवासी सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है. इसके खिलाफ 7 फरवरी को आक्रोश महारैली निकाली जाएगी. आदिवासी मूलवासी सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि का आरोप है कि आरएसएस और भाजपा के लोगों ने साजिश के तहत मुख्यमंत्री पर हमला कराया है.

देखिये पूरी खबर

संगठन का कहना है कि झारखंड राज्य बने 20 साल हो गए और इस दौरान भाजपा ही सबसे ज्यादा दिनों तक सत्ता में रही है. भाजपा ने आदिवासियों को हित में कोई काम नहीं किया. जब हाथ से सत्ता चली गई तो आदिवासी मुख्यमंत्री पर हमला करा दिया. देशभर के किसान अपने अधिकार के लिए आंदोलन कर रहे हैं और झारखंड भाजपा के नेता तमाशा देख रहे हैं. आक्रोश महारैली के जरिये भाजपा और संघ का चरित्र उजागर किया जाएगा.

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बता दें कि तीन जनवरी को रांची के ओरमांझी ने एक युवती की सिरकटी लाश बरामद हुई थी. इसके विरोध में विरोध में चार जनवरी को किशोरगंज चौक के पास कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे. सीएम का काफिला भी उधर से गुजर रहा था. उपद्रवियों ने मुख्यमंत्री के काफिले पर हमला कर दिया था. पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए सीएम के काफिले को डायवर्ट किया था. इस मामले में 72 नामजद और 50 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता समेत दर्जनों लोगो जेल में हैं.

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