रांचीः पिछले रघुवर सरकार में बनाए गए आदिवासी विकास समिति और ग्राम विकास समिति को अब ग्रामीण विकास विभाग पैसा नहीं देगा. विभागीय मंत्री आलमगीर आलम ने सोमवार को कहा कि इस योजना से पंचायती व्यवस्था कमजोर हुई थी. इसकी जांच होगी कि जो पैसे दिए गए थे, उससे क्या काम हुआ है. उन्होंने अन्य योजनाओं पर भी अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है.
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आलमगीर आलम ने कहा कि विभाग को दुरुस्त करने के लिए कार्य किए जा रहे हैं और जो शिकायतें मिली हैं उसके आधार पर सबसे पहले विभाग ने रघुवर सरकार की आदिवासी विकास समिति और ग्रामीण विकास समिति को फंड देने पर रोक लगा दी है. उन्होंने कहा कि इसके जरिए पैसों का बंदरबांट हुआ है. साथ ही यह पंचायती राज के पैरेलल बनाई गई समिति थी. जिससे निर्वाचित मुखिया का अधिकार कम हो गया था. उन्होंने विभाग के अधिकारियों से इस मद में आवंटित हुई राशि की पूरी जानकारी भी मांगी है.
साथ ही ग्रामीण विकास विभाग की महत्वाकांक्षी योजनाएं मनरेगा, पीएमजीएसवाई, ग्रामीण पथ निर्माण, मुख्यमंत्री सेतु समेत अन्य योजनाओं की भी पूरी जानकारी मांगी है और कहा है कि मनरेगा के तहत एक सौ से ज्यादा दिनों तक मजदूरी देने की योजना बनाई जा रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि जिन योजनाओं में गड़बड़ी की शिकायत मिली है. अगर वह सही पाए जाते हैं तो ठेकेदारों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.