रांची: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर कांग्रेस स्टेट हेड क्वार्टर में रविवार को सोशल डिस्टेसिंग के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस मौके पर आदिवासी समाज के महान विभूतियों भगवान बिरसा मुंडा,अमर शहीद सिदो-कान्हू चांद-भैरव, नीलाम्बर-पीताम्बर और शहीद वीर बुद्धु भगत समेत शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. समारोह की अध्यक्षता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने किया.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अलग सरना धर्म कोड को मान्यता देने की मांग को लेकर विधानसभा से पारित कर एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा और यह उम्मीद है, कि केंद्र सरकार इसे मान्यता प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का देश को आजादी दिलाने में और बाद में देश के विकास में बड़ा योगदान रहा है. वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि 9 अगस्त को विश्व आदिवासी मनाने की शुरुआत 35 वर्ष पहले शुरू हुई, इससे पहले नौ अगस्त को देश में अगस्त क्रांति दिवस मनाया जाता था, यूएनओ ने इसी दिन को विश्व आदिवासी दिवस के लिए चुना, इससे एक बड़ा संदेश जाता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन की रक्षा को लेकर कानून बनाया गया, जनजातीय समुदाय के विकास के लिए ईमानदार कोशिश की गई और अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार समाज के सभी वर्गां के हित के लिए काम किया जा रहा है.
राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहू ने कहा कि बचपन से आज तक वे आदिवासियों के बीच रहे हैं. उन्होंने देखा है कि कांग्रेस शासनकाल में आदिवासियों का काफी विकास हुआ है और समृद्धि आई है, लेकिन आज कुछ लोग आदिवासियों को बरगलाने में लगे है।पर उनकी यह साजिश सफल नहीं होगी. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के पूजक रहे हैं, कभी वे सनातन परंपरा के पक्षधर नहीं रहे है, लेकिन एक साजिश में उन्हें सनातन धर्मी बताया जा रहा है, उनकी परंपरा से छेड़छाड़ की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर अलग सरना धर्म कोड को लेकर प्रस्ताव पारित कर भेजे, उसे पारित कराने के लिए कांग्रेस पार्टी दिल्ली में भी हरसंभव कोशिश करेगी. उन्होंने कहा कि अडानी और अंबानी के इशारे पर गांव के लोगों की जमीन छीनने की कोशिश की जा रही है, इससे सभी को सचेत रहने की जरूरत है.
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वहीं कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि आदिवासी समाज के लिए हमारे नेत्री जो आज हमारे बीच में नहीं हैं इंदिरा गांधी की आदिवासी समाज को आगे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है, झारखंड के आदिवासी संस्कृति का उत्थान भी उन्हीं की देन है, अभी परिस्थितियां विषम है, पूरी दुनिया आपदा में है, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश कांग्रेस कमिटी आदिवासियों के लिए कार्यक्रम प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक आयोजित कर अपनी प्रतिबद्धता प्रकट कर रही है.
कार्यक्रम के अवसर पर आदिवासी समाज के सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और विभिन्न परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया गया. सम्मानित होने वालों में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में चयनित डॉ. आकांक्षा खलखो, रोबिसन गुड़िया, जैक 12वीं परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली स्टेट टॉपर लीजा उरांव, सामाजिक कार्यकर्त्ता और क्रांतिकारी दयामनी बारला, बुद्धिजीवी केसी कुडू,प्रो. दयमंति सिंकू, प्रो. महेश भगत, पत्रकार संतोष किड़ो, डॉ. अनूप मुंडा को आदिवासी समाज के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने पर सम्मानित किया गया.