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मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी का तबादला, ग्रामीणों के बीच खूब रहे हैं चर्चित

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Published : Mar 15, 2021, 9:00 PM IST

झारखंड के मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी का तबादला हो गया है. उन्हें उनके मूल विभाग यानी वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में भेज दिया गया है. मनरेगा आयुक्त के पद पर रहते हुए सिद्धार्थ त्रिपाठी ने रांची के आराकेरोम गांव को एक आदर्श गांव के रूप में विकसित करने में अहम भूमिका निभाई. इस गांव की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं.

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मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी

रांची: झारखंड के मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी का तबादला हो गया है. उन्हें उनके मूल विभाग यानी वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में भेज दिया गया है. कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है. सिद्धार्थ त्रिपाठी करीब 5 वर्ष से ज्यादा समय से मनरेगा आयुक्त के पद पर बने हुए थे. बतौर मनरेगा आयुक्त उन्होंने कोविड संक्रमण के समय रिकॉर्ड रोजगार सृजन कराने में अहम भूमिका निभाई. उन्हें एक सख्त प्रशासक माना जाता है.

इसे भी पढे़ं: JPSC उम्र सीमा में छूट मामले में हाई कोर्ट ने हुई सुनवाई, कोर्ट ने याचिका की खारिज

मनरेगा आयुक्त के पद पर रहते हुए सिद्धार्थ त्रिपाठी ने रांची के आराकेरोम गांव को एक आदर्श गांव के रूप में विकसित करने में अहम भूमिका निभाई. इस गांव की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं. सिद्धार्थ त्रिपाठी ने खूंटी के कई आदिवासी बहुल गांव को नशा मुक्त कराया. वह ऐसे प्रशासक हैं, जो छुट्टी के दिन ग्रामीणों के बीच जाकर वक्त बिताने के लिए जाने जाते रहे हैं. उन्होंने मनरेगा की योजनाओं में धांधली को रोकने के लिए सोशल ऑडिट को दुरुस्त करने में भी अहम भूमिका निभाई. कोविड संक्रमण के समय मनरेगा कर्मियों की हड़ताल की वजह से रोजगार सृजन का काम प्रभावित होने पर उन्होंने एक नई व्यवस्था बनाने में अहम भूमिका निभाई थी.

रांची: झारखंड के मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी का तबादला हो गया है. उन्हें उनके मूल विभाग यानी वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में भेज दिया गया है. कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है. सिद्धार्थ त्रिपाठी करीब 5 वर्ष से ज्यादा समय से मनरेगा आयुक्त के पद पर बने हुए थे. बतौर मनरेगा आयुक्त उन्होंने कोविड संक्रमण के समय रिकॉर्ड रोजगार सृजन कराने में अहम भूमिका निभाई. उन्हें एक सख्त प्रशासक माना जाता है.

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मनरेगा आयुक्त के पद पर रहते हुए सिद्धार्थ त्रिपाठी ने रांची के आराकेरोम गांव को एक आदर्श गांव के रूप में विकसित करने में अहम भूमिका निभाई. इस गांव की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं. सिद्धार्थ त्रिपाठी ने खूंटी के कई आदिवासी बहुल गांव को नशा मुक्त कराया. वह ऐसे प्रशासक हैं, जो छुट्टी के दिन ग्रामीणों के बीच जाकर वक्त बिताने के लिए जाने जाते रहे हैं. उन्होंने मनरेगा की योजनाओं में धांधली को रोकने के लिए सोशल ऑडिट को दुरुस्त करने में भी अहम भूमिका निभाई. कोविड संक्रमण के समय मनरेगा कर्मियों की हड़ताल की वजह से रोजगार सृजन का काम प्रभावित होने पर उन्होंने एक नई व्यवस्था बनाने में अहम भूमिका निभाई थी.

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