रांची: ट्रैफिक चालान के सिस्टम को सुविधाजनक बनाने के लिए फ्री ट्रेफिक वायलेशन रिकॉर्डर यानी एफटीवीआर के जरिए चालान काटा जा रहा था. लेकिन ट्रेनिंग के अभाव में और आते-जाते नेटवर्क की वजह से ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए यह मशीन आफत बन गई है.
क्या है मामला
15 जनवरी से सभी ट्रैफिक पोस्ट पर तैनात पुलिसकर्मियों को चालान काटने के लिए एफटीवीआर दिया गया था. इस मशीन के जरिए ऑन स्पॉट पेमेंट करने की सुविधा दी गई थी. लेकिन यह मशीन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के लिए मुसीबत बन गई है. ट्रैफिक पोस्टों पर तैनात पुलिसकर्मी इस मशीन का इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं है. कभी इंटरनेट की समस्या तो कभी इसके फीचर से ट्रैफिक पुलिसकर्मी परेशान हैं. नतीजा यह कि नए एफटीवीआर मशीन का इस्तेमाल पुलिसकर्मी नहीं कर पा रहे हैं. राजधानी के कई चौक चौराहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी पुराने मशीन से ही चालान काटते दिखे.
इंटरनेट की वजह से भी परेशानी
एफटीवीआर मशीन बिना इंटरनेट के काम नहीं करती है. ट्रैफिक पोस्ट पर बेहतर इंटरनेट की सुविधा नहीं होने की वजह से भी पुलिसकर्मियों को चालान काटने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इंटरनेट के स्लो रहने की वजह से ट्रैफिक पोस्ट पर लोगों की भीड़ जमा हो जाती है.
ऑन स्पॉट चालान के लिए दिया गया था मशीन
ट्रैफिक पुलिस के पास पहले चालान काटने के लिए जो मशीन थी उसमें ऑन स्पॉट पेमेंट का ऑप्शन नहीं था. इस वजह से लोग ट्रैफिक पुलिस थाना जाकर या फिर ऑनलाइन तरीके से अपने फाइल को जमा करते थे. लोगों के ट्रैफिक पुलिस कार्यालय जाने और दूसरी तरह की मुसीबतों से बचने के लिए ऑन द स्पॉट चालान काटने के लिए एफटीवीआर मशीन की खरीदारी की गई थी. लेकिन यह अब पुलिस वालों के लिए परेशानी का सबब बन गया है.
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सही से ट्रेनिंग नहीं होना भी एक वजह
एफटीवीआर मशीन के ट्रायल को लेकर कई बार ट्रैफिक पुलिस कर्मी ट्रेनिंग करने भी पहुंचे थे. लेकिन यह सिर्फ ट्रायल के दौरान ही सफल रहा जब फाइनल स्टेज में ट्रैफिक पोस्ट पर इसका प्रयोग करने की बारी आई तो इसमें ट्रैफिक पुलिसकर्मी फेल हो गए. वर्तमान में ट्रैफिक पुलिस कर्मियों का कहना है कि जब तक इस मशीन को लेकर बेहतर ट्रेनिंग की व्यवस्था नहीं होगी. यह हमारे लिए मुसीबत ही बना रहेगा.