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शहीद अलबर्ट एक्का का नाम सुनकर क्यों आज भी थर्राते हैं पाकिस्तानी सैनिक!, आज है जयंती

आज झारखंड के वीर सपूत और परमवीर चक्र विजेता लांस नायक शहीद अलबर्ट एक्का का आज जन्म दिवस है. अलबर्ट एक्का ने साल 1971 में भारत-पाक युद्ध में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जिसे आज पूरा देश याद करता है.

birth anniversary of martyr albert ekka in ranchi
परमवीर चक्र विजेता लांस नायक शहीद अलबर्ट एक्का
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Published : Dec 27, 2020, 6:00 AM IST

रांचीः झारखंड के वीर सपूत और परमवीर चक्र विजेता लांस नायक शहीद अलबर्ट एक्का का आज जन्म दिवस है. इनका जन्म 27 दिसंबर 1942 में गुमला जिले में हुआ था. एक्का की दिली इच्छा थी भारतीय सेना में जाने की और वह 1962 में पूरी हुई. साल 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में वह शहीद हो गए थे. उनके इस बलिदान को राज्य के साथ-साथ पूरा देश याद कर रहा है.

पिता ने दिया था द्वितीय विश्वयुद्ध में योगदान
अलबर्ट एक्का का जन्म साल 1942 में गुमला जिला के छोटे से गांव जारी में हुआ था. उनके पिता जूलियस एक्का सेना के जवान थे, जबकि मां मरियम एक्का गृहिणी थीं. पिता ने द्वितीय विश्वयुद्ध में योगदान दिया था. रिटायर होने के बाद इच्छा जताई कि उनका बेटा अलबर्ट भी सेना में भर्ती हो.

अलबर्ट की प्रारंभिक शिक्षा
अलबर्ट ने प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सीसी पतराटोली और माध्यमिक शिक्षा भीखमपुर से की थी. घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वे आगे की पढ़ाई नहीं कर सके. इसके बाद उन्होंने गांव में ही पिता के साथ खेती-बारी में हाथ बंटाना शुरू कर दिया. इस दौरान अलबर्ट ने दो वर्षों तक नौकरी की तलाश भी की, लेकिन कहीं नौकरी नहीं मिली. इसके बाद वे भारतीय सेना में शामिल हो गए. साल 1968 में अलबर्ट एक्का का विवाह बलमदीना एक्का से हुआ. वर्ष 1969 में उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, जिसका नाम भिंसेंट एक्का है. भिंसेंट मात्र दो वर्ष के थे, तभी वर्ष 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में अलबर्ट एक्का शहीद हो गए.

इसे भी पढ़ें- मोरहाबादी मैदान की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे जवान और अधिकारी, सरकार की पहले वर्षगांठ पर हो रहा भव्य समारोह

20 की उम्र में छुड़ाए थे चीनियों के छक्के
वीर सपूत और परमवीर चक्र विजेता लांस नायक शहीद अलबर्ट एक्का ने महज 20 साल की उम्र में अपनी बुद्धि और बहादुरी का परचम लहराया. साल 1962 में चीन के खिलाफ हुई लड़ाई में उन्होंने बहादुरी का परिचय दिया था.

पाक सैनिकों को चटाई थी धूल
साल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में अलबर्ट एक्का ने वीरता, शौर्य और सैनिक हुनर का प्रदर्शन करते हुए अपने इकाई के सैनिकों की रक्षा की. उनके हाथ में गंगासागर के पास भारतीय सेना का मोर्चा था. जब पता चला कि रेलवे स्टेशन में 165 पाकिस्तानी घुसपैठ अड्डा जमाए हुए हैं. 3 दिसंबर को रेलवे स्टेशन को पार करने के दौरान पाकिस्तानी सेना के संतरी ने उन्हें रोकने की कोशिश की. भारतीय सैनिकों ने संतरी को मारकर दुश्मन के इलाके में जा घुसे. पाकिस्तानी सैनिकों ने एलएमजी बंकर से भारतीय सैनिकों पर जवाबी कार्रवाई की.

पाक सेना का उड़ाया बंकर
अलबर्ट एक्का ने अपना ग्रेनेड एलएमजी में डाल दिया और पाक सेना का पूरा बंकर उड़ा दिया. इसके बाद भारतीय सैनिकों ने 65 पाक सैनिकों को मार गिराया, जबकि 15 को कैद कर लिया. रेलवे के आउटर सिग्नल पर कब्जा करने के बाद वापस आने के दौरान टॉप टावर के ऊपर खड़े पाक सैनिकों ने अचानक मशीनगन से भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया. इसमें 15 भारतीय सैनिक शहीद हुए. यह देख अलबर्ट एक्का टॉप टावर पर चढ़ गए और मशीनगन को कब्जे में लेकर दुश्मनों को गोलियों से छलनी कर दिया. इस दौरान उन्हें भी करीब 25 गोलियां लगीं. जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.

रांचीः झारखंड के वीर सपूत और परमवीर चक्र विजेता लांस नायक शहीद अलबर्ट एक्का का आज जन्म दिवस है. इनका जन्म 27 दिसंबर 1942 में गुमला जिले में हुआ था. एक्का की दिली इच्छा थी भारतीय सेना में जाने की और वह 1962 में पूरी हुई. साल 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में वह शहीद हो गए थे. उनके इस बलिदान को राज्य के साथ-साथ पूरा देश याद कर रहा है.

पिता ने दिया था द्वितीय विश्वयुद्ध में योगदान
अलबर्ट एक्का का जन्म साल 1942 में गुमला जिला के छोटे से गांव जारी में हुआ था. उनके पिता जूलियस एक्का सेना के जवान थे, जबकि मां मरियम एक्का गृहिणी थीं. पिता ने द्वितीय विश्वयुद्ध में योगदान दिया था. रिटायर होने के बाद इच्छा जताई कि उनका बेटा अलबर्ट भी सेना में भर्ती हो.

अलबर्ट की प्रारंभिक शिक्षा
अलबर्ट ने प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सीसी पतराटोली और माध्यमिक शिक्षा भीखमपुर से की थी. घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण वे आगे की पढ़ाई नहीं कर सके. इसके बाद उन्होंने गांव में ही पिता के साथ खेती-बारी में हाथ बंटाना शुरू कर दिया. इस दौरान अलबर्ट ने दो वर्षों तक नौकरी की तलाश भी की, लेकिन कहीं नौकरी नहीं मिली. इसके बाद वे भारतीय सेना में शामिल हो गए. साल 1968 में अलबर्ट एक्का का विवाह बलमदीना एक्का से हुआ. वर्ष 1969 में उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, जिसका नाम भिंसेंट एक्का है. भिंसेंट मात्र दो वर्ष के थे, तभी वर्ष 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में अलबर्ट एक्का शहीद हो गए.

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20 की उम्र में छुड़ाए थे चीनियों के छक्के
वीर सपूत और परमवीर चक्र विजेता लांस नायक शहीद अलबर्ट एक्का ने महज 20 साल की उम्र में अपनी बुद्धि और बहादुरी का परचम लहराया. साल 1962 में चीन के खिलाफ हुई लड़ाई में उन्होंने बहादुरी का परिचय दिया था.

पाक सैनिकों को चटाई थी धूल
साल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में अलबर्ट एक्का ने वीरता, शौर्य और सैनिक हुनर का प्रदर्शन करते हुए अपने इकाई के सैनिकों की रक्षा की. उनके हाथ में गंगासागर के पास भारतीय सेना का मोर्चा था. जब पता चला कि रेलवे स्टेशन में 165 पाकिस्तानी घुसपैठ अड्डा जमाए हुए हैं. 3 दिसंबर को रेलवे स्टेशन को पार करने के दौरान पाकिस्तानी सेना के संतरी ने उन्हें रोकने की कोशिश की. भारतीय सैनिकों ने संतरी को मारकर दुश्मन के इलाके में जा घुसे. पाकिस्तानी सैनिकों ने एलएमजी बंकर से भारतीय सैनिकों पर जवाबी कार्रवाई की.

पाक सेना का उड़ाया बंकर
अलबर्ट एक्का ने अपना ग्रेनेड एलएमजी में डाल दिया और पाक सेना का पूरा बंकर उड़ा दिया. इसके बाद भारतीय सैनिकों ने 65 पाक सैनिकों को मार गिराया, जबकि 15 को कैद कर लिया. रेलवे के आउटर सिग्नल पर कब्जा करने के बाद वापस आने के दौरान टॉप टावर के ऊपर खड़े पाक सैनिकों ने अचानक मशीनगन से भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया. इसमें 15 भारतीय सैनिक शहीद हुए. यह देख अलबर्ट एक्का टॉप टावर पर चढ़ गए और मशीनगन को कब्जे में लेकर दुश्मनों को गोलियों से छलनी कर दिया. इस दौरान उन्हें भी करीब 25 गोलियां लगीं. जहां उन्होंने अंतिम सांस ली.

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