रांचीः कोरोना महामारी संक्रमण के कारण लॉकडाउन की वजह से शिक्षा व्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ा है. इसे देखते हुए इस अकादमिक सत्र के लिए 100 फीसदी नामांकन राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों में चांसलर पोर्टल से ऑनलाइन लिए जाने को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है.
इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालयों को विशेष दिशा निर्देश दिया गया है. उच्च शिक्षा विभाग ने रांची विश्वविद्यालय समेत राज्य के तमाम विश्वविद्यालयों को चांसलर पोर्टल से ऑनलाइन नामांकन लिए जाने को लेकर एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है .
विभाग का तर्क है कि यह समिति चांसलर पोर्टल में पिछले सत्र की तरह कोई गड़बड़ी ना हो इसके लिए निगरानी समिति रहेगी. इस पूरी गतिविधि का संचालन का जिम्मा मिक्सी संस्थान को मिला है.
चांसलर पोर्टल के माध्यम से किस तरह ऑनलाइन नामांकन शत-प्रतिशत किया जाएगा, इसे लेकर रांची विश्वविद्यालय और डीएसपीएमयू के लिए ऑनलाइन वीसी के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यशाला का भी आयोजन किया गया था.
पिछले सत्र में हुई थी गड़बड़ियां
गौरतलब है कि पिछले सत्र में चांसलर पोर्टल से नामांकन लिए जाने को लेकर कई परेशानियां सामने आईं थी. विद्यार्थियों को समस्याओं से जूझना पड़ा था .इसे देखते हुए तमाम विश्वविद्यालयों के साथ उच्च शिक्षा विभाग की प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जाएगी और उसके बाद नामांकन की प्रक्रिया को सरल किया जाएगा.
हालांकि इस बार विभाग की ओर से चांसलर पोर्टल के जरिए नामांकन लेने को लेकर प्रक्रिया सरल की गई है. गौरतलब है कि सितंबर से नया सत्र शुरू होगा.
कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के बाद सत्र भी देरी से ही शुरू हो रहा है .यूजीसी की गाइडलाइन के तहत एकेडमिक कैलेंडर में भी बदलाव किए गए हैं. इसके तहत नामांकन प्रक्रिया 1 से 31 अगस्त तक चलेगी और नए सत्र की शुरुआत 1 सितंबर से चालू हो जाएगी.
आरयू में हो रही है लगातार ऑनलाइन बैठक
इधर रांची विश्वविद्यालय की ऑनलाइन बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं .उच्च तकनीकी शिक्षा कौशल विभाग की ओर से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यह बैठक आयोजित की गई थी.
नैक मूल्यांकन का कार्य प्रारंभ करने को लेकर निर्देशित किया गया है. आईआईक्यूए 25 मई तक अनिवार्य रूप से अपलोड करने की बात भी कही गई है. कॉलेजों के लिए नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य है.
रांची विश्वविद्यालय के अंतर्गत अभी भी बड़ी संख्या में ऐसे कॉलेज हैं जिनका नैक मूल्यांकन नहीं हुआ है. कॉलेजों को निर्देशित किया गया है कि अनिवार्य रूप से इसकी प्रक्रिया शुरू करें.