रांची: पुलिस ने तीन पीएलएफआई नक्सलियों की गिरफ्तारी का रविवार को खुलासा किया है. ग्रामीण एसपी नौशाद आलम और सिटी एसपी सौरभ ने बताया कि चुटिया के केतारीबगान और पंडरा इलाके से तीन नक्सलियों को दबोचा है, गिरफ्तार नक्सलियों के पास से पिस्टल और गोलियां भी बरामद की गई है.
35 लोगों से पीएलएफआई के नाम पर मांगी जा चुकी है रंगदारी
पूछताछ में नक्सलियों ने खुलासा किया है कि चुटिया और रांची से सटे इलाके के जमीन कारोबारी और व्यवसायी उनके निशाने पर हैं. रांची के 35 लोगों से संगठन के नाम पर रंगदारी मांगी गई है. इसमें ज्यादातर जमीन कारोबारी ही हैं. उनसे 50 से लेकर दस लाख रुपये तक की रंगदारी मांगी गई थी. इसमें से कुछ कारोबारियों ने उन्हें रकम भी दी है. कई कारोबारियों ने जल्द पैसा देने की बात कही है. पूछताछ में नक्सलियों ने उन व्यवसायियों और जमीन कारोबारियों के नाम का भी खुलासा किया है.
थाने से भागने की नाकाम कोशिश
छापेमारी के दौरान एक नक्सली ने सीवरेज पाइप के सहारे भागने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस ने उसे एके-47 राइफल कॉक कर गोली मारने की चेतावनी दी. तभी सरेंडर किया और पाइप के सहारे ऊपर चढ़ा. गिरफ्तार नक्सलियों में नगड़ी थाना क्षेत्र का विनय तिग्गा, सनी कच्छप और नयासराय का कचना पाहन शामिल है. तीनों नक्सली पीएलएफआई के एरिया कमांडर पुनई उरांव के दस्ते के हैं. पुनई के इशारे पर ही इलाके में लेवी की वसूली कर रहे थे. पुलिस ने पकड़े गए नक्सलियों के पास से दो पिस्टल के अलावा 29 गोलियां भी बरामद की है. पूछताछ में पता चला है कि रंगदारी नहीं देने पर तीनों रांची के एक जमीन कारोबारी की हत्या करने की फिराक में थे. इसी दौरान पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया.
कमीशन की लालच में पीएलएफआई से जुड़े थे अपराधी
पकड़े गए नक्सली एरिया कमांडर पुनई उरांव के दस्ते में शामिल हैं. दस्ते में वसूले गए रंगदारी की रकम में से कमीशन का लालच दिया गया था. इसी वजह से अपराधी लगातार पीएलएफआई संगठन से जुड़ रहे हैं. व्यवसायियों और जमीन कारोबारियों से रंगदारी की रकम वसूलने के बाद पुनई उरांव के पास जमा करते हैं. राशि वसूली के एवज में उन्हें 20 से 30 प्रतिशत तक कमीशन भी दिया जाता है. इसके अलावा किराया और खाने पीने की व्यवस्था भी संगठन ही करता है.
किराए के मकान में शिफ्ट होने वाले थे
चुटिया के केतारीबगान निवासी विरेंद्र मंडल के घर पर बाइक से उग्रवादी कचना पाहन और विनय तिग्गा पहुंचे थे. उनका मकान किराए पर मांग रहे थे, लेकिन कागजात भी नहीं दे रहे थे. संदेह होने पर मंडल ने इसकी जानकारी नामकुम पुलिस को दी. इसके बाद पुलिस ने दोनो को छापेमारी कर गिरफ्तार किया. उसके निशानदेही पर सनी कच्छप को पंडरा से पकड़ा गया.
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इंटरनेट कॉल के जरिए मांगते थे रंगदारी
ग्रामीण एसपी ने बताया कि पकड़े गए उग्रवादी इंटरनेट कॉल के जरिए रंगदारी मांग रहे थे. विनय और सनी कच्छप के पास से पुलिस को एक सीम बरामद हुआ है. उस नंबर से दोनो ने कई जमीन कारोबारियों से रंगदारी मांगी है. उस सिम से केवल इंटरनेट चलाया जा रहा था. पुलिस ने तकनीकी सेल की मदद से उग्रवादियों को दबोचा है.
नक्सलियों का रहा है अपराधिक इतिहास
पकड़े गए उग्रवादियों का आपराधिक इतिहास रहा है. सनी कच्छप नगड़ी में 21 अक्टूबर 2018 को हुई बाबू खान हत्याकांड में शामिल था. इस मामले में फरार चल रहा था. इसके अलावा रातू थाना क्षेत्र में हुई इम्तियाज अंसारी के हत्याकांड में भी फरार चल रहा था. ओरमांझी इलाके में सुंदरदास नाम के व्यक्ति को गोली मारी थी, जबकि विनय तिग्गा अपने ही चाचा प्रकाश तिग्गा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके अलावा नगड़ी थाना में रंगदारी लूटपाट और आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज हैं.