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झारखंड में पुलिसिंग सुधारने के लिए तीन बड़े कवायद, अब छह महीने में बदले जाएंगे बॉडीगार्ड

झारखंड में नक्सल गतिविधियों पर लगाम लगाने के साथ-साथ बेहतर पुलिसिंग के लिए तीन तरह से काम करने का निर्णय लिया गया है. राज्य के सभी जिलों में बॉडीगार्ड के तौर पर तैनात पुलिसकर्मियों को हर छह महीने में बदला जाएगा. इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को आईजी अभियान ने आदेश जारी कर दिया है.

Three major exercise efforts to improve policing in Jharkhand
झारखंड पुलिस मुख्यालय
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Published : Feb 24, 2021, 12:03 AM IST

रांची: झारखंड में डीजीपी नीरज सिन्हा ने पदभार ग्रहण करने के बाद नक्सल गतिविधियों पर लगाम कसने के साथ-साथ बेहतर पुलिसिंग के लिए तीन तरह से काम करने का निर्णय लिया है. नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में आगजनी की वारदातों को रोकने के लिए इलाके के थानेदारों के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी तय की गई है. वहीं जिलों की पुलिसिया सिस्टम सुधारने को लेकर पुलिस मुख्यालय ने बॉडीगार्ड की तैनाती से लेकर पुलिस लाइन की व्यवस्था सुधारने को लेकर भी अहम फैसले लिए हैं.

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छह महीने में बदले जाएंगे बॉडीगार्ड
झारखंड के सभी जिलों में बॉडीगार्ड के तौर पर तैनात पुलिसकर्मियों को हर छह महीने में बदला जाएगा. इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को आईजी अभियान के द्वारा आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के मुताबिक, सभी जिलों के एसपी को यह सुनिश्चित करना है कि गार्ड के तौर पर तैनात पुलिसकर्मी एक जगह पर छह महीने से अधिक तैनात नहीं रहें. पूर्व में भी बॉडीगार्ड के तौर पर तैनात पुलिसकर्मियों को दोबारा बॉडीगार्ड के तौर पर ही तैनात करने के आदेश पर पुलिस मुख्यालय ने रोक लगाई थी. पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, गार्ड की तैनाती प्रोफेशनल तरीके से हो इसके लिए छह महीने के अंतराल पर गार्ड हटाने का नियम बनाया जा रहा है. कई बार बॉडीगार्ड लंबे समय से एक ही जगह रहने की स्थिति में प्रोफेशनल तरीके से काम के बजाय निजी स्टाफ की तरह काम लिए जाने के मामले भी सामने आए हैं. राज्य पुलिस के द्वारा बॉडीगार्ड के एवज में भुगतान के लिए भी जिलों के एसपी के द्वारा मुख्यालय के आदेश पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं.



हर सप्ताह जिलों के एसपी को करनी होगी पुलिस लाइन की चेकिंग
राज्य के सभी जिलों के पुलिस लाइन में हर हफ्ते जाकर जिलों के एसपी को पुलिस लाइन की जांच करनी होगी. पुलिस मुख्यालय के आदेश के मुताबिक, जिलों के एसपी हर हफ्ते पुलिस लाइन जाकर सार्जेंट मेजर कार्यालय, रक्षित कार्यालय के सभी फाइलों की जांच करेंगे. जांच में अगर कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसके आधार पर कार्रवाई का आदेश भी जिलों के एसपी के द्वारा दिया गया है. पुलिस लाइन में पुलिसकर्मी रहते हैं, उनके रहन सहन की व्यवस्था दुरूस्त हो ताकि काम का बेहतर माहौल मिल सके, इसका प्रयास भी मुख्यालय के स्तर से किया जा रहा है.

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माओवादियों- अपराधियों की आगजनी पर लगाम कसने की योजना
हाल के दिनों में लेवी के लिए आगजनी की घटनाएं उग्रवादी और संगठित आपराधिक गिरोह के ओर से की जा रही है. लेवी के लिए आगजनी की वारदातों को रोका जा सके इसके लिए विशेष शाखा के द्वारा जिलों को निर्देश दिया गया है. इस निर्देश के मुताबिक, सभी 24 जिलों में थानेदारों को वैसे स्थलों को चिन्हित करना होगा, जहां - जहां विकास योजनाओं से जुड़े निर्माण कार्य चल रहे हैं. वैसे स्थलों को चिन्हित किए जाने के बाद थानेदारों की जिम्मेदारी होगी कि काम खत्म करने के बाद निर्माण स्थल से जेसीबी समेत तमाम वाहनों को नजदीकी थाना या पिकेट के पास शिफ्ट किया जाए, ताकि आपराधिक- उग्रवादी तत्व वाहनों में आगजनी न कर सकें.

रांची: झारखंड में डीजीपी नीरज सिन्हा ने पदभार ग्रहण करने के बाद नक्सल गतिविधियों पर लगाम कसने के साथ-साथ बेहतर पुलिसिंग के लिए तीन तरह से काम करने का निर्णय लिया है. नक्सल प्रभाव वाले इलाकों में आगजनी की वारदातों को रोकने के लिए इलाके के थानेदारों के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी तय की गई है. वहीं जिलों की पुलिसिया सिस्टम सुधारने को लेकर पुलिस मुख्यालय ने बॉडीगार्ड की तैनाती से लेकर पुलिस लाइन की व्यवस्था सुधारने को लेकर भी अहम फैसले लिए हैं.

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छह महीने में बदले जाएंगे बॉडीगार्ड
झारखंड के सभी जिलों में बॉडीगार्ड के तौर पर तैनात पुलिसकर्मियों को हर छह महीने में बदला जाएगा. इस संबंध में सभी जिलों के एसपी को आईजी अभियान के द्वारा आदेश जारी किया गया है. इस आदेश के मुताबिक, सभी जिलों के एसपी को यह सुनिश्चित करना है कि गार्ड के तौर पर तैनात पुलिसकर्मी एक जगह पर छह महीने से अधिक तैनात नहीं रहें. पूर्व में भी बॉडीगार्ड के तौर पर तैनात पुलिसकर्मियों को दोबारा बॉडीगार्ड के तौर पर ही तैनात करने के आदेश पर पुलिस मुख्यालय ने रोक लगाई थी. पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, गार्ड की तैनाती प्रोफेशनल तरीके से हो इसके लिए छह महीने के अंतराल पर गार्ड हटाने का नियम बनाया जा रहा है. कई बार बॉडीगार्ड लंबे समय से एक ही जगह रहने की स्थिति में प्रोफेशनल तरीके से काम के बजाय निजी स्टाफ की तरह काम लिए जाने के मामले भी सामने आए हैं. राज्य पुलिस के द्वारा बॉडीगार्ड के एवज में भुगतान के लिए भी जिलों के एसपी के द्वारा मुख्यालय के आदेश पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं.



हर सप्ताह जिलों के एसपी को करनी होगी पुलिस लाइन की चेकिंग
राज्य के सभी जिलों के पुलिस लाइन में हर हफ्ते जाकर जिलों के एसपी को पुलिस लाइन की जांच करनी होगी. पुलिस मुख्यालय के आदेश के मुताबिक, जिलों के एसपी हर हफ्ते पुलिस लाइन जाकर सार्जेंट मेजर कार्यालय, रक्षित कार्यालय के सभी फाइलों की जांच करेंगे. जांच में अगर कोई गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसके आधार पर कार्रवाई का आदेश भी जिलों के एसपी के द्वारा दिया गया है. पुलिस लाइन में पुलिसकर्मी रहते हैं, उनके रहन सहन की व्यवस्था दुरूस्त हो ताकि काम का बेहतर माहौल मिल सके, इसका प्रयास भी मुख्यालय के स्तर से किया जा रहा है.

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माओवादियों- अपराधियों की आगजनी पर लगाम कसने की योजना
हाल के दिनों में लेवी के लिए आगजनी की घटनाएं उग्रवादी और संगठित आपराधिक गिरोह के ओर से की जा रही है. लेवी के लिए आगजनी की वारदातों को रोका जा सके इसके लिए विशेष शाखा के द्वारा जिलों को निर्देश दिया गया है. इस निर्देश के मुताबिक, सभी 24 जिलों में थानेदारों को वैसे स्थलों को चिन्हित करना होगा, जहां - जहां विकास योजनाओं से जुड़े निर्माण कार्य चल रहे हैं. वैसे स्थलों को चिन्हित किए जाने के बाद थानेदारों की जिम्मेदारी होगी कि काम खत्म करने के बाद निर्माण स्थल से जेसीबी समेत तमाम वाहनों को नजदीकी थाना या पिकेट के पास शिफ्ट किया जाए, ताकि आपराधिक- उग्रवादी तत्व वाहनों में आगजनी न कर सकें.

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