रांची: लोक संस्कृति और कलाओं का संरक्षण करने के उद्देश्य से राजधानी रांची में 5 मई से तीन दिवसीय सांसद सांस्कृतिक महोत्सव आयोजित किया जाएगा. इसके माध्यम से युवाओं में छिपे कलाओं को निखारने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. रांची सांसद संजय सेठ के सौजन्य से आयोजित हो रहे इस सांस्कृतिक महोत्सव का उद्घाटन 5 मई को केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा करेंगे.
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सांस्कृतिक महोत्सव के दूसरे दिन यानी 6 मई को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी शिरकत करेंगे. तीसरे और अंतिम दिन यानी 7 मई को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के अलावा कला क्षेत्र के कई नामचीन हस्ती इस महोत्सव में मौजूद रहेंगे. तीन दिवसीय हो रहे इस सांस्कृतिक महोत्सव में 10 विधाओं में युवा कलाकारों की भागीदारी होगी. जिसमें जनजातीय नृत्य, क्लासिकल नृत्य, वोकल, सोलो, जनजातीय इंस्ट्रुमेंटल सोलो, कोरियोग्राफी, थीम बेस्ड डांस, माइम, लोक नृत्य, सामूहिक गीत भारतीय और पाश्चात्य, क्लासिकल नृत्य और लघु नाटिका शामिल है.
2500 कलाकारों के भाग लेने की है संभावना: रांची लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत रहने वाले विभिन्न आयु वर्ग के कलाकार इस तीन दिवसीय महोत्सव में शामिल होंगे. जानकारी के मुताबिक 10 से 17 वर्ष आयु वर्ग के युवा कलाकारों की अलग प्रतियोगिता होगी. वहीं 18 वर्ष से ऊपर के कलाकारों की अलग प्रतियोगिता होगी. इसके लिए 5 स्थान रांची में निर्धारित किए गए हैं. अब तक इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए 1100 आवेदन आ चुके हैं. संभावना जताई जा रही है कि 25 अप्रैल तक 2500 आवेदन आ जाएंगे.
पीएम मोदी की फोटो के साथ बने प्रमाण पत्र दिए जाएंगे: रांची सांसद संजय सेठ ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों से प्रभावित होकर यह सांसद सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें सभी प्रतिभागियों को पीएम मोदी के चित्र के साथ बने प्रमाण पत्र दिए जाएंगे. इसके अलावा विभिन्न विधाओं के प्रतियोगिता में सफल होने वाले प्रथम 3 कलाकारों को प्रशस्ति पत्र के साथ साथ मेडल देकर सम्मानित किया जाएगा.
कलाकारों की प्रतिभा को निखारा जाएगा: सांसद सांस्कृतिक महोत्सव करने का उद्देश्य यह है कि स्थानीय कलाकारों को उनकी प्रतिभा को निखारा जाए, जिससे युवा पीढ़ी में एकता, भाईचारा, शांति, सामाजिक समरसता और नेतृत्व की भावना पैदा हो सके. समारोह में प्रतिभागियों के साथ-साथ राज्य भर से दिग्गज कलाकार भी जुटेंगे. जिससे रांची सांस्कृतिक कार्यक्रमों का केंद्र बनेगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में 32 जनजातियां हैं. क्षेत्रीय जनजातीय नृत्य शैली जैसे मर्दानी, झूमर, जननी, खड़िया, मुंडारी नृत्य, पाईका नृत्य आदि इस आयोजन का हिस्सा होगा.
इसी तरह जनजातीय वाद्य यंत्र प्रतियोगिता में झारखंड के वाद्य यंत्र भेरी, नगाड़ा, ढाक, मंदार, बांसुरी, सारंगी, ढोल कराह इस आयोजन का हिस्सा होंगे. यह महोत्सव कार्यक्रम नहीं बल्कि प्रतियोगिता है. सांसद ने कहा कि शास्त्रीय नृत्य जिसमें कत्थक, ओडिसी, मणिपुरी, कुचिपुड़ी, भरतनाट्यम, कथकली और मोहिनीअट्टम में जो युवा कलाकार प्रस्तुति देंगे उन्हें भी सम्मानित किया जाएगा. इस अवसर पर पद्मश्री मुकुंद नायक ने कहा कि या अपने आप में अलग प्रतियोगिता है जिससे यहां के कलाकारों को प्रोत्साहन मिलेगा.