रांची: जिले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने पिस्कामोड़ स्थित ओम रोडवेज के ट्रक सहित 625 पैकेट वालपुट्टी मामले का खुलासा कर लिया है. चोरी करने वाले पूरे गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन को गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तार आरोपियों में चतरा जिले के टंडवा थाना क्षेत्र का मो. इमरान, रांची के चान्हो थाना क्षेत्र का अबु रेहान और हिंदपीढ़ी का विक्रम प्रसाद शामिल है.
प्लानिंग के साथ घटना को दिया था अंजाम
इस गिरोह ने पूरी प्लानिंग के साथ घटना को अंजाम दिया था. घटना के लिए गाड़ी में फर्जी नंबर प्लेट लगाने से लेकर फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस तक तैयार किया गया था. आरोपितों की निशानदेही पर पुलिस ने बरियातू के चेशायर होम स्थित एक निर्धाणाधीन भवन से बर्जर वालपुट्टी भी बरामद किया है. गिरफ्तार आरोपियों में चतरा जिले के टंडवा थाना क्षेत्र का मो. इमरान, रांची के चान्हो थाना क्षेत्र का अबु रेहान और हिंदपीढ़ी का विक्रम प्रसाद शामिल है. वहीं पांच अपराधी मो. अरशद, मो. जियाउल, जमील, संतोष और मुकेश पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. इन अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस उसके संबंधित ठिकानों पर छापेमारी भी की, लेकिन सभी फरार मिले.
बिल्डर के निर्धाणाधीन भवन में किया था अनलोड
ग्रामीण एसपी ने बताया स्वास्तिक इंटरप्राइजेज के संचालक को 625 बोरा वालपुटी मुजफ्फरपुर भेजना था. इसके लिए संचालक ने ओम रोडवेज से संपर्क किया. ओम रोडवेज के संचालक विद्यानंद सिंह ने माल बिहार भेजने को तैयार हो गया. इसकी जानकारी मिलने के बाद अपराधी मुकेश ने विद्यानंद से संपर्क किया. कहा कि उनके पास एक ट्रक है माल कहीं भेजना है तो बताएं. सहमति के बाद अपराधियों ने अपनी ट्रक में ओम रोडवेज से दो अगस्त को 625 बोरा वालपुट्टी लोड किया. चालक व खलासी ने अपने दस्तावेज फर्जी रोडवेज में जमा किए. इसके बाद रात में माल लेकर वे लोग निकले. इसी दौरान अपराधी मुकेश ने चेशायर होम रोड निवासी विक्रम से संपर्क किया. कहा कि वालपुटी खरीदना है तो बताएं, विक्रम तैयार हो गया. उसने माल को अपने प्रतिष्ठान में उताने के बजाए चेशायर होम के एक बिल्डर के निर्धाणाधीन भवन में उतरवा दिया. पुलिस ने 94 बोरा इसी भवन से वालपुटी बरामद किया है.
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फर्जी कागजातों का इस्तेमाल
ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि घटना को अंजाम देने के लिए फर्जी ट्रक, डीएल आदि का इस्तेमाल किया गया. जांच के क्रम के मोबाइल नंबर के आधार पर आरोपियो को गिरफ्तार किया गया है. गिरोह के सदस्य पहले भी ट्रक से माल गायब कर उसे बेच चुके हैं. पकड़े गए इमरान से खुलासा किया कि संतोष ने फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाकर खुद ट्रक का चालक बन गया था. वहीं अबु रेहान ट्रक का खलासी बना था. मुकेश को ट्रक का मालिक के रूप में ओम रोडवेज के समक्ष प्रस्तुत किया गया था.