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रांचीः नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी करार, 29 फरवरी को कोर्ट सुनाएगी सजा

पोक्सो की विशेष अदालत ने गुरुवार को रांची जिले के चान्हो थाना क्षेत्र के एक नाबालिक से सामूहिक दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के जूर्म में तीन अभियुक्तों को दोषी ठहराया है. सभी को 29 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी.

Three accused of gang-rape of minor convicted in ranchi
रांची सिविल कोर्ट
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Published : Feb 27, 2020, 11:16 PM IST

रांची: पोक्सो की विशेष अदालत ने गुरुवार को नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के जूर्म में खलारी निवासी अजय साहू, अरुण साव और विनोद सिंह को दोषी ठहराया है. सभी दोषियों को आगामी 29 फरवरी को रांची सिविल कोर्ट में सजा सुनाई जाएगी.

पोक्सो की विशेष अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के तीन साल पुराने मामले में अपना फैसला सुनाया है. मामला चान्हो थाना क्षेत्र से जुड़ा है. जहां, 6 जून 2017 को नाबालिग लड़की अपनी सहेलियों के साथ मंडा मेला घूमने गई थी. इस दौरान अरुण साव नामक युवक ने नाबालिग को बहला-फुसला कर उसे सहेलियों से अलग किया, फिर उसके साथ रात भर सामूहिक दुष्कर्म किया. जिसके बाद घटना के दूसरे दिन सात जून को नाबालिग अपने घर पहुंची थी.

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परिजनों के अनुसार घटना के बाद घर पहुंची नाबालिग ने घटना के विषय में जानकारी दी. उसी दिन अरुण भी उसके घर पहुंचा था, जहां नाबालिग के परिवार और अरुण के बीच काफी बहस हुई थी. जिसके अगले दिन ही नाबालिग ने खुद को घर में बंद करके खुद को आग के हवाले कर दिया था. इलाज के दौरान रिम्स में उसकी मौत हो गई थी. इस घटना के संबंध में 8 जून 2017 को परिजनों के बयान पर तीन अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. 30 सितंबर 2018 को आरोप गठन और 19 जनवरी 2019 को आरोप तय हुआ था.

रांची: पोक्सो की विशेष अदालत ने गुरुवार को नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म और आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के जूर्म में खलारी निवासी अजय साहू, अरुण साव और विनोद सिंह को दोषी ठहराया है. सभी दोषियों को आगामी 29 फरवरी को रांची सिविल कोर्ट में सजा सुनाई जाएगी.

पोक्सो की विशेष अदालत ने सामूहिक दुष्कर्म के तीन साल पुराने मामले में अपना फैसला सुनाया है. मामला चान्हो थाना क्षेत्र से जुड़ा है. जहां, 6 जून 2017 को नाबालिग लड़की अपनी सहेलियों के साथ मंडा मेला घूमने गई थी. इस दौरान अरुण साव नामक युवक ने नाबालिग को बहला-फुसला कर उसे सहेलियों से अलग किया, फिर उसके साथ रात भर सामूहिक दुष्कर्म किया. जिसके बाद घटना के दूसरे दिन सात जून को नाबालिग अपने घर पहुंची थी.

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परिजनों के अनुसार घटना के बाद घर पहुंची नाबालिग ने घटना के विषय में जानकारी दी. उसी दिन अरुण भी उसके घर पहुंचा था, जहां नाबालिग के परिवार और अरुण के बीच काफी बहस हुई थी. जिसके अगले दिन ही नाबालिग ने खुद को घर में बंद करके खुद को आग के हवाले कर दिया था. इलाज के दौरान रिम्स में उसकी मौत हो गई थी. इस घटना के संबंध में 8 जून 2017 को परिजनों के बयान पर तीन अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. 30 सितंबर 2018 को आरोप गठन और 19 जनवरी 2019 को आरोप तय हुआ था.

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