रांची: मगध अम्रपाली कोल परियोजना से निकला 5946.81 टन कोयला चोरी हो गया है. स्टॉक के मिलान के दौरान कोयला चोरी का मामला सामने आया है. मामला सामने आने के बाद इसकी जांच सीबीआई या सीआईडी से करवाने की बात कही गई है.
क्या है मामला
इतने बड़े पैमाने पर कोयला चोरी का यह मामला तब सामने आया, जब लातेहार जिले के बालूमाथ स्थित फुल बसिया रेलवे साइडिंग से कोयले के स्टॉक की मिलान की गई. कोयला गायब होने की जानकारी जब लातेहार के एसपी प्रशांत आनंद को मिली तब उन्होंने इस मामले में रेंज के डीआईजी अखिलेश झा को जानकारी दी थी. अब डीआईजी अखिलेश झा ने पुलिस मुख्यालय को इस संबंध में पत्र भेजकर अवगत कराया है. वहीं, पूरे मामले की जांच सीबीआई या राज्य की जांच एजेंसी सीआईडी से कराने की मांग की गई है. मामला सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में सीआईडी को पत्र लिखा है.
कोयला माफिया की मिलीभगत
लातेहार एसपी प्रशांत आनंद ने जो डीआईजी अखिलेश झा को जानकारी दी है, उसके मुताबिक सहारा कोयला लिंकेज की संलिप्तता है. कोयला चोरी में ट्रांसपोर्ट से जुड़े विभिन्न लोगों और कंपनियों की संलिप्तता की आशंका जताई गई है. जानकारी के मुताबिक मगध अम्रपाली से निकलने वाला कोयला पंजाब समेत कई राज्यों की बिजली कंपनियों को जाता है. पूर्व में कई बार कोयला में मिलावट कर घटिया कैटेगरी का कोयला बेचे जाने का मामला भी सामने आया था, लेकिन इस बार करोड़ों के कोयला चोरी की बात सामने आई है.
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ऐसे हुआ खुलासा
लातेहार के फुल बसिया कोयला रेलवे साइडिंग पर हाल में ही साइडिंग मैनेजर ने जांच की थी. जांच में डीओ नंबर 1009 और 1010 की जांच की गई. जांच में यह बात सामने आई कि मगध से 5559.96 टन कोयला फुल बसिया साइडिंग पर भेजा गया था, लेकिन साइट पर 406.67 टन कोयला ही बचा था. ऐसे में स्टॉक के मिलान के बाद 594 6.81 टन कोयला साइड से गायब था. आशंका जताई जा रही है कि गायब कोयले की तस्करी कर दी गई है. गौरतलब है कि हाल में ही लातेहार में बड़े पैमाने पर फर्जी कागजात के जरिए कोयला तस्करी का मामला भी सामने आया था.