रांची: झारखंड विधानसभा के 22वें स्थापना दिवस (Jharkhand Assembly Foundation Day celebration) समारोह को यादगार बनाने के लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. समारोह का आज अंतिम दिन है. आज झारखंड छात्र संसद का आयोजन किया जाएगा. जिसमें 24 छात्र-छात्राएं शामिल होंगी. आज ही समारोह का समापन होगा.
ये भी पढ़ेंः केंद्र और राज्य संबंध पर नेशनल सेमिनार, राज्यपाल के उत्तरदायित्व निर्धारित करने पर हुई चर्चा
छात्र संसद का आयोजन: बता दें कि आज 24 नवंबर को द्वितीय झारखंड छात्र संसद (Jharkhand Student Parliament) का आयोजन होगा. इसके लिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों के 111 छात्रों के ऑनलाइन स्क्रीनिंग टेस्ट और इंटरव्यू के बाद चयनित 24 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ है. इसके लिए रांची से साक्षी प्रिया, खूंटी से पूजा शेखर, सिमडेगा से दिव्या वंसल, लोहरदगा से गीता श्रेया, पूर्वी सिंहभूम से सीमा हेंब्रम, पश्चिमी सिंहभूम से हेमंत कालुंडिया, सरायकेला से विवेक कपूर, हजारीबाग से मुस्कान कुमारी सिन्हा, रामगढ़ से कौशल कुमार, चतरा से आस्था कुमारी आर्या, धनबाद से पीयूष कुमार, कोडरमा से सचिन कुमार, गिरिडीह से रूद्रप्रताप सिंह, दुमका से सुहानी आनंद, देवघर से आकाश कुमार लाल, गोड्डा से स्वाति राज, साहिबगंज से खुशीलाल पंडित, पाकुड़ से काकुली कर्मकार, पलामू से गोविंद कुमार मेहता, गढ़वा से अदिति राज लक्ष्मी, लातेहार से सुधा कुमारी, बोकारो से सोनी कुमारी, गुमला से मरियम खलखो और जामताड़ा से अल्ताफ अंसारी का चयन हुआ है.
आपको बता दें कि स्थापना दिवस समारोह के दूसरे दिन दिन में पहले संघ राज्य संबंधों पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ. जिसमें देश भर से आए विद्वानों ने अपने विचार रखे. उसके बाद शाम में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया. जिसमें पहले स्थानीय लोक कलाकारों ने अपना जलवा बिखेरा. जिस पर माननीय समेत तमाम लोग खूब झूमे. बाद में देर शाम कवियों की महफिल सजी. प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास समेत तमाम कवियों ने अपनी प्रस्तुति दी. जिसका लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया.
बता दें कि इससे पहले 22 दिसंबर को स्थापना दिवस समारोह का शानदार आगाज हुआ. राज्यपाल रमेश बैस ने समारोह का उद्घाटन किया. जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत तमाम मंत्री और विधायक शामिल थे. झारखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम में (22nd Anniversary of Jharkhand Legislative Assembly) राज्यपाल ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनकी बदौलत झारखंड देश का 28वां राज्य बना, लेकिन अब मंथन करने की जरूरत है कि लोक आकांक्षाओं पर हम कहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि जनता सर्वोपरी होती है. जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी और मर्यादा को अक्षुण रखना जनप्रतिनिधियों का दायित्व होता है. कार्यवाही में बढ़ता अवरोध चिंता का विषय है. ऐसा करना चाहिए कि जनता खुद कहे कि हमारा विधायक सर्वश्रेष्ठ है. इस दौरान उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के दिनों को साझा करते हुए कहा कि उनका दरवाजा सबके लिए खुला रहा. उन्होंने कभी भेदभाव नहीं किया. राजनीति का मकसद ही लोगों की सेवा करना होना चाहिए.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज खुशी का दिन है. जब हम एकीकृत बिहार में थे तो एक बड़े भौगोलिक क्षेत्र में यहां के विधायक गुम हो जाते थे. पटना से दूर होने के कारण कई समस्याएं उत्पन्न हुईं. बाद में अनचाहे वातावरण बनने लगे. आदिवा, दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर शोषण लंबे समय तक चला. अंग्रेजों के जाने के बाद भी समस्याओं से निजात के लिए लड़ाई चली. दिशोम गुरू शिबू सोरेन के नेतृत्व में लंबे संघर्ष के बाद झारखंड राज्य मिला. इसके बाद राज्य को दिशा देने के सिलसिला शुरू हुआ. लेकिन मैं इस बात पर चर्चा नहीं करना चाहूंगा कि इतने वर्षों में हम कहां पहुंचे.