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रांचीः केंद्रीय विश्वविद्यालय जमीन अधिग्रहण का मामला सदन में उठा, समरी लाल ने कहा- रैयतों को नहीं मिला मुआवजा

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Published : Mar 23, 2021, 8:28 PM IST

झारखंड विधानसभा बजट सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को कांके विधानसभा क्षेत्र में बन रहे हैं केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए किए गए जमीन अधिग्रहण का मामला उठा. विधायक समरी लाल ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण को लेकर राज्य सरकार की ओर से चेरी मनातू में लगभग 501 एकड़ जमीन आवंटित की है. इस जमीन को सरकार ने अधिग्रहण किया है. लेकिन, जमीन के रैयतों को मुआवजा नही मिला है.

रांची
सदन के बाहर विधायक समरी लाल

रांचीः झारखंड विधानसभा बजट सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को कांके विधानसभा क्षेत्र में बन रहे हैं केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए किए गए जमीन अधिग्रहण का मामला उठा. विपक्ष के विधायकों ने सवाल उठाते हुए कहा कि जमीन अधिग्रहण हो गया है. लेकिन, रैयतों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ेंःझारखंड के नेशनल हाइवे का हाल, 21 वर्षों में कैसे दोगुना हो गया राज्य में एनएच का दायरा, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

विधानसभा में विधायक समरी लाल ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण को लेकर राज्य सरकार की ओर से चेरी मनातू में लगभग 501 एकड़ जमीन आवंटित की है. इस जमीन को सरकार ने अधिग्रहण किया है. लेकिन, जमीन के रैयतों को मुआवजा नही मिला है. उन्होंने कहा कि केंद्रिय विश्वविधालय में स्थानीय लोगों को नौकरी में प्राथमिकता दी जाए, ताकि जिन रैयतों की जमीन गई हैं, उन्हें रोजगार मिल सके. इसके साथ ही सरकार विस्थापित योजना लाकर लोगों को पुनर्वास करें. उन्होंने कहा कि चारों तरफ बाउंड्री का काम किया जा रहा है, जिससे लोगों की खेती-किसानी खत्म हो गई हैं. स्थानीय लोगों की मांग है कि बीच का रास्ता दिया जाए.
बता दें कि एक मार्च 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रभा पाटिल की अनुमति के बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड की स्थापना की गई थी. वर्तमान में केंद्रीय विश्वविद्यालय राजधानी रांची के ब्रांबे में संचालित किया जा रहा हैं.

रांचीः झारखंड विधानसभा बजट सत्र के अंतिम दिन मंगलवार को कांके विधानसभा क्षेत्र में बन रहे हैं केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए किए गए जमीन अधिग्रहण का मामला उठा. विपक्ष के विधायकों ने सवाल उठाते हुए कहा कि जमीन अधिग्रहण हो गया है. लेकिन, रैयतों को अब तक मुआवजा नहीं मिला है.

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विधानसभा में विधायक समरी लाल ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण को लेकर राज्य सरकार की ओर से चेरी मनातू में लगभग 501 एकड़ जमीन आवंटित की है. इस जमीन को सरकार ने अधिग्रहण किया है. लेकिन, जमीन के रैयतों को मुआवजा नही मिला है. उन्होंने कहा कि केंद्रिय विश्वविधालय में स्थानीय लोगों को नौकरी में प्राथमिकता दी जाए, ताकि जिन रैयतों की जमीन गई हैं, उन्हें रोजगार मिल सके. इसके साथ ही सरकार विस्थापित योजना लाकर लोगों को पुनर्वास करें. उन्होंने कहा कि चारों तरफ बाउंड्री का काम किया जा रहा है, जिससे लोगों की खेती-किसानी खत्म हो गई हैं. स्थानीय लोगों की मांग है कि बीच का रास्ता दिया जाए.
बता दें कि एक मार्च 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रभा पाटिल की अनुमति के बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड की स्थापना की गई थी. वर्तमान में केंद्रीय विश्वविद्यालय राजधानी रांची के ब्रांबे में संचालित किया जा रहा हैं.

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