रांची: वेतनमान की मांग को लेकर पिछले 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे राज्य के टेट पास पारा शिक्षकों ने मांगें नहीं माने जाने पर आत्मदाह की धमकी दी है. राजभवन के समीप मंगलवार को अनिश्चितकालीन धरना के 22वें दिन टेट पास पारा शिक्षकों ने सरकार को अविलंब मांगें मानने की धमकी दी है. धरना पर बैठे पारा शिक्षकों ने रांची संवाददाता भुवन किशोर झा से खास बातचीत में सरकार पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अभी तक किसी भी अधिकारी की ओर से वार्ता के लिए पहल नहीं की गई है. ऐसे में यदि सरकार हमारी मांग पूरा नहीं करती है तो सामूहिक रुप से टेट पास पारा शिक्षक आत्मदाह करने को मजबूर हो जायेंगे.
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धरना पर बैठे विनोद कुमार ने सरकार की वादाखिलाफी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हेमंत सरकार ने चुनाव के वक्त आश्वासन दिया था कि हमारी सरकार बनते ही तीन महीने के अंदर पारा शिक्षकों को वेतनमान दिया जायेगा. मगर ऐसा नहीं हो सका और आज चार साल बीत गये हैं सरकार के कान में जू तक नहीं रेंग रही है. पारा शिक्षक बबलू घोष और सुषमा कुमारी भी सरकार की उदासीन रवैया से नाराज दिखे. इन पारा शिक्षकों का मानना है कि सरकार से हुई वार्ता में यह कहा गया कि वेतनमान को लेकर एक महीने के अंदर कमिटी बनाकर पहल की जायेगी. मगर इसका भी दो साल से ज्यादा समय बीत चूके हैं.
22वें दिन साहिबगंज जिला के टेट पास पारा शिक्षक धरना पर बैठे: राजभवन के समक्ष चल रहे अनिश्चितकालीन आंदोलन के तहत 22वें दिन साहिबगंज जिला के टेट पास पारा शिक्षकों ने धरना दिया. इन शिक्षकों के द्वारा सरकार पर निशाना साधते हुए वेतनमान की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी भी की गई. दरअसल इन टेट पास पारा शिक्षकों की नाराजगी तब और बढ़ गई जब अल्पसंख्यक विद्यालयों में बिना जेटेट पास अभ्यर्थियों को केवल प्रशिक्षण के आधार पर सीधे 4200-4600 ग्रेड पे पर बिना किसी परीक्षा के बहाली की गई और विभागीय आदेश को भी प्रतिनिधिमंडल के मिलते ही आनन फानन में बदल दिया गया. वहीं, दूसरी ओर टेट पास पारा शिक्षकों को जेएसएससी द्वारा आयोजित हो रही सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा में शामिल होने को कहा गया.