रांची: झारखंड को टीबी मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य महकमा विशेष अभियान चला रहा है. इसके लिए टीबी टास्क फोर्स तकनीक का इस्तेमाल करने में जुटी है. शुक्रवार को
झारखंड के नेपाल हाउस सभागार में टीबी मुक्त झारखंड के संकल्प को पूरा करने के लिए स्टेट टीबी टास्क फोर्स की बैठक में इस पर फिर मंथन हुआ. इसको लेकर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य के सुदूरवर्ती और दूरदराज के क्षेत्रों की जियोग्राफिकल मैपिंग (भौगोलिक मानचित्रण) कराने का फैसला लिया गया. इससे स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों का आकलन करते हुए वहां टीबी उन्मूलन को लेकर ठोस कार्रवाई और अभियान चलाने का कार्य किया जाएगा.
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नेपाल हाउस स्थित सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सुदूरवर्ती, दुर्गम और दूरस्थ क्षेत्रों का भौगोलिक मानचित्रण कर टीबी उन्मूलन को लेकर ठोस रणनीति बनाई जाएगी, जिसमें विभिन्न विभागों और टीबी के क्षेत्र में कार्य करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी.
बैठक के दौरान राज्य में संचालित टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को विभिन्न विभागों एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित कराने पर जोर दिया गया और कार्यक्रम अंतर्गत दी जानेवाली सुविधाओं, जिनमें मुफ्त जांच, उपचार एवं निक्षय पोषण योजना की सुविधा के अलावा अन्य सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से सभी टीबी रोगियों को जोड़ने तथा लोगों के बीच जागरुकता फैलाने में सहयोग प्राप्त करने का आह्वान अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने किया है.
बैठक में एनएचएम, झारखंड के अभियान निदेशक के अलावा खाद्य विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, जेएसएलपीएस, कल्याण विभाग, श्रम नियोजन, खान एवं भूतत्व विभाग, सीसीएल के प्रतिनिधियों एवं टीबी नियंत्रण के क्षेत्र में कार्यरत गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे.