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नगर निकाय चुनाव पर संशय: सरकार कर रही है एसएलपी दाखिल करने की तैयारी, आखिर कैसे बनेगी शहर की सरकार - झारखंड हाई कोर्ट

Municipal elections in Jharkhand. झारखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर संशय बरकरार है. सरकार के रवैये को देखते हुए यह माना जा रहा है कि वो फिलहाल चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है. हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी सरकार की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है.

Suspense continues regarding municipal elections in Jharkhand
Suspense continues regarding municipal elections in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 16, 2024, 11:03 AM IST

Updated : Jan 16, 2024, 11:51 AM IST

अरुण कुमार झा, निवर्तमान पार्षद

रांचीः नगर निकाय चुनाव पर एक बार फिर ग्रहण लगने जा रहा है. एक तरफ राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है, वहीं दूसरी ओर सरकार के द्वारा झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ एसएलपी दाखिल करने की तैयारी की जा रही है.

बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट की एकल पीठ ने पिछले दिनों तीन सप्ताह के अंदर सरकार को नगर निकाय चुनाव कराने को लेकर अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया था. जिसकी समयसीमा 25 जनवरी को समाप्त हो रही है. नगर विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक क्योंकि ओबीसी आरक्षण ट्रिपल टेस्ट को लेकर सरकार आगे कदम बढ़ा चुकी है और इस संबंध में न्यायालय के समक्ष हलफनामा भी दाखिल कर चुकी है इसलिए इसे पूरा किए बिना चुनाव कराना संभव नहीं है. इस संबंध में विधि सलाह भी ली गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला दिया गया है.

राज्य निर्वाचन आयोग तैयार, सरकार को लेना है निर्णयः इन सबके बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार को हाई कोर्ट के आदेश की प्रति लगाकर चुनाव कराने संबंधी रिपोर्ट भेज दी है. इसमें फरवरी के अंत में ईवीएम के जरिए एक ही दिन में सभी 48 नगर निकायों में चुनाव कराने की तैयारी पूर्ण होने की बात कही गई है. सरकार की अनुमति के पश्चात इसकी औपचारिक घोषणा करने की तैयारी आयोग ने की है. राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्तों को भी पत्र भेजकर निर्वाचन कार्य में होने वाले खर्च का ब्यौरा सरकार को देने का निर्देश दिया है.

सरकार ससमय नहीं लेगी निर्णय तो करेंगे अवमाननावाद दाखिलः नगर निकाय चुनाव को लेकर याचिका दाखिल करने वाले अरुण कुमार झा का मानना है कि सरकार यदि 25 जनवरी तक हाई कोर्ट के निर्देशानुसार सरकार राज्य के सभी 48 नगर निकाय क्षेत्रों में चुनाव कराने की घोषणा नहीं करती है तो अवमाननावाद दाखिल किया जाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराने के लिए तैयार है और इस संबंध में सभी उपायुक्तों को भी पत्र लिखा जा चुका है, ऐसे में सरकार यदि टाल मटोल का रवैया अपनाएगी तो हाई कोर्ट के फैसले का अवमानना माना जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग मतदान केंद्र और मतदाता सूची तैयार कर चुका है. चुंकि यह चुनाव शहरी क्षेत्र में होगा इसलिए कोई ज्यादा व्यवधान नहीं होगा. लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में शहर की सरकार बनाई जा सकती है, बशर्तें कि सरकार की मंशा साफ हो.

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रांचीः नगर निकाय चुनाव पर एक बार फिर ग्रहण लगने जा रहा है. एक तरफ राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव कराने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है, वहीं दूसरी ओर सरकार के द्वारा झारखंड हाई कोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ एसएलपी दाखिल करने की तैयारी की जा रही है.

बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट की एकल पीठ ने पिछले दिनों तीन सप्ताह के अंदर सरकार को नगर निकाय चुनाव कराने को लेकर अधिसूचना जारी करने का आदेश दिया था. जिसकी समयसीमा 25 जनवरी को समाप्त हो रही है. नगर विकास विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक क्योंकि ओबीसी आरक्षण ट्रिपल टेस्ट को लेकर सरकार आगे कदम बढ़ा चुकी है और इस संबंध में न्यायालय के समक्ष हलफनामा भी दाखिल कर चुकी है इसलिए इसे पूरा किए बिना चुनाव कराना संभव नहीं है. इस संबंध में विधि सलाह भी ली गई है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला दिया गया है.

राज्य निर्वाचन आयोग तैयार, सरकार को लेना है निर्णयः इन सबके बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने सरकार को हाई कोर्ट के आदेश की प्रति लगाकर चुनाव कराने संबंधी रिपोर्ट भेज दी है. इसमें फरवरी के अंत में ईवीएम के जरिए एक ही दिन में सभी 48 नगर निकायों में चुनाव कराने की तैयारी पूर्ण होने की बात कही गई है. सरकार की अनुमति के पश्चात इसकी औपचारिक घोषणा करने की तैयारी आयोग ने की है. राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्तों को भी पत्र भेजकर निर्वाचन कार्य में होने वाले खर्च का ब्यौरा सरकार को देने का निर्देश दिया है.

सरकार ससमय नहीं लेगी निर्णय तो करेंगे अवमाननावाद दाखिलः नगर निकाय चुनाव को लेकर याचिका दाखिल करने वाले अरुण कुमार झा का मानना है कि सरकार यदि 25 जनवरी तक हाई कोर्ट के निर्देशानुसार सरकार राज्य के सभी 48 नगर निकाय क्षेत्रों में चुनाव कराने की घोषणा नहीं करती है तो अवमाननावाद दाखिल किया जाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराने के लिए तैयार है और इस संबंध में सभी उपायुक्तों को भी पत्र लिखा जा चुका है, ऐसे में सरकार यदि टाल मटोल का रवैया अपनाएगी तो हाई कोर्ट के फैसले का अवमानना माना जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग मतदान केंद्र और मतदाता सूची तैयार कर चुका है. चुंकि यह चुनाव शहरी क्षेत्र में होगा इसलिए कोई ज्यादा व्यवधान नहीं होगा. लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में शहर की सरकार बनाई जा सकती है, बशर्तें कि सरकार की मंशा साफ हो.

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Last Updated : Jan 16, 2024, 11:51 AM IST
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