रांची: भाजपा मुख्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रेस कॉन्फ्रेंस के ठीक बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य की ओर से भी प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया. इस दौरान झामुमो ने पलटवार करते हुए रघुवर दास पर जमकर हमाल बोला.
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रघुवर सरकार में कोर्ट के अंदर होती थी हत्याएं
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुप्रियो भट्टाचार्य साल 2014 से 2019 तक के रघुवर सरकार के कार्यकाल का पूरा डाटा लेकर बैठे थे. उन्होंने नक्सल से लेकर आपराधिक मामले तक की जानकारी देते हुए कहा कि हेमंत सोरेन के एक साल का कार्यकाल और रघुवर दास के 1 साल का कार्यकाल अगर देखा जाए तो सबसे ज्यादा आपराधिक मामला रघुवर दास के 2019 के कार्यकाल के दौरान हुआ है. उस दौरान सीएम आवास के बाहर गोलियां चलती थी. नक्सलियों का तांडव हुआ करता था और उल्टा रघुवर दास इस सरकार पर आरोप लगा रहे हैं. रघुवर दास के जमाने में कोर्ट के अंदर हत्याएं होती थीं. पुलिस का हथियार सबसे ज्यादा रघुवर सरकार के कार्यकाल में ही लूटा गया है.
उद्योगपतियों को लाने में हुआ था ज्यादा खर्च
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड मोमेंटम के इन्वेस्टर को ढूंढने रघुवर दास लास वेगास चार्टर्ड प्लेन से ही गए थे और सबको पता है कि कितने इन्वेस्टर झारखंड पहुंचे. झारखंड मोमेंटम के दौरान ही हेलीकॉप्टर के कई फेरे उद्योगपतियों को लाने में खर्च हुए. इसका हिसाब शायद रघुवर दास के पास नहीं होगा या वह भूल गए होंगे. रघुवर दास अगर अपना पासपोर्ट सार्वजनिक करेंगे तो पता चलेगा कि उन्होंने क्या गुल खिलाए हैं और कितने जगहों का दौरा सरकारी पैसों पर किए हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली जाकर सिर्फ कांग्रेस के नेताओं से ही नहीं मिले, बल्कि केंद्र सरकार के मंत्रियों से भी उन्होंने मुलाकात की है.
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बंगाल चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की रणनीति
रघुवर दास के पैसे पहुंचाने के आरोप पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अगर चार्टर्ड प्लेन से पैसे पहुंचाए जाते हैं तो रघुवर दास ने अब तक कितनों को पैसे पहुंचाए हैं. क्या उनके पास इसका हिसाब है. इस दौरान सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि बंगाल चुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा भी रणनीति तैयार कर रही है. अपने बूते पर ही झामुमो बंगाल चुनाव लड़ेगा और इसे लेकर एक रैली में जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल होंगे. झारखंड में भले ही कांग्रेस-झामुमो का गठबंधन है, लेकिन अन्य राज्यों में हालात कुछ और हैं.