रांची: बरहरवा टोल प्लाजा टेंडर विवाद मामले में झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश आर मुखोपाध्याय की अदालत में मंगलवार 24 जनवरी को सुनवाई हुई. इस मामले में मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा को 24 घंटे में क्लीन चिट देने के खिलाफ याचिका दायर की गई है. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से ईडी को प्रतिवादी बनाने के हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से रोक लगाने के आदेश को पेश किया गया. कहा गया कि मामले में 3 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई निर्धारित है. इसलिए अभी इस मामले में सुनवाई को स्थगित किया जाए.
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प्रार्थी के अधिवक्ता अभय मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगाई है, जिसमें अदालत ने ईडी को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है. यह मामले का एक पार्ट है. इस मामले की सुनवाई पर कोई रोक नहीं है. प्रार्थी ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है. इसलिए इसमें सुनवाई जारी रखनी चाहिए. अदालत ने कहा ठीक है इस मामले में सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद होगी. अब मामले में चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी. 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इससे संबंधित मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए ईडी से जवाब मांगा है. मामले में अगली सुनवाई 3 मार्च को निर्धारित की गई है.
क्या है पूरा मामला: बता दें कि साहिबगंज के बरहरवा थाना में टोल प्लाजा टेंडर विवाद में शंभू नंदन कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम पर टेंडर में शामिल नहीं होने की धमकी देने का आरोप लगाया गया था. पंकज ने मोबाइल पर प्रार्थी को धमकी दी थी. पुलिस ने उसकी वॉइस रिकार्ड की फारेंसिक जांच नहीं कराई थी. दोनों को क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग करते हुए, प्रार्थी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है.