रांची: सत्ता के गलियारे और ब्यूरोक्रेसी में कभी मजबूत धमक रखने वाले झारखंड के सीनियर आईएएस अधिकारी सुनील कुमार वर्णवाल को मंगलवार को अजीबोगरीब स्थिति सामना करना पड़ा. वाक्या राजभवन के बिरसा मंडप में राज्य सरकार के कैबिनेट एक्सपेंशन से जुड़ा हुआ है, जब सुनील कुमार वर्णवाल कार्यक्रम के बीच में पहुंचे और उन्हें बैठने को अदद कुर्सी तक नसीब नहीं हुई.
कार्यक्रम के दौरान सुनील कुमार वर्णवाल ने वीआईपी गैलरी की तरफ जाने की दो बार काफी कोशिश की, लेकिन भीड़ में हिम्मत नहीं जुटा सके, जिसके बाद वो वापस बिरसा मंडप से बाहर निकल गए. सुनील वर्णवाल रघुवर दास के सरकार में प्रधान सचिव रहे थे.
इसे भी पढ़ें:- शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने रांची पहुंचे आरपीएन सिंह, कहा- आशाओं पर उतरेंगे खरा
शपथ ग्रहण कार्यक्रम समाप्ति की ओर था 7 में से 5 मंत्रियों ने बाकायदा शपथ भी ले ली थी, तभी वर्णवाल मंच की ओर जाने वाले रेड कारपेट पर टहलते हुए नजर आए. हालांकि उन्होंने उस किनारे जाने की कोशिश की जहां राज्य के आईएएस अधिकारी बैठे हुए थे, लेकिन भीड़ के दबाव की वजह से वहां तक नहीं पहुंच पाए.
सुनील कुमार वर्णवाल 1997 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उनकी रसूख का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है, कि मार्च 2015 में उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से झारखंड बुला लिया गया था. पिछले पांच साल तक वो पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री रघुवर दास के प्रधान सचिव रहे, लेकिन राज्य में जैसे ही सत्ता परिवर्तन हुआ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शपथ लेने के 24 घंटे के भीतर ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया. 30 दिसंबर को उन्हें पदस्थापन हेतु कार्मिक, प्रशासनिक सुधार विभाग में योगदान करने को कहा गया है. अभी भी वर्णवाल वेटिंग फॉर पोस्टिंग ही हैं.